जंगली जानवर--------

पिछले महिने मार्च में गैंगरेप के मामले में चार दोषियों को फांसी की सजा दी गई। इस बात को पूरा देश जानता हैं। पूरा देश यह भी जानता है कि 24मार्च से ही पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है कोरोना की वजह से। पर उसके पहले से ही महामारी का डर दुनियाँ भर के लोगों में हैं।
कोरोना के कारण लॉकडाउन पर दुमका के हॉस्टल से गांव लौट रही इंटर की 16 वर्षीय छात्रा से उसके ही दोस्त समेत 10युवकों ने दुष्कर्म किया।
घटना 24 मार्च को गडियापानी जंगल में घटी थी।
छात्रा ने जिस पर भरोसा कर सहायता मांगी वहीं उस जंगल का जानवर निकला । दिमांक नहीं है या खौफ़ नही है समझ नहीं आता। जबकि दो दिन पहले ही चार को फांसी में लटकाया गया ।हर कोई जानता हैं।
 ऐसों को बिना समय गवायें तुरंत कड़ी सजा दे देनी चाहिए।
 लड़की के बारे में ना सही अपने परिवार के बारे में कम से कम सोच लिया होता। समाज में उनकी क्या दशा होगी जिस घर के बेटों को दुष्कर्म के मामले में सजा मिलेगी।.
ऐसों को सजा के तौर पर शेर के पिंजरे में छोड़ देना चाहिए, करंट वाली कुर्सी में बांधकर बैठा देना चाहिए, दौड़ा-दड़ा कर गोलियों से भून देना चाहिए या फिर फांसी में लटका देना चाहिए। इस तरह की सजा खुलेआम
लोगों के सामने देने से शायद, तब  दुष्कर्मी पैदा न होगा।