कटाक्ष---(17-6-2019)

1)दिलीप घोषः- आन्दोलनकारी डाक्टरों द्बारा मुख्यमंत्री जी से मिलने के निर्णय स्वागत करते हुये कहा- मरिजों के हित को देखते हुये इस विवाद का अंत होना अत्यन्त आवश्यक है. लगे हाथ ये भी कहा, अपने विजय जुलूस में बाधाओं को वे व्यक्तिगत तौर से तोड़ देगें.
(दिलीप बाबू ,डाक्टर- मरिज और राज्य सरकार के बीच कहां आप अपने विजय जुलूस को ले आये? क्या भाजपावालों को जरा भी जनता के दुःख-दर्द, परेशानी की चिंता नहीं है? वैसे सबका साथ, विश्वास,विकास की नारेबाजी करते रहते है.)
2)अर्जुन सिंहः- हावड़ा में सांसद का सम्मान किया गया, जिसमें इन्होंने कहा अब तानाशाही समाप्त होने वाला है. जनता ने बदलाव का मन बना लिया है. इतने में बिजली गुल हो गई तो उन्होंने तृणमूल की इसमें साजिस का हिस्सा बताया.(अर्जुन भैया, आप बदल गये तो सब बदल जायेगें ?ऐसा ही चाहते हैं ?पर भाजपा किसी को बदल नहीं सकती. हां, उसके पैसे कुछ समय के लिऐ कुछ को बदल सकती है पर हमेशा के लिये नहीं. खैर,दुसरों को अपमानित कर खुद सम्मानित होने चले थे? देखलिजिये आपको अंधेरे का साथ मिला.)
3)वीएस येदियुरप्पा (कर्नाटक)- ये अपने भाजपा नेताओं के साथ जिंदल भूमि, कृषि त्रृण माफी, सूखे समेत कई मुद्दों को लेकर विरोध करते हुये पुलिस वैरिकेट तोड़ आगे बढ़े और वहां के सीएम आवास का घेराव कर, सीएम से बोले-आवास के घेराव से कुछ देर पहले बातचीत का न्यौता आपकी प्रतिबद्धता है या प्रकार का हथकंड़ा?
(सर, भारत के जिन-जिन राज्यों में गैर भाजपा सीएम है वहां-वहां आपलोग कई तरह के हथकंड़े अपना रहे है. हंगामा कर, प्रदर्शन कर, विरोध कर, घेराव कर, जुलूस कर, गलत प्रचार कर, तोड़-फोड़ कर, लोगों को भड़का तक, पुलिस वैरिकेट तोड़ कर, 144 धारा तोड़ कर, हत्याऐं कर और न जाने क्या-क्या हथकंड़े अपना कर पूरे देश को ब्रिटीश की तरह अपने अधिन में रखना चाह रहे है. और विरोधी पर अपना किया थोपते हैं?)