जुनून------

कोलकाता का बड़ाबाजार सिर्फ नाम से ही नहीं ,नाम के अर्थ से भी एसियाई बाजार में विशेष स्थान रखता हैं।हर रोज बड़ाबाजार में व्यापारिक मामले मेंहजारों लोगों का आना-जाना लगा रहता हैं। करोड़ो का व्यापार होता है यहां हर रोज। कितने लोगों के रोजगार का साधन है बड़ाबाजार। इस बाजार से सिर्फ स्थानिय लोग ही नहीं जुड़े है बल्कि दुसरे राज्य व देश के लोग भी जुड़े हैं। बड़ाबाजार से जुड़े लोग यहां सिर्फ व्यापार ही नहीं करते वे दान, मदद, सेवा जैसे मानवता भाव से भी जुड़े रहते हैं। अगर कोई किसी समस्या में पड़ कर मदद की कहे तो तुरंत पांच लोग इक्टठे् हो उसकी परेशानी को दूर करने की कोशिश करते हैं। मदद करते वक्त यह नहीं देखते कि वे अंजान है या पराया। 
फिर भी यह सच है कि सारे इंसान की प्रकृति एक जैसी नहीं होती परंतु बड़ाबाजार जिस शहर में बसा है वहां की संस्कृति ऐसी है कि सब उसी में ढल गये हैं। माहौल का असर लोगों में पड़ता हैं। यहां के लोग दूसरों की मदद के लिए हमेशा ततपर रहते है।
 दिन भर शोर- शराबा, चहल-पहल वाले बाजार में अब संन्नाटा छाया हुआ हैं। रास्ते, गलियां, दुकानें सुनसान पड़ी हैं। लॉकडाउन की वजह से। दुकानें बंद हैं, गलियां सील हो रखी है।
इस इलाके में कोरोना का प्रकोप ज्यादा है अतः लोग अपने घरों से बाहर निकल नहीं रहे हैं, अगर कोई निकल रहा है तो बड़ाबाजार का युवा संगठन.....ऐसी परिस्थिति में भी उनमें जुनून हैं.......सेवाभाव का जुनून.......।
कोरोना को जब हम छूआछूत की बीमारी समझ अपने खून से, अपनों से दूर भाग रहे है तब देखा गया हैं युवा संगठन पीड़ित व बीमार को अस्पताल तक एम्बुलेंस से पहुँचा रहे हैं। इन्होंने कुछ एम्बुलेंस की व्यवस्था कर रखी हैं जिसके जरिए निःशुल्क पहुँचा रही हैं।पुलिस भी इनकी सेवा ले रही हैं।
इसके अलावा युवा संगठन लोगों को भोजन व अन्य सेवाऐं भी मुहईया करा रही हैं। इन दिनों वे हमेश ततपर हैं।
जब अचानक लॉकडाउन हुआ तब सरकार व अन्य संस्थाओं की ओर से गरीबों व भूखों को भोजन, राशन सामग्री की व्यवस्था की गई। शुरु-शुरु में मदद की गई पर बाद में धीरे-धीरे सब बंद होने लगी। उधर सरकार ने रुक-रुक कर तीसरी बार लॉकडाउन को बढ़ाया। अब तो जैसे मदद खत्म सा हो गया।
 परंतु बड़ाबाजार युवा संगठन लगातार करीब 50 दिनों से रात-दिन सेवाभाव में जुड़ा हैं। लॉकडाउन के शुरु से अब तक मदद किये जा रहा हैं। पिछे नहीं हटा। इनमें जुनून चढ़ा हैं.......
 ऐसा नहीं हैं कि ये कोरोना से डरते नहीं पर इन्हें सेवाकार्य का जुनून लगातार प्रेरित किये जा रहा हैं। उन्हें उत्साहित किये जा रहा हैं। इनका जुनून इन्हें पिछे हटने नहीं दे रहा हैं। 
युवा संगठन कोरोना का डट के मुकाबला करते हुए लोकसेवा में लगे हैं.....