हे राम-----

इन दिनों नाथुराम गोडसे को लेकर काफी गरमा-गरमी चल रही है. कई तरह के कथोपकथन, कभी पक्ष में कभी विपक्ष में. बचपन से सुनते आये है हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या नाथुराम गोडसे ने की थी. और उन्हें फाँसी हो गई थी. वे गाँधी जी के हत्यारे थे. 2019 में अचानक से इतिहास के कुछ पन्ने ,शायद गायब हो गये है. इसलिये कुछ खास-खास लोगों से विशेष-विशेष जानकारी जो मिल रही है.
बात खास लोगों से मिल रही है अतः अपने आप से सवाल पूछ रहे है, हमने इतिहास (विषय) में जो पढ़ा क्या वह गलत था या इन दिनों जो सुनने को मिल रहा है वह गलत है?
कुछ खास लोगों का कहना है- गोडसे देशभक्त थे, राष्ट्रवाद थे. इस पर कुछ विशेष लोग इसका विरोध भी कर रहे है.खास और विशेष लोगों से हट कर कुछ आम लोग होते है जिनकी बातों का कोई मोल नहीं होता, फिर भी वे आपस में बोलते रहते है.
टी.वी. पर न्यूस सुनते हुए एक परिचित व्यक्ति ने बड़े गंभीर होकर कहा-महात्मा गाँधी जी के आखरी शब्द थे-हे राम.      काश, वे जय श्री राम बोलते, तो शायद भूत और वर्तमान में न फसकर लोग भविष्य के बारे में सोचते. खास कर, खास लोग.