कटाक्ष---(1-6-2019)

1)देवश्री चौधरीः- पूरे देश में पश्चिम् बंगाल का हाल सबसे खराब है. यहां महिलाओं पर अत्याचार काफी बढ़ गये है. मानव तस्करी,शिशु तस्करी, बलात्कार आदि हर दिन की घटना है.
(शायद इन्हें मालूम नहीं पूरे देश में पश्चिम बंगाल एक ऐसा राज्य है जहां महिलाऐं सबसे ज्यादा शेफ हैं.
आपको अपने कार्य क्षेत्र का नोलेज़ होना चाहिये.)
2)बाबुल सुप्रियोः- ममता बनर्जी की बातों में अगर बीप लगाना पड़े तो इसमें शर्म की बात और क्या हो सकती है. सी.एम. को कई लाख गेट बेल सीन कार्ड भेजने होगें. इसके अलावा उन्हें ट्वीट,ह्वाटस ऐप कर भी गेट बेल सून कहना होगा.
(3)दिलीप घोषः- 19 में हाफ और 21में साफ. मंत्री न बनने के बाबजूद ऐसा कहा. उन्होंने और कहा- ममता बनर्जी भेद-भाव की राजनीति करती है,उनकी बोलचाल से भी उन्हें दुःख होता है, हताश मानसिकता का यह सब परिणाम है. जय श्री राम की ध्वनि से पूरा सीयू (कलकत्ता यूनिवरसीटी) पवित्र हो गया है जो इससे पहले शायद अपवित्र था.
आज हम जिनका विरोध कर रहे है वे भी हमारे पार्टी में शामिल हो सकते है, हम उन्हें भी हजम कर लेगें, पर भाजपा की संस्कृति में ढलना होगा.
चुनाव आयुक्त सौरव कुमार दास से पहले के चुनाव आयुक्त वैसे भी गोबर गणेश थे, बम मारने पर भी उनकी आवाज़ तक नहीं निकलती थी. 
4दिनों में 4 पुलिस कमिशनर किये जाने पर बोले- यह किसी म्युजिकल चियर की तरह है. मो.बिनतुगलक ने भी इतने ट्रासफर नहीं किये होगें.
(दिलीप जी, भाजपा में जो जो लोग शामिल होगें उन्हें पार्टी की संस्कृति का पाठ पढ़ाने से पहले एक-एक आईना जरूर गिफट करते रहना.)इनको ममता जी की आलोचना न कर, अपनी आलोचना ना हो इस पर ध्यान देना चाहिए.)4)मुकिल रायः- 2021 से पहले गिर सकती है ममता सरकार. वो अगर पंचायत चुनाव की तरह निगम चुनाव भी करवाना चाहती है तो मैं केन्द्रिय वाहिनी की मांग करूगा.
(क्या आपको विशवास है, आपके प्रधानमंत्री जी अब आपकी मांगों को महत्व देगें ?)
5)शुभ्राशु रायः- इन्हें छोटे गद्दार कहने पर कहा, भाषा का प्रयोग मनुष्य के स्वभाव व उसकी मानसिकता स्थिति को प्रदर्शित करता है. बातचीत में लोग अपनी रूची अनुसार शब्दों का प्रयोग करते है, जो उनके व्यक्तित्व का परिचय देता है. हमारी मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी )इस गुण को खो चूकी है.
 (छोटे गद्दार जी को यह मालूम होना चाहिये दूसरों को बोलना आसान होता है.)