भाई की जोड़ी------

हम जानते हैं, मनुष्य एक समाजिक प्राणी है। अतः वह समाज में ही रहता हैं।
हमारा समाज विभिन्न प्रकार के लोगों का संगठन हैं। कुछ महान् होते है तो कुछ नीच। कारण माहौल और संगति। हम जिस माहौल में रहकर बड़े होगें,अपने चारों ओर जो देखेगें हम पर उसी का असर होगा। साधारण तौर पर बाल्यकाल से ही इसका असर पड़ता हैं।
कोरोना के इस संकट में जब समाज का करीब हर वर्ग भूखों की मदद के लिए अपनी-अपनी कोशिशों में लगें है वहीं कलकत्ते शहर में दो भाई की जोड़ी सामने आई।
 वे दोनों छात्र हैं। उम्र 15 से 18 के बीच की होगी। हमारे जीवन में छात्र जीवन बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समय जीवन के नींव डालने का होता है।
इनकी एक छोटी सी कोशिश......।
लॉकडाउन के दौरान दोनों भाई रोजाना करीब 25 फूट पेकेट लेकर अपनी बाइक से निकलते है। अपने आस-पास के विभन्न इलाकों में जाते है और उन्हें जो भूखा नज़र आता हैं उन्हें देते है।
उनके परोपकार के भावना की जितनी तारीफ की जायें कम हैं।
मदर टेरेसा से लेकर इन छोटे बच्चों तक को इस महानगर ने ऐसा माहौल दिया है कि सब एक-दूसरे की ओर हाथ बढ़ाये नज़र आते हैं..........।