कटाक्ष---(16-6-2019)

1)मुकुल रायः- गद्दार की उपाधी मिलने पर ये काफी गुस्से में रहते है और इसी कारण इनका कहना है, ममता बनर्जी पहले अपने गिरेबान में झाक कर देखे वे किस पार्टी की बात कर रही है? उसे मैंने बनाया और शुरू से ही मैंने सिंचा हैं. तो वो किस तरह से मुझे या अन्य नेताओं को गद्दार कह रही हैं?
(मुकुल जी, जब आपने अपनी मेहनत व खुन-पसीने से इस खेत (तृणमूल पार्टी )को सिंचा फिर चंद पैसों के लिये अपनी खेत छोड़ दूसरों की खेत सिंचने क्यों चले गये? ये कहां की समझदारी हैं?)
2)अजुर्न सिंहः- ममता की सरकार फेल सरकार है. 90% पुलिस कर्मी  उनकी बात नहीं सुनती. वो अपनी जड़े खुद खो रही हैं. उनकी सरकार कुछ महिनें में ही गिर जायेगी.
(अजुर्न भैया, आपको अंगुली पकड़ने दिया गया है, आप तो हाथ पकड़ने की कोशिश कर रहे है. ममता सरकार या बंगाल की सरकार की चिंता न कर अपने घर (बिहार) की चिंता करें. वहां की जनता को आप जैसा जाबाज, हिम्मतवाला, जनता के दुःख- दर्द को समझने वाले की सख्त जरूरत है. वहां की परिस्थिती पर ध्यान देने की जरूरत हैं. कृप्या वहां ध्यान दे.)
3)शांतनु ठाकुरः- ममता बनर्जी जहां जा रही है अशांति फैला रही है. वह क्या बोल रही है, क्या कर रही है यह संभवतः उनकी समझ में भी नहीं आ रहा है.
(ठाकुर जी, आप की बातों से लगता है आप काफी समझदार व शांतिप्रिय भाजपायी कर्मी है अतः अपने क्षेत्र में कहे अनुसार कार्य करना शुरू करें. और हां,आप अपने लेबल के लोगों की बात को समझने की कोशिश करें)
4)वीएस येदियरप्पा (कर्नाटक)- इनके नेतृत्व में भाजपा नेता रात भर सड़क पर सोये क्योंकि इनका आरोप है कि राज्य की कुमार स्वामी की सरकार पर जेएस डब्ल्यू भूमि डील में धाधली हैं.
(सर, क्या समस्त भाजपाई व उसकी सरकार दूध के धूले हैं ?आपलोगों को विरोधियों के विरोध में बोलने का नशा सा चढ़ गया है. दरसल, जो जैसा होता है वो सबों को वैसा ही देखता है.)