शान्त और सदगी भरा, राजीव चेहरा-------

 इन्सान जब अपना मुँह खोलता है तो अपना परिचय स्वयं देता है. बिना बोले भी चेहरा देख अच्छे- बुरे का पता चल ही जाता है. बातों से व चेहरे से संभ्रात शाही परिवर के लगते है वे.
जन्म के बाद से राजीव गाँधी जी को जब से देखा, तब से मृत्यु तक शान्त और सादगी भरा चेहरा ही देखा. ऐसे में अनायास ही श्रद्धा से सिर झूक जाता है. सभ्य, भद्र, नम्र, शान्त, सादगी, सरल, शर्मिले आदि विशेषताओं से परिपूर्ण राजीव गाँधी जी. चेहरा देखकर ही खुशी होती है. इस पर गुणों की बात कहें सो अलग.
अपने थोड़े से जीवनकाल में उन्होंने, चुपचाप कई क्षेत्रों में हमारे लिए विकाश कार्य किये, जो हमारे पीढ़ दर पीढ़ काम आयेगी.
नवोदय विद्धालय- ग्रामिण स्कूल की पहल, कंप्युटर क्रान्ति, वोट देने की तय सीमा (21 से 18 वर्ष ) की, आदि ऐसे और कई महत्वपूर्ण क्षेत्र है. जो हमारे लिये बहुत मायने रखते है.
आपरेशन कैक्टर्स - इसीसे राजीव गाँधी जी काफी मशहूर हुये.
इसके अलावा विशेष व्यति की जान भी बचाई थी, विशेष व्यति का भविष्य भी बनाया था. पर किसी ने इतने सज्जन व्यति की, इतनी कम उम्र में जान ही ले ली. इस पर भी दिल न भरा तो मरने के उपरान्त किचड़ उछालने का काम भी कर रहे है. 
 कहते है मृत्यु के बाद इन्सान भगवान के पास चला जाता है.अतः हम उसे भगवान का ही दूसरा रूप मानते है.
कितने दुःख और शर्म की बात है ये हमारे लिये, कि हमारी चेतना को क्या हुआ.