संदेह------

  🙏 दोस्तों,

                        

  According to report इस लेख में देश के एक ऐसे राज्य की बदसूरत तस्वीर आपसे शेयर करगे जिसे जानकर शायद आप विचलित हो उठे। बताया जा रहा है वर्षों से यह राज्य पितृत्व संदेह से गुजर रहा है......साथ ही कहना चाहेंगे इस बारे में हमारे Comment Box पर अपनी प्रतिक्रिया जरूर भेजिएगा।

प्यारे साथियों, भारत में विवाह को एक पवित्र रिश्ता माना जाता है। एक्के-दूक्के घटनाओं को छोड़ आज भी इस आधुनिक काल में पति-पत्नि के संबंध भरोसे मंद हैं। लेकिन विशेष सूत्रों से जानकारी मिली है भारत का ही एक ऐसा राज्य है जहां पत्नी के चरित्र पर शक किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप DNA टेस्ट की बात सामने आई। और तब से इस टेस्ट का बड़ा व्यवसाय (कई सालों से) फल-फूल रहा है।

विशेष सूत्रों की जानकारी के अनुसार कुछेक साल पहले शक के चलते अपने जवान बेटे की हत्या की सुपारी किसी किलर को दी थी। वर्षों से वह चुपचाप अपने भीतर के शक से जूझ रहे थे। और एक समय आया तब उन्होंने अपने ही बेटे को मारना चाहा। बेटे की हत्या की सुपारी देने के अपराध में उनकी गिरफ्तारी हुई। यह बात खबरों के माध्यम पूरे राज्य में फैल गई। 

कहा जाता है तब से राज्य के अनेक पतिदेवों को शक ने घेर लिया। वे जानना चाहते हैं बच्चे का पिता अर्थात जो मुझे पिता या पापा कहता है, क्या वाकई वह बच्चा या बच्ची मेरी है या उसके पिता कोई ओर है.....?

खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि इस राज्य के फोरेंसिक विभाग में करीब हर सप्ताह पांच DNA होते हैं। जिनमें अधिकांश आंकड़े बताते हैं पिता कोई ओर है।

बात धर्म-जाति या क्षेत्र व विभागीय नहीं है बल्कि ये सरकार के आंकड़े बताए जा रहे हैं। खबरों तथा अखबारों के हिसाब से रौंटे खड़े करने वाले आंकड़े है।

दोस्तों, कुछ मेडिकल टेस्ट ऐसे होते हैं जो सरकार व न्यायालय के आदेशानुसार करवाएं जाते हैं। जैसे- मां के गर्भ में पल रहे बच्चे का लिंग, रेप, पोस्ट-मार्टम, डी.एन.ए. जैसे टेस्टों को व्यक्तिगत तौर पर टेस्ट नहीं करवाया जा सकता। यहअपराध हैं। वहीं भारत के इस राज्य में DNA परिक्षण केंद्र खुल रहे हैं और बकायदा टेस्ट भी हो रहें हैं। यह एक बड़ा व्यापार बन गया है। ऐसे में DNA रिपोर्ट के आने से हो सकता है कई परिवार टूट गया हो या बिखर कर रह गया हो। भले ही टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव हो या नेगेटिव.....।

          

अपनी औलाद व पत्नी पर शक करना  ग़लत है तथा शक पैदा होने पर व्यक्ति अन्दर से टूट जाता है। फिर जब वह इसका इजहार किसी से नहीं कर पाता हो तब चुपचाप भीतर ही भीतर अपने आप को खत्म करता रहता है। अपने आप से जुझता रहता है। इसके बाद अगर DNA रिपोर्ट सामने आता है तो परिवार बिखर कर रह जाता है। कई जिंदगियां खतरें में पड़ जाती हैं।

          जानकारों के अनुसार इसके लिए कहीं न कहीं सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। क्योंकि समाज को सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी उसी पर निर्भर करती है। सरकार द्वारा बनाई कानून व्यवस्था, पॉलिसियां समाज को नियंत्रण करती है। शिक्षा, स्वास्थ्य आदि की व्यवस्था सरकार पर ही निर्भर हैं।

इस राज्य में हर सप्ताह कैसेस आ रहे हैं तथा DNA परिक्षण लैव (व्यापार) बढ़ने के आंकड़े सामने आ रहे हैं। जो हमारे संस्कृति पर प्रहार कर रहे हैं।

खबरों के अनुसार यहां का ऐसा बदसूरत तस्वीर सामने आने के कुछ और भी दूसरे कारण बताएं जा रहें हैं..... जिसमें पत्नी के चरित्र पर शक एक मूल कारण  तो है ही इसके अलावा धोखा, कौतुहल, शौकिया, फर्टिलाइजेशन इलाज आदि मामलें सामने आये हैं।

खबरों के मुताबिक जो नि: संतान दंपत्ति होते हैं वे फर्टिलाइजेशन इलाज के माध्यम संतान प्राप्त करना चाहते हैं या करते हैं। ऐसे में जब मां के गर्भ में बच्चा ठहरता है तक पिता DNA Test की ओर कदम बढ़ाते हैं। उनका कहना है कहीं इस प्रक्रिया में चिकित्सक से कोई ग़लती तो नहीं हो गई है? जिससे इसमें तीसरा तो शामिल न हो गया हो? 

यह इलाज काफी खर्चीला है अतः दंपति शुरू में ही निश्चित हो जाना चाहते हैं और आगे खुशी से जीवनयापन करने की सोचते हैं। मन की शांति के लिए, अपने कौतूहल को मिटाने के लिए लैव में DNA Test करवाया जाता हैं। ऐसा भी तर्क दिया जा रहा है।

        बात कुछ भी हो लेकिन इस तरह के टेस्ट संदेह के वश में आकर ही करते हैं जो कि सरासर गलत है। खबरों के अनुसार मिली जानकारी अगर सही है तो भारत के इस राज्य की यह बहुत गंभीर समस्या है।इस टेस्ट ने तो राज्य के लोगों के आपसी पारिवारिक भरोसे को ही दांव पर लगा रखा है ......। विवाह जैसे पवित्र रिश्ते को ही अपवित्र बना दिया है......। महिलाओं के मान को मसल कर रख रखा है.....।

खैर, अगर ऐसी बात है तो सरकार को गंभीरता पूर्वक इस पर हस्तक्षेप करना चाहिए।


(प्रश्न:- इस राज्य के बढ़ते DNA Test के बारे में आपकी राय क्या है?)

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