हैम रेडियो -------

         

         यह एक ऐसी "संस्था" है, जो बिछड़ों को मिलाने में सहायता करता है।

     "रेडियो" का नाम सबों ने सुना है। और इसके बारे में भी हमें प्रयाप्थ जानकारी भी है। 
     यह एक प्रकार का यंत्र (पुराना) है। जिससे हर तरह की जानकारियां मिलती रहती हैं। पर इसका उपयोग आजकल नहीं के बराबर होता है।
लेकिन "हैम रेडियो क्लब" के बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं। जबकि यह संस्था (क्लब), भारत के करीब हर राज्यों में है और अपना काम करती है।

आज इसके बारे में संक्षिप्त जानकारी प्राप्त करते हैं। जो बहुत ही आवश्यक है....। 

      हैम रेडियो क्लब की जानकारी, हमें तथा हमारे परिचितों को बुरे वक्त (आपदा) पर सहायता कर सकता है। अगर हमें इसकी जानकारी होगी तभी दूसरों को Help कर पाएंगे।

कई बार हम दूसरों के लिए समय निकाल  सहायता नहीं कर पाते। फिर कई बार आर्थिक मदद भी नहीं कर पाते। परन्तु मन करता है हम दूसरों के काम आए.... किसी की सहायता करें... किसी के लिए कुछ करें...। पर हालातों के आगे मजबूर हो जाते हैं।
    साथियों, दुनियां में कई ऐसे रास्ते हैं.... जिनके माध्यम हम दूसरों को Help कर सकते हैं। जहां बीना खर्च के दूसरों की मदद की जा सकती हैं।

जानकारी! जी हां, जानकारियों के माध्यम से..... जानकारी न होने पर हम अंधकार में रह जाते हैं। और कई चीजों से हमें व हमारे अपनों को बंचित रहना पड़ता हैं। 
हर जानकारी हर किसी को नहीं होती है।          
     ऐसे में अगर हम अपनी जानकारी हमारे परिचितों या जरुरतमंदों को दे सके तो हो सकता है वह जानकारी उनके काम आए। हमें सिर्फ जानकारी देकर रास्ता बता देना है। कोई जानकारी किसी के काम आ सकती है तो कोई किसी और के...

इसलिए तरह-तरह की जानकारियों से परिचित रहना जरूरी होता हैं। जो समय में काम आ सकता हैं। 

      बात करते है- हैम रेडियो क्लब की....
हैम (HAM) का अर्थ ......H- Help
                                   A-All
                                   M- Mankind
अर्थात सभी मजबूर लोगों की सहायता....।
रेडियो और क्लब का अर्थ तो जानते ही हैं।

    दूनिया में सहायता कई तरह की होती हैं।
जरुरतमंदों को कई तरह से मदद की जा सकती हैं।
"हैम रेडियो क्लब", उन लोगों को सहायता करता है जो अपनों से बिछड़ गए हो या अपनों को ढूंढ रहे हों। 
          इस संस्था (क्लब)का कार्य, बिछड़े सेक्शन (विभाग) से है।

  जिंदा होने के बावजूद अपनों से बिछड़ना.... दोनों तरफ के लिए अत्यंत दुखदाई है... जो असहनीय होता हैं। अपनों से बिछड़े व्यक्ति इस दर्द को अच्छे से महसूस कर सकते हैं.....।

हैम रेडियो क्लब के साथ कई संस्थाएं, पुलिस विभाग, एन जी ओ, अस्पताल आदि जुड़े हैं। 

इधर-उधर भटकने वाले, मानसिक रूप से बिमार हो खो जाने वाले, प्राकृति आपदा, भू-कम्प, बाढ़, दुर्घटना, मेला, तुफान, हवाई आपदा आदि घटनाओं के चलते बिछड़ने वालों को उनके घर, उनके परिजनों, परिवार वालों से मिलने का कार्य यह संस्था करती है।
अगर कोई व्यक्ति बोलने की परिस्थिति में नहीं है, भाषा समझने की दिक्कत है, याददाश्त खो चुके हैं, ऐसे लोगों का भी इलाज करवा कर, उनके घर-परिवार ढूंढकर उन्हें अपनों तक पहुंचाने का कार्य, सुनियोजित तरीके से यह क्लब करती है।

बिछड़ा व्यक्ति, चाहे देश-दुनिया के किसी भी कोने का हो, किसी भी भाषा में बात करने वाला हो.....हैम रेडियो क्लब उसकी सहायता करता है और अपनों से मिलाता है।
बीना आर्थिक सहायता के यह कार्य होता है। शौक (इच्छा), सेवा-भाव तथा निःस्वार्थ भाव से  हैम रेडियो क्लब यह कार्य करता है।
विज्ञान युग में जब हर संचार के रास्ते बंद हो जाते हैं तब वहां यह एक बेहद विश्वनिय माध्यम है जो हमारे लिए खुला है। निःशुल्क.....।

इस तक पहुंचने के लिए "नेटवर्क" की आवश्यकता है। हैम रेडियो क्लब की एक बेवसाइट है। जिसके माध्यम से इससे संपर्क किया जा सकता है।

   अगर आप किसी मेले में जाए, किसी तीर्थ यात्रा में जाए, तो पहले इस संस्था से सम्पर्क कर अवश्य रजिस्ट्रेशन करवा लें। ताकि आपके ग्रुप या परिवार का कोई सदस्य भीड़ में आपसे बिछड़ जाए तो उन्हें आसानी से ढूंढ़ निकालने में "हैम रेडियो क्लब" आपकी मदद करेगा।

देखा जाए तो यह संस्था समाज सेवा कार्य से जुड़ा है। आम इंसान भी इससे जुड़ सकते हैं और समाज में रह कर बिना आर्थिक सहायता के कार्य कर सकते हैं। 
    
  काफी सुकून मिलता है जब हम किसी की सहायता करते हैं।
लेकिन इसके लिए आवश्यक है लाईसेंस और परिक्षा देने की.....। जिसकी पूरी जानकारी इनकी बेवसाइट पर मिल जाएगी।

दोस्तों, बिछड़ों को ढूंढ निकालने में "हैम रेडियो क्लब' का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अतः इसकी जानकारी बहुत महत्वपूर्ण है....।
                 ______________