नजरबंद----

कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिये चारों ओर रोक लग रहा हैं। स्कूल-कालेज, मोल, ब्यूटी-पार्लर, पार्क, मंदिर, रेल आदि करीब-करीब हर जगह बंद हो रहे हैं। सड़के ,दुकानें खाली-खाली नजर आ रही हैं। जहां तक हो सके लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी जा रही हैं। समाजिक दूरियां बढ़ रही है। जनजीवन अस्तवयस्त सा हो गया हैं। डर के मारे लोग घरों से नहीं निकल रहे है। अपने-अपने घरों में बंदी हो गये हैं।
ऐसी परिस्थिती में जम्मू-कश्मीर के राजनितिक दलों के नेताओं का ख्याल आया। वे शायद कोरोना के प्रकोप से सेफ हैं। क्योंकि इस वायरस के फैलने के बहुत पहले से ही वे नजरबंद जो हैं। शायद उन्हें इस वायरस का डर नहीं हैं। कहीं, उनकी बददुआ तो हमें नहीं लग गई? सो हमें भी कोरोनाबंद होना पड़ गया।