कटाक्ष---(2-6-201)

1)अर्जुन सिंहः- जनता ने तृणमूल को अस्वीकार कर दिया है जिस कारण गुस्से में तृणमूल नेता कुछ भी बोल रहे है. उनका कहना है- वे जनता के हित के लिये काम कर रहे है और इसलिये ममता बनर्जी को जय श्री राम लिखे हुए  10लाख पोस्ट कार्ड भिजवायेगें.
(अर्जुन भैया, भारत की जनता के हित के लिये थोड़ी सी और मेहनत कर तमिलनाडु की पार्टी डीएमके के अध्यक्ष स्टालिन जी को भी जय श्री राम लिखे हुये 10लाख पोस्ट कार्ड भिजवाने का कष्ट करें. आप की अति कृपा होगी.)   2)देवश्री चौधरीः- इनका कहना है- कौन किस देवता की पूजा करेगा, यह क्या ममता बनर्जी फैसला लेगी? इस तरह का आचरण कर वो सी एम की कुर्सी का अपमान कर रहीं है. वह संविधान विरोधी आचरण कर रही है.   
(सही कहा आपने पर यह भी बताने का कष्ट करें-कि कौन क्या खायेगा, कौन किस भाषा में बात करेगा, बैंक में कौन कितने रखेगा या निकालेगा, कौन कितने बच्चे पैदा करेगा, कौन किससे शादी करेगा, डाक्टर का बेटा डाक्टर बनेगा या नहीं बनेगा, किसान का बेटा किसान बनेगा या नहीं बनेगा, मंत्री का बेटा मंत्री बनेगा या नहीं बनेगा आदि इस तरह के फैसले, संविधान के अनुसार कौन ले सकता है?)
3)सुशील मोदीः- राहुल गाँधी जी पर निशाना साधते हुऐ बोले- कांग्रेस नेता को अब केवल वाड्रा की जमीऩ और अपनी पार्टी बचाने के लिये हर दिन लड़ना है.
अब वे ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुऐ बोले- देश के लाखों हिन्दीभाषियों  को वो राज्य से भगाने की साजिश रच रही है क्योंकि वे जय श्री राम का नारा लगा रहे है.
(लगता है भाजपा या उनके प्रधान मंत्री जी ने उन्हें अपनी पार्टी में इसलिए रखा है ताकि वो विरोधियों को निशाना बनाते रहे. और इसी चक्कर में यह भी भूल गये है कि भगवान श्री राम और सीता माता हिन्दुओं के देवी-देवताओं में से एक है. न कि वे सिर्फ हिन्दीभाषिओं के देवता है.)