मसीहा-----

  🙏 दोस्तों,

                        

 According to News आज के लेख में हम आपको एक ऐसे व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में बतना चाहेंगे, जो भारत के 41 परिवार के मसीहा बनकर हमारे देश में आएं है। 

देश के करीब 7 राज्यों से आए प्रवासी मजदूर उत्तरकाशी क्षेत्र में बन रहे सुरंग (टनल) में फंस गए हैं।

2023 दीवाली के दिन 12 नवंबर प्रात:काल (सुबह) करीब 5-साढ़े पांच बजे हादसा हुआ। हादसा के दौरान वहां काम करने वाले करीब 41 मजदूर सुरंग के 260 किलोमीटर नीचे जा फंसे.....।

हिमालय क्षेत्र के समीप बसा पहाड़ी अंचल उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में, वहां के लोगों की सुविधा हेतु सुरंग निर्माण करवाया जा रहा था। ताकि लोगों के समय और पैसे दोनों बचे। ऐसे में निर्माण कार्य के दौरान वहां दुर्घटना घट गई। और सुरंग के नीचे 41 मजदूर फंस गए। जो विभिन्न राज्यों से अपनी रोटीरोजी के लिए काम करने आए थे।

दोस्तों, खबरों के अनुसार जैसा कि हम जानते हैं पिछले कुछ सालों से ईश्वरी भक्ति की धूम पूरे देश भर में व्यापक रूप से चल रहा है। ऐसे में बताया जा रहा है सुरंग निर्माण कार्य के दौरान वहां कहीं पास में "बाबा बौखनाथ जी" का मंदिर था। जिसे तुड़वा कर सुरंग निर्माण कार्य शुरू किया गया। इसलिए यह हादसा हुआ। दूसरी ओर वहां के ही स्थानीय लोगों का यह भी कहना है बाबा बौखनाथ जी चाहते है यहां उनका मंदिर बने। ऐसा न किये जाने से दुर्घटना हुई और सुरंग निर्माण कार्य में बाधा पहुंची। 

खैर, कारण जो भी हो त्यौहार के दिन से अब तब यानी पिछले 8-10 दिनों से ज्यादा 41 मजदूर भाई फंसे हैं। उनके साथ परिवार वालों का भी बुरा हाल हैं। भीतर फंसे मजदूर अपनी जान हथेली में लिए हुए हैं और बाहर उनके लिए परिवारों की जान हलक पर अटकी है। 

पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण बचाव कार्य में परेशानी हो रही है। हर संभव, रह तरह की कोशिशें जारी हैं। पर सब व्यर्थ ही हो रहा हैं। किसी प्रकार की कोई भी मिशन मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालने में कामयाब नहीं हो रहा। हर कोशिश बेकार जा रही हैं। कोई सफलता नहीं मिल रही हैं। उधर फंसे श्रमिकों का भी धैर्य टूटता चला जा रहा हैं। 

ऐसे में विदेश से मदद ली जा रही हैं। मशीन, कैमरा तथा विशेषज्ञो की सहायता ली जा रही हैं। ताकि 41 जाने बचाईं जा सके।

इन तमाम कोशिशों के बीच एक किरण दिखाई दी है। "प्रोफेसर आनोंल्ड डिस्क" ...... मजदूरों के मसीहा बनकर वो भारत आए है।

उन्होंने 41 फसे मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित बाहर निकालने का दावा किया है। उनके तजुर्बे और विश्वास पूर्वक भरोसे ने सबों के अंदर नई कारण जगाई हैं। उनसे हमें बहुत उम्मीद बनी हुई है। 

           दोस्तों, आपको बता दें कि सूत्रों से जानकारी मिली है प्रोफेसर आनोंल्ड डिस्क विश्व विख्यात अंडरग्राउंड विशेषज्ञ है। ये आस्ट्रेलिया के निवासी है। अंतरराष्ट्रीय अंडरग्राउंड स्पेस संगठन के अध्यक्ष होने के साथ ही साथ ये एक बैरिस्टर (वकील) और वैज्ञानिक भी है। अपने दिमाक, ज्ञान और समझ से अब तक इन्होंने कई कठिन से कठिन मामले हल किए हैं। विशेषकर अंडरग्राउंड संबंधित मामलों का हल किया हैं। 

प्रोफेसर आनोंल्ड डिस्क इसी (भूमिगत) के विशेषज्ञ होने के नाते उन पर भरोसा कर उन्हें 41 मजदूरों को सुरंग से सुरक्षित निकालने का दायित्व सौंपा गया है।

          विदेशी विशेषज्ञ, 41 भारतीय मजदूरों को बचाने अपने देश से हमारे देश आए है। यहां आकर जब वे उस सुरंग के पास निरीक्षण करने पहुंचे तो उन्होंने वहां बाबा बौखनाथ देवता का छोटा सा मंदिर देखा। इतने बड़े महान वैज्ञानिक और विशेषज्ञ ने पहले अपना विज्ञान तथा सुरंग निरीक्षण को एक तरफ रखा। और आस्था को महत्व देते हुए बौखनाथ बाबा को नमन किया। यह दृश्य देख वहां उपस्थित सभी लोग हैरान हो गए। विश्व विख्यात विदेशी अंडरग्राउंड विशेषज्ञ को आस्था के आगे झूकते देख हर कोई भावूक हो गये।

जानकारों के अनुसार सुरंग बनाने के लिए बाबा बौखनाथ जी का मंदिर तोड़ दिया गया था लेकिन दुर्भाग्यवश दूर्घटना घटने के बाद उसे पुनः स्थापित कर दिया गया था।

ईश्वर से पहले ऐसे व्यक्ति और उनके व्यक्तित्व के आगे नतमस्तक करने को हमें हमेशा तैयार रहना चाहिए। जो विज्ञान के आगे आस्था को महत्व देते है। जो दूसरों के धर्म का भी आदर करते है। जिन्हें अपने महानता का जरा भी घमंड नहीं। ऐसे व्यक्ति हमें बहुत कुछ सीख दे जाते हैं ......।

खैर, दोस्तों विश्व विख्यात प्रोफेसर आनोंल्ड डिस्क इसके बाद उस सुरंग के पास गए, जिसके नीचे हमारे मजदूर भाई फंसे थे। वहां जाकर उन्होंने पत्थर, चट्टान, मिट्टी, स्थान आदि का निरीक्षण किया और भरोसा दिलाया।

भूमिगत निर्माण सुरक्षा और आपदा घटनाओं को हल करने वाले विशेषज्ञ प्रोफेसर आनोंल्ड डिस्क की ओर पूरा देश उम्मीद लगाए हुए हैं कि वे 41 मजदूरो को बहुत जल्द सुरक्षित सुरंग से बाहर निकलवा पाएंगे। क्योंकि ऐसे मामलों में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है अतः हमें उन पर बहुत आस हैं।

       

 हमारे मसीहा, प्रोफेसर आनोंल्ड डिस्क जी की कोशिश और हमारी प्रार्थना जरूर 41 श्रमिकों को सुरक्षित सुरंग से बाहर निकालेगा। और उसके परिवार तथा देशवासियों को बहुत जल्द राहत मिलेगी।

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