देश के हालात-----

🙏 दोस्तों

                            According to सर्वे reports आज के लेख से हम देश के वर्तमान हालात की जानकारी लेंगे। पर पहले एक जानकारी-लेख के अंत में हमारी ओर से एक सवाल रहेगा। जिसका जवाब आप हमारे Comment Box पर भेज सकते हैं।

        पिछले कुछ सालों से हमारे देश के हालात  साधारण लोगों के अनुकूल नहीं हैं। खबरों के मुताबिक देश में वर्तमान सरकार के आने से भारतीयों की उम्मीद जगी थी। देश की जनता को विश्वास व भरोसा था, पिछली सरकार से ज्यादा सहूलियत वर्तमान सरकार से हमें मिलेगी। मगर नई सत्ता ने देश के हालात ही पूरी तरह से बदल दिये। देश का माहौल ही बदलकर रख दिया। जो देशवासियों के अनुसार उनके प्रतिकूल हो गया।

पहली बार वर्तमान सरकार पर उम्मीद की.... दूसरी बार मौका दिया अब तीसरी बार देश की मौजूदा हालातों पर नजर डालते हुए अधिकांश लोग गंभीर फैसला लेने का  निर्णय ले रहे हैं। मिडिया रिर्पोट के मुताबिक ऐसा सामने आ रहा हैं कि देश में अगली सरकार किस की बनें.........?

सर्वे के अनुसार लोगों के ध्यान में उनके जीने के लिए बेसिक जरुरतें और मौलिक अधिकार पहले हैं। 

इस नई सरकार पर भरोसा कर काफी इंतजार किया और उन्हें मौका भी दिया लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। उल्टे वर्तमान समय में देश के कुछ श्रेणी के लोगों पर कठिन समय आ पड़ी हैं। 

हमारी वर्तमान भारत सरकार ने अपने पिछले कुछ सालों के कार्यकाल में अनेक कार्य किए हैं लेकिन न ही वादों के अनुसार कार्य हुए और न ही हुए कार्यों से लोगों को लाभ मिला हैं। अगर कुछ कार्य से कुछ लाभ मिला भी हो तो कुछ ही लोगों को ही मिला हैं। जो हमारी देश की आवादी के मुकाबले प्रतिशत नग्न हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार सत्ता पक्ष के कार्यों में निम्न कार्य ऐसे बताए जा रहे हैं-:

*इनके अधिकतर कार्य आस्था (खाली पेट जप-तप असंभव) से जुड़े हैं......

*हमारी संस्कृति (भाईचारा) के विपरित कई कार्य हुए हैं.......

*मानवता के खिलाफ काम हुए (उकसाना,अत्याचार आदि) है.......

*महिलाओं की सुरक्षा (तुरंत न्याय न दिलवाना) पर ध्यान न देना.......

*कुछ संविधानिक (मौलिक अधिकार) के ऊपर वाली बातें हुई है......

*शिक्षित वर्ग की अनसुनी (नौकरियां) की गई......

*इनके कई योजनाएं लोगों को लुभाने और फिर मायुस करने वाले रहें हैं......

*मेहमानों (विदेशी) पर फिजुल खर्च की बात हैं......

*नई चीजों (राम मंदिर, सांसद) पर बेवजह खर्च करने का कार्य किया है....... आदि।

       खबरों के अनुसार देश में गलत चीजें हो रही हैं। जिनका असर सरासर हमारे देश व देशवासियों पर पड़ रहा हैं। अधिकतर क्षेत्र में गरीबी रेखा के नीचे वाले, गरीब तथा मिडिल क्लास के लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा हैं। 

दोस्तों, सूत्रों के अनुसार आज भी हमारे देश में भूख से लोग मारे जा रहे हैं। बिना भोजन के मौत हो रही हैं। जबकि दूसरी ओर भारत चांद के उस क्षेत्र में पहुंच गया है जहां अब तक दुनिया का कोई देश नहीं पहुंच पाया। देश का वर्तमान गणित साधारण लोगों के परे हैं।

अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र के कई मामलों में आज भी हमारा देश निचले पायदान पर है...... इसके अलावा हमारा देश कई मामलों में पिछले कुछ सालों में दो हिस्सों में बटा दिखाई देता हैं.....

हम कह सकते हैं- धनवान+र्निधन, छोटी+बड़ी जाति, एक समुदाय+दूसरी समुदाय, पक्ष+विपक्ष, हिन्दू+मुसलमान, सत्ता पक्ष राज्य+विपक्ष राज्य, सत्ता राज्य महिलाऐं+विपक्ष राज्य महिलाऐं, ऐतिहासिक नाम+नये नामकरण, स्थापित स्थान+स्थान परिवर्तन,

राजनैतिक भाषा+बिगड़ने बोल आदि और भी मामले हैं जहां विभाजन हो गया हैं। इन कारणों से भी देश के मौजूदा माहौल बिगड़े हुए हैं।

खबरों के अनुसार देश के वर्तमान हालात इतने बिगड़ गये हैं कि चारों ओर अराजकता ही अराजकता फैली हैं। पैसों के लिए, कमाई के लिए पूरे देश भर में लूटपाट, छीना-झपटी, हत्याएं, धोखाधड़ी, बेइमानी जैसे कार्य खुले आम बेखौफ होकर लोग कर रहे हैं। इन मामलों में शिक्षित/अशिक्षित, उच्च/निम्न करीब हर क्षेणी के लोग शामिल हैं। कोई ऑनलाइन इस तरह का गेम खेल रहा है तो कोई ऑफलाइन.....।                         मिडिया से मिली जानकारी के अनुसार ऐसा इसलिए संभव हो रहा हैं, शायद रोज़गार और कुशासन उसकी वजह हैं.... वरना पहले भी देश में कई चीजों की कमी थी पर हमारे देश का ऐसा माहौल और हालत नहीं थे। जो वर्तमान समय में दिख रहे हैं। 

पहले भौतिक, आधुनिक सुविधाएं, टेक्नोलॉजी की घर-घर व्यवस्था नहीं थी। परंतु आज उपलब्ध है। बावजूद उसके देश के हालात खराब हैं। पहले से लोग आज ज्यादा शिक्षित हैं फिर भी .......। देश में आज न नारी का मान है और न ही उच्च स्तरीय व्यक्तित्व का सम्मान.......।

        सूत्रों से जानकारी मिली है कि बोतल का जहर चारों ओर फैल गया है। अब उसे समेट कर वापस बोतल में डालना संभव नहीं लगता। फिर भी कहेंगे दोस्तों, देश की वर्तमान हालात को सुधारने के लिए अच्छे नेतृत्व की अति आवश्यकता है। फिर वो चाहे कोई भी हो- सत्ता या विपक्ष राजनीतिक दल......।

क्योंकि देश को संभालने के लिए अच्छे व सच्चे राजनीति दल के पावर की जरूरत है। 

देश के वर्तमान हालात को सुधारन अत्यंत आवश्यक हैं। जब देशवासियों के हालात सही होंगे तब ही देश के  हालात सुधर पाएंगे। शायद यही संभव होगा। और हमें भी समझदारी के साथ अच्छे नेतृत्व का सहयोग करना होगा।


(प्रश्न:- क्या देश के हालात फिर से पटरी पर आ सकते हैं?)

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