शादी जीवन का अहम हिस्सा है। वैसे मॉडर्न जमाने ने इसके अर्थ और महत्व को नया रूप दे दिया है।
शादी नामक लड्डू का स्वाद किसी को फीका व किसी को मीठा लगता है। नारी हो चाहे पुरुष, किसको कौन सा स्वाद चखने को मिले ये तो शादी के बाद ही पता चलता है। बावजूद इसके एक उम्र के बाद शादी करना या करवाना उचित हो जाता है।
बड़े शहरों या कुछ कल्चर में उतनी बातें नहीं बनती मगर गांव, कस्बे, शहर के बाहरी क्षेत्रों में और कुछ सोसाइटि ऐसे हैं जहां शादी होने और न होने की चर्चा होती हैं। इसके अलावा अगर आप समाज तथा रिश्तेदारों के बीच बैठे हैं तो फिर बात अलग ही हैं। शादी न होना गुनाह हो जाता है। चर्चाएं होने लगती हैं।
सिर्फ लड़की वालों को ही नहीं लड़के वालों को भी अनेक बातें सुननी पड़ती हैं। इसलिए कई बार जल्दबाजी में बिना जांच-पड़ताल के बच्चों की शादी करवा दी जाती हैं। एक रिश्ते के जोड़ने के चक्कर में कई रिश्ते और जिंदगियां प्रभावित हो जाती हैं।
अगर किसी कारणवश कोई लड़का या लड़की शादी न करना चाहे तो उस पर अंगुली उठाई जाती है। घर-परिवार वालों को दुनिया भर की बातें सुननी पड़ती हैं। इस कारण शादी करना और सही वक्त पर करना जरूरी हो जाता है। वरना चिंता का पहाड़ टूट पड़ता हैं।
परन्तु सबों की शादी तय उम्र में नहीं हो पाती। किसी की जल्दी हो जाती है तो किसी की देरी से।
फिर किसी का रिश्ता हो ही नहीं पाता...।
सुनने में यह भी आता हैं रिश्ता मिल गया, सगाई भी हो गई पर शादी नहीं हो पा रही। कुछ न कुछ रुकावट सामने आ खड़ी हो रही हैं। ऐसा दोनों पक्षों के साथ होता हैं। जिससे मां-बाप, घर-परिवार वालों के साथ ही साथ लड़के-लड़कियों को भी परेशानियों व टिप्पणियों का सामना करना पड़ता हैं। ऐसे में इस समस्या के निवारण हेतु इधर-उधर भटकना पड़ता हैं। कई उपाय और प्रयत्न करते हैं।
इन्हीं कारणों को ध्यान में रखते हुए विश्वास के साथ इसके हल के कुछ तरकीब (उपाय)बताना चाहूंगी....। ताकि लड़के व लड़कियों की देरी वाली शादी शीघ्र हो सके। तथा सुगमतापूर्वक.....।
इसके लिए तीन तरकीबें (उपाय) बताना चाहूंगी-
(अ) अगर किसी लड़की की शादी न हो रही हो या उसमें देरी हो रही हो तो, कोई शादी-शुदा सुहागन महीला वृहस्पति वार के दिन अपने बांई हाथ की एक चूड़ी उस लड़की के दाहिने हाथ में पहना दें तो कुछ महीनों में उसकी शादी हो जायेगी।
यह तरकीब (उपाय)आज़म कर देखा गया है। लड़की की 27साल की हो गई थी। उसके मकानमालिक की बहू ने उसे चूड़ी पहनाई और यकिन मानिए छः महीने में उसकी शादी हो गई। वो भी रिश्ता आगे से चल कर आया।
(ब)अगर किसी लड़के की शादी न हो रही हो तो यह तरकीब (उपाय)किया जा सकता है।
इसके लिए मिट्टी का घड़ा, मटका या कलश जो भी हो सके एक खरीदना हैं। इसके अलावा एक छोटी लाल रंग की चुनरी, सिंधुर की डिब्बी, बिंदी का पत्ता तथा दो फूलों की माला खरीदना हैं।
अब शादी की कोई एक तारीख अपने सुविधा अनुसार तय करना है तथा उस दिन के लग्न का समय भी ध्यान में रखना है। यानी किसी भी शादी की तारीख और उस दिन के लग्न में कुमारे लड़के (जिसके विवाह में देरी हो रही हो) की शादी अपने घर में चुपचाप मिट्टी के घड़े से करवाना है।
तरीका- एक स्थान पर घड़े को चूनरी ओढ़ा कर रखना है तथा एक बिंदी लगाकर माला डालना है। इसके सामने लड़के को गले में माला डालकर बैठाना है। इसके बाद वो अपने गले की माला घड़े को पहनाएगा और घड़े की माला खुद पहनेगा।
यह प्रक्रिया लड़के को तीन बार करना है। फिर जैसे मांग भरते है वैसे ही बिंदी के ऊपर से घड़े की मांग भर देगा।
ऐसा करने पर अटकलें दूर हो, उस लड़के की शादी जल्द से जल्द हो जाएगी।
कुछ लोग इस तरह की बातों को मजाक के रूप में ले सकते हैं लेकिन जिस पर बितती हो वही जाने, डूबते को तिनके का सहारा .....।
(से) देरी से होने वाले लड़के और लड़कियों की शादी की समस्या दूर करने के तरकीब को जानने के बाद अब तीसरा उपाय जानते है।
देखा गया है कई शादियों में बारिश होती हैं या बिन
मौसम बारिश शुरू हो जाती है। शादी का सारा मजा किरकिरा हो जाता है। शादी के हर प्रोग्राम में असुविधा होती हैं।
इससे बचने का एक उपाय है....। चलिए जानते है-
अगर किसी शादी में झमाझम बारिश हो रही हो और उसे रोकना चाहते हो तो, एक ऐसी महिला को ढूंढ निकालना है, जिसके पहले पौत का सन्तान बेटा है। उस महिला के पहले या बाद में ना कोई बच्चा नष्ट हुआ हो, ना ही गिरा हो या उसने गिरवाया हो। किसी तरह का कोई गर्भपात न हुआ हो....।
यानी कि बस एक ही बार उनका गर्व ठहरा हो और बेटा ही पैदा हुआ हो। मां-बेटे किसी भी उम्र के हो सकते हैं। उससे कोई फर्क नहीं पड़ता।ऐसी एक महिला के हाथों से पानी से भरा एक लोटा शादी वाले घर के छत पर बीचोबिच उससे रखवाया जाय तो थोड़े समय बाद धीरे-धीरे बारिश रुक जाएगी। और खुशी-खुशी, आराम से शादी निपटा सकते हैं।
भले ही बाद में बारिश होती रहे लेकिन इस उपाय को करने से शादी वाले दिन बारिश को रोका जा सकता है।
यहां, जो तरकीबें बताये गये हैं। इनमें से दो तरकीब को मेरे अपनों ने आजमाये हैं और मैंने उसके वास्तविकता को देखा है। जो की सही है।
एक तरकीब को आजमाने का अभी मौका नहीं मिला पर वैसी परिस्थिति आई तो इसे भी आजमाकर देखेंगे....।
खैर, जिन्हें इस तरह की दिक्कत है वे इन तरकीबों को अपनाकर देख सकते हैं। मेरा मानना है, इन उपायों में किसी तरह का पैसा और समय बर्बाद तो हो नहीं रहा, फिर आजमाने में क्या हर्ज हैं...?
अविश्वास के साथ ही एक बार ट्राई कर देख सकते हैं।
पर इन तरकीबों को यूं मजाक समझ छोड़ न दे....। पहले आजमाएं फिर विश्वास करें......।
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