उपहार रक्षा बंधन का------

 

दोस्तों🙏
                      According to News आज के लेख में हम वर्तमान भारत सरकार की ओर से मिल रहे "रक्षा बंधन के उपहार" की चर्चा करेंगे। परन्तु एक नोटिस -लेख के अंत में आप सभी के लिए एक आसान सा सवाल रहेगा। जिसे हमारे Comment Box पर अवश्य लिख भेजें ......।
         "उपहार" के नाम से हमें बहुत खुशी मिलती है। उपहार कैसा भी हो, कितने का भी हो इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। सिर्फ हमें कोई Gift देगा या दिया है यही हमारे लिए बेहद खुशी की बात होती हैं।     
अधिकतर लोगों का मानना है उपहार की कीमत  नहीं, उपहार देने वाले की नीयत देखी जाती है कि वो हमें क्या Gift दे रहा है। कई लोगों का यह भी मानना है- उपहार प्यार की निशानी है इसका कोई मोल नहीं होता। अतः Gift तो सिर्फ Gift है।
    लेकिन यह सब हर क्षेत्र में सही नहीं लगता ....? क्योंकि उपहार जहां खुशी प्रदान करता है वहीं दूसरी ओर यह बोझ भी है। जमाना Return gift का है। इसलिए अगर आप किसी से उपहार लेते है या कोई आपको किसी कारण Gift देता है तो आपको Return gift की तैयारी में रहना पड़ेगा।
          रक्षाबंधन भाई-बहनों का एक पावन त्यौहार है। पर आज के लेख में बात करते हैं राजनैतिक दल के  भाईयों की, जो देश की तमाम नागरिक महिला रुपी बहनों को उपहार देने की ठान लिए हैं.......।
खबरों के अनुसार इन दिनों राजनीति क्षेत्र में "रक्षाबंधन उपहार" की चर्चा बहुत हो रही हैं। राजनैतिक स्तर पर बहनों को उपहार देने की धूम मची हुई हैं। कई राज्यों में बहनों (महिलाओं) को रक्षाबंधन (2023) के उपलक्ष्य पर कुछ आर्थिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। जो कुछ समय पहले "रेवड़ी" के नाम से परिचित हुआ करता था।
          वर्तमान समय में साधारण से अति साधारण लोग महंगाई से बहुत परेशान हैं। ऊपर से कमाई के साधनों पर "भाटा" पड़ा हुआ हैं। अतः किसी को, किसी भी तरह की कुछ आर्थिक सुविधा कुछ समय के लिए ही सही, किसी भी तरह से मिल जाए तो वो उनके लिए काफी मददगार सिद्ध होता है।
          जानकारी के अनुसार एक राज्य में वहां की राज्य सरकार, राज्य की बहनों (महिलाओं) के खाते में सैकड़ों या हजारों आर्थिक सहायता (कैस) भेज रहीं हैं, दूसरे राज्य में वहां की सरकार, राज्य की महिलाओं (बहनों ) को बस यात्रा (दो-तीन दिन) मुफ्त में करवाने का ऐलान कर चुकी हैं। तो कहीं बिजली बिल की बात भी हो रही हैं। इस प्रकार की आर्थिक सुविधाएं उपहार के तौर पर ऐलान किये जा रहे हैं। और यह हकीकत में हो भी रहा है।
          इन सब छोटे-मोटे उपहारों के बीच एक बड़ा उपहार का एलान वर्तमान सरकार ने किचन संभालने वाली देश की महिला बहनों के लिए किया है। जो किसी एक या विशेष राज्य के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए निर्णय लिया गया है। रक्षा बंधन का यह उपहार देश की तमाम बहनों को 30अगस्त से मिलना शुरू हो गया हैं।
बात रसोई गैस की है। जिसकी कीमत, उपहार मिलने से पहले देश की बहनें 1200/ के करीब खरीदती थी तथा अत्यंत गरीबी सीमा के नीचे जीवन गुजारने वाली देश की महिला बहनें (सब्सीडी वाली) खरीद नहीं पातीं थी। वो दूसरे साधनों से रसोई का काम चलातीं थी। पर शायद अब वे भी खरीद पाएंगी।
असल में एक सिलिंडर रसोई गैस की कीमत 30 अगस्त 2023 से 200/ घंटा दिया गया हैं। एक साथ 200/ रुपए कम होने से देश की महिला बहनें काफी खुश हैं साथ ही उनके परिवार वाले भी खुश नजर आ रहे हैं। खबरों से ऐसा सामने आया हैं। लेकिन अत्यंत गरीबी सीमा रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाली देश की वो तमाम महिला बहनें, जिन्हें सरकार की ओर से सब्सिडी गैस मुहैया करवाया गया था वे सब बहनें खुश हैं या नहीं इसकी जानकारी नहीं मिली।
वैसे इन महिला बहनों को दोहरी खुशी होनी चाहिए क्योंकि सब्सिडी के दौरान 200/ तथा रक्षाबंधन उपहार के दौरान 200/अर्थात 200+200=400/ रुपए की छूट मिल रही हैं।परंतु खबरों के मुताबिक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि इस उपहार से वे सब बहनें खुश हैं या नहीं? सूत्रों से यह भी पता नहीं चल पाया है कि 2023 के रक्षाबंधन का यह उपहार देश की महिला बहनों को कितने दिनों तक मिलेगा? समय सीमा निर्धारित नहीं किया गया है।
देश की वर्तमान सरकार में अधिकतर महिला बहनें आजकल पढ़ी-लिखी हैं अतः वे खुश होने के साथ हिसाब भी लगा रहीं हैं। रक्षा बंधन के उपहार की खुशी तथा 2014 से अब तक के रसोई गैस (सिलेंडर) की कीमत के गणित का हल कैसे करें?  हल करने से उत्तर कुछ और आ रहा है, वहां खुशी की वजह नहीं दिख रही है। देश की महिला बहनें कंफ्यूज हैं कि 2023 के 30 अगस्त से गैस की कीमत अचानक से 200/ कम होने से उन्हें खुश होना चाहिए या नहीं? और अगर खुश होना चाहिए तो कब तक के लिए....?
खबरों के अनुसार देश की महिला बहनों की जानकारी में हैं कि जिस सरकार ने रक्षा बंधन पर हमें उपहार के तौर पर रसोई गैस सिलेंडर की कीमत घटाई है, जब यह सरकार बनी थी यानी 2014 के पहले तक हम गैस सिलेंडर करीब 400/में खरीदते थे और वर्तमान सरकार आने के बाद से अब तक (2023) लगातार हर वर्ष इक्ट्ठे 100/-50/ बढ़ते ही चले गए। यानी अब तक करीब 700/रुपए बढ़ा दिए गए। जिसे हमें मजबूरी में खरीदना ही पड़ता था।
सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है देश की बहनों को उपहार देने वाली सरकार अब तक 185% बढ़ा चूकीं हैं और करीब 17/2% उपहार के तौर पर घटाई हैं।
दोस्तों, खबरों के अनुसार राजनैतिक रक्षाबंधन उपहार, बहनों के पैसों से ही उन्हें दिया जा रहा है या ......?
खैर, आज सुबह 1-9-2023 को मेरे यहां गैस सिलेंडर आया 929/में .....खूशी तो हो रही है पर, हिसाब लगाती हूं तो लगता है कितनी बेवकूफ हूं जो उपहार से ख़ुश हो रही हूं....... साथ ही Return gift के बारे में भी सोच रहीं हूं .......।

(प्रश्न:- क्या बहनों (मणिपुर) की रक्षा करने से बड़ा कोई उपहार होता है?)
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