चर्चा-------

दोस्तों 🙏
                      According to news आज के लेख में हम झूठ की राजनीतिक चर्चा करेगें। जो सत्ता व कोई भी विपक्ष पार्टी की हो सकती हैं। पर पहले एक सूचना- लेख के अंत में एक सवाल जिसका जवाब आप हमारे comment box पर लिख कर भेज सकते हैं.....।     
           दोस्तों, जब सत्ता पक्ष की ओर से झूठ सामने आता है तो जनता को अजीब सा लगता है। लगता है हम ठगे गए हैं। क्योंकि हमने उन पर विश्वास और भरोसा कर उन्हें कुर्सी पर बैठाया है।  हम देशवासियों ने विश्वास कर, पिछली सरकार से उन पर ज्यादा उम्मीद जताई, भरोसा किया और सामने वाले को गलत समझा। लेकिन कई ऐसी घटनाएं हमारे समक्ष आ रही है जिससे हम हैरान, परेशान व चकित हैं।
राजनीति पार्टीयों को झूठ के सहारे ऊपर (अवधि ) की ओर चढ़ना नहीं चाहिए क्योंकि यह सोपान बहुत ही खोखला होता है। न जाने कब दंगा दे बैठे.....? खास कर हर सत्ता पक्ष को यह ध्यान रखना जरूरी है......। 
सत्ता पक्ष को कभी भी अपनी छवि देश या विदेश में ख़राब नहीं करनी चाहिए। चाहे वो किसी भी पार्टी से हो..... टेक्नोलॉजी का जमाना है अतः लोगों को घर बैठे सच-झूठ का पता लग ही जाता हैं। वैसे हम जनताओं में ऐसे भी कुछ लोग हैं जो झूठी खबरें जानकर भी मानने को तैयार नहीं होते।
        खैर, जैसा कि हम जानते हैं संसद एक ऐसी जगह है जहां जनता की ओर से पार्टी के सदस्य उनका प्रतिनिधित्व करते हुए उनकी परेशानियों को बतलाने और उसके समाधान की कोशिश बाद-विवादों के जरिए करने के लिए एकत्रित होते हैं। 
वो पहले का जमाना था। जब संसद में Discipline maintenance होता था तथा जनता की समस्याओं पर चर्चा होती थी। पर अब ऐसा नहीं है।
खबरों के अनुसार अब संसद का वातावरण देख लगता है यह जगह राजनीतिक अखाड़ा बन गया है। जहां पार्टियां आपस में एक-दूसरे से भिड जाते हैं, लांछन लगाते हैं, सफेद झूठ बोला जाता हैं, चीखते-चिल्लाते हैं, अपनी तारीफ दूसरे की बुराई की जाती हैं, आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहता हैं यहां तक कि देश के प्रधानमंत्री जी के संसद में बोलते वक्त कोई उबासी लेता है तो कोई झपकीं लेता है, कोई उनको इग्नोर कर संसद छोड़ चले जाते हैं।

ऐसी परिस्थिति में लागता है संसद सभा, सभा अध्यक्ष, सांसद व देश के प्रधानमंत्री जी का कहीं न कहीं अवमानना होता दिखता हैं। तथा जनता की परेशानी वहीं की वहीं धरी रह जाती हैं.....।
दोस्तों, संसद सभा में इन तमाम बातों के बीच की दो झूठी बातों का जिक्र आज के लेख में करना चाहेंगे। जिसे शायद कई लोग जानते भी होंगे और अनेकों को जानकारी नहीं भी हो सकती हैं।
खैर, खबरों के मुताबिक संसद की वो दो बातें गलत साबित हुई हैं। जो व्यक्ति के लिए बेहद शर्म की बात है। किसी गणमान्य व्यक्ति को कुछ बोलने से पहले उस बारे में पूरा ब्यौरा लेकर ही बोलना चाहिए, अन्यथा शर्मिंदगी उठानी पड़ती हैं।
दो झूठी बातों में एक है- ✓कलावती का......, 
                     दूसरा है- ✓फ्लाइं किस का...।
मजे की बात है दोनों झूठ में एक बात common है और वो है -Mr. Rahul Gandhi......।
      संसद में चिल्ला-चिल्ला कर राहुल गांधी जी के लिए कही गई सत्ता पक्ष की ओर से दोनों इल्जाम गलत निकला। मिडिया रिपोर्ट से पता चला- सबूत के साथ प्रमाण दिया गया कि, संसद में झूठ परोसा गया हैं...।
           ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार संसद में पिछले कुछ दिनों से चल रहे सभा में "महिला किसान कलावती" का जिक्र हमारे सामने एक बार फिर से आया। वैसे कलावती के बारे में अनेकों को जानकारी नहीं थी। जानकारी थी तो शायद "सत्यनारायण जी" की कथा की कलावती की....।
         खैर, खबरों के मुताबिक संसद सभा से बात प्रकाश में आया कि महाराष्ट्र के यवतमाल की एक महिला किसान के घर कुछ साल (संभवतः 2008) पहले कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी जी मिलने गए थे। उनके घर भोजन किया, उनकी आर्थिक परिस्थिती के बारे में जाना और वहां से आकर उस समय काल में संसद में उन्होंने उसकी चर्चा बहुत दुःख के साथ व्यक्त किया। लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया तथा वहीं कलावती के मामले में कांग्रेस नेता ने FULL STOP लगा दिया। 
        यानी ताजा रिपोर्ट के अनुसार कलावती के घर भोजन तो कर आए पर उनके लिए कुछ नहीं किया। उनकी किसी प्रकार की कोई मदद नहीं की, मदद की तो वर्तमान भारत सरकार ने की.....। संसद में ऐसा कहना सत्ता पक्ष के एक गणमान्य व्यक्ति जी का है.....।
          इस प्रकार की खबर जान आम लोगों को हैरानी हुई। गरीब परिवार को मदद नहीं की उल्टे उसकी रोटी तोड़ आए। आमजनता की नाराज़गी ज़ाहिर है। वे उन्हें भला-बुरा कहने ही लगे थे कि BBC News की एक रिपोर्ट देश के सामने आई.....।
जिसमें कहा गया करीब आठ महीने पहले जब राहुल गांधी जी की "भारत जोड़ो यात्रा" महाराष्ट्र से गुजर रही थी तब "एक किसान महिला" सामने आई और "जिद्द' करने लगी- मुझे राहुल जी से मिलना है। मैं उनसे किसी भी सूरत में मिलना चाहतीं हूं। सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, पर वह उनसे एक बार मिलाकर उन्हें धन्यवाद देना चाहती थी। महिला का कहना था- उन्होंने मेरी जिंदगी बदल दी है। वो, राहुल जी से मिलने का आग्रह करने लगी।
कारण जानने के लिए BBC News के जरिए उस महिला का इंटरव्यू लिया गया। महिला का कहना था- हम किसान परिवार से हैं। मेरे परिवार में कुल 11 सदस्य थे। तीन बेटियों की शादी हो चुकी हैं। लेकिन कर्ज के चलते 2005 में मेरे पति ने आत्महत्या कर ली। हमारा जीवन परेशानियों से घिर गया। शोक, कर्ज, आर्थिक तंगी से हमारा जीवन भर गया। ऐसे में हमारी परेशानियों की बात सुन राहुल गांधी जी मुझसे मिलने हमारे घर आए। 
हमने उन्हें अपनी व्यथा बताई.... अपने हैसियत के अनुसार उन्हें खाना खिलाया.....। कुछ दिनों बाद राहुल गांधी जी ने मुझे पहले 3 लाख रुपए दिये और उसके बाद दोबारा 30 लाख रुपए दिए। हम झोपड़ी में रहते थे। मगर राहुल जी के चलते हमारा पूरा जीवन बदल गया।
पक्का मकान, पानी, बिजली आदि सभी सुविधाएं हमें मिली। वैसे मैं अभी भी खेतों में काम करतीं हूं लेकिन राहुल जी ने मुझे सब सुविधाएं दी। इसलिए आज जब मुझे पता चला वे महाराष्ट्र में भारत जोड़ो यात्रा पर आ रहें हैं तो मैंने सोचा जिनके लिए मेरी जिंदगी बदल गई है, मैं उनसे एक बार मिलूं और उन्हें धन्यवाद दूं।
इस पर उनसे पूछा गया- वर्तमान में जो भारत सरकार है उन्होंने आपको बिजली, पानी, मकान, पैसा, सिलिंडर आदि सब कुछ दिया है। तो आप राहुल गांधी जी की बात क्यों कर रही है?
किसान महिला ने कहा- इस सरकार से मुझे 2 हजार रुपए दो-तीन बार मिले थे। बस....। मुझे राहुल जी ने सब कुछ दिया। यहीं सच है।
दोस्तों, आठ महीने वाली इंटरव्यू ने "दूध का दूध और पानी का पानी" कर दिया।
अब बात करते है संसद के दूसरी झूठ की..... इसमें भी सत्ता पक्ष की ओर से महिला गणमान्य सदस्य ने आरोप लगाया, राहुल गांधी जी द्वारा दिए गए फ्लाइंग किस का..... और इस मुद्दे को लेकर संसद सभा में राहुल गांधी जी के चरित्र, व्यक्तित्व, परिवार, खानदान, माता-पिता, संस्कार आदि विषयों पर अनाधिकार बातें कर उन्हें जलील किया गया। 
जबकि खबरों के अनुसार उन्होंने सभा अध्यक्ष जी की ओर सुक्रिया अदा किया था, फ्लाइंग किस प्रतीक के रूप में, न कि किसी सत्ता पक्ष महिलाओं की और किया था। सूत्रों से यह भी पता चला है कि सत्ता पक्ष की ही एक अन्य महिला सदस्या ने इस बात को नकारा भी है .... अतः यह इल्जाम भी झूठा ही साबित हुआ। प्रमाण सहित.....।
आज की राजनीति क्षेत्र में किसी को बेइज्जत करना या खुद बेइज्जत होना जैसे आम बात हो गई है। 
(प्रश्न-: क्या संसद में बेफिजूल की चर्चा करनी चाहिए?)
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#महाराष्ट्र  की  कलावती  देवी,
#maharashtra  ki  devi,