कटाक्ष---(15-6-2019)

1)भगवा रंग के सदस्यः- के अधिकतर लोग का कहना है बंगाल की मुख्यमंत्री जुनियर डाक्टरों से माफी मांगे, माफी से कोई छोटा नहीं हो जाता. इसे प्रेस्टीजइशु न बनायें.
(सदस्यगण, आज कल पूरे भारतवर्ष में वकिल, शिक्षक,डाक्टर, पुलिस, मंत्री, नेता जैसे मान्यगण लोग अपमान हो रहे है, उन्हें जान का भी डर है. ऐसे में सुरक्षा की मांग 100% सही है, पर सुरक्षा और माफी के बीच की खाई में गरीब,जरूरतमंद गिरते जा रहे है. बल्कि उन्हें (डाक्टरस को) समझाना चाहिये था, एक तरफ सुरक्षा की मांग करे दूसरी तरफ अपना कार्य. वैसे शपथ का क्या? वो तो प्रधानमंत्री जी भी लेते है. पर यहां एक बात समझना होगा, आपका पद आने जाने वाला नहीं है)
2)सुशील मोदीः- जिस दल के जनप्रतिनिधि चुनाव हारने पर संसद निधि से अनुशांसित योजनाए रद्द कर जनता से बदला लेने की मानसिकता रखते हो, वे किस मुँह से गरीबों के वोट पर हक जताते हैं?
(मोदी सर, स्वच्छ और ब्रोर्ट मानसिकता वाले आप व भाजपा वालें हैं अतः देश के करीब-करीब सभी गरिबों का वोट आप लोगों को ही मिला है, चाहे किसी भी तरह से वो,अलग बात है. परन्तु अब कमसे कम आपके क्षेत्र (बिहार) में गरीबों को कृप्या रोजगार व योजनाओं से बंचित न करें या बंचित होने न दे. दुसरे राज्य में पलायन न होने दे. उन्हें रोके. विरोधी पार्टीयों पर ज्यादा ध्यान न देकर अपनों पर जमिनीस्तर से ध्यान् दे)
3)मिख्तार अब्बास नकवीः- देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी चुनावी हार पर आत्मचिंतन करने के बजाय अहंकार का रास्ता अपना रही है और जनादेश को अपमानित कर रही है. नकारात्मक रास्ते के, बिना जमीन के चलते रहेगें तो उनका समुचा अस्तित्व भी नहीं रहेगा.
(सर, अच्छा लगा कांग्रेस को पुरानी पार्टी माना और भी अच्छा लगा इस नेशनल पार्टी के अस्तित्व की चिंता करते हुयें. रही अहंकार की बात, तो सर अहंकार तो बनता है क्योंकि 9 दिन नये के 100 दिन पुराने के. वैसे भाजपायीओं को हमेंशा आईना युज करना चाहिए.)