भारत न्याय यात्रा.....

 🙏 दोस्तों,

                      मिडिया न्यूज के अनुसार 14 जनवरी 2024 को नये साल की शुरूआत में कांग्रेस पार्टी की ओर से एक लम्बी"यात्रा" शुरू की जा रही है। जिसका नाम "भारत न्याय यात्रा" रखा गया है। 

कांग्रेस पार्टी की ओर से बताया गया है- इस "भारत न्याय यात्रा" का ओनरशिप (स्वामित्व) श्री राहुल गांधी जी को दिया गया है। शायद इसीलिए मिडिया की तरफ से इस यात्रा को "राहुल गांधी की "भारत न्याय यात्रा" कहा जा रहा है।

खबरों से जानकारी मिली है कि "भारत न्याय यात्रा" के लिए राहुल गांधी को "ओनरशिप" देने के कुछ विशेष कारण बताए गए है.....। 

एक इतिहासकार के अनुसार अब राजनीति क्षेत्र में ऐसे व्यक्तित्व मौजूद हैं जिनमें पहले जैसी बातें नहीं रही। खास कर कांग्रेस पार्टी में... सिवाय राहुल गांधी जी के....। एक मात्र राहुल गांधी जी ही ऐसे शख्स है, जिनके विचार, योग्यता, बोलने का ढंग व पर्शोनलिटी तब के नेताओं जैसी हैं। जैसा उनमें हुआ करती थी। अतः देश को इनकी बहुत जरुरत है।

एक ऐतिहासिक उदाहरण के जरिए यह बात बताईं गईं है कि, एक समय की बात है किसी कारण वश महात्मा गांधी जी को जेल हो गई थी। उसके बाद जब वे जेल से रिहा हुए तो वे अपने घर नहीं गये। वहीं से सीधे भारत यात्रा के लिए रवाना हो गए। छोटे से छोटे गांव, घर-घर, शहरों में जा-जाकर लोगों के बीच बैठकर उन्होंने बातें की। जातिवाद के बारे में लोगों को समझाया। दलितों के बारे में बात की..... गांधी जी समझते, यह क्यों गलत है? लोग समझते... उनमें परिवर्तन भी देखा जाता था।

यानी लोगों के बीच रहना बहुत जरूरी है। 

तब की वो बातें राहुल गांधी में दिखाई देती हैं शायद इसलिए उन्हें भारत न्याय यात्रा का "ओनरशिप" दिया गया।

इसके पहले भी कांग्रेस पार्टी की ओर से राहुल गांधी जी के नेतृत्व में "भारत जोड़ो यात्रा" निकली थी। उस यात्री के दौरान पैदल चलते हुए लोगों के पास पहुंचे उनकी परेशानियों, उनके मन की बातों तथा लोगों की राय से रुबरु हुए। जनता को भी उनसे मिलने का मौका मिला।

खबरों के अनुसार इस पहली यात्रा से कांग्रेस को कोई खास राजनीतिक फायदा नहीं हुआ परंतु पार्टी का कहना हैं- सही मायने में देखा जाए तो नुकसान भी नहीं हुआ क्योंकि यह यात्रा चुनावी कैंपेन यात्रा नहीं थी।

खैर, अब सुनने में आ रहा है कांग्रेस की दूसरी नई "भारत न्याय यात्रा" 14 जनवरी 2024 से शुरू होगी और 20 मार्च 2024 को खत्म होगी। पूर्वी भारत के मणिपुर से यात्रा शुरू होकर महाराष्ट्र में  जाकर खत्म होगी। यह यात्रा 6200 किलो मीटर लंबी बताईं जा रही हैं। 68 दिनों की "न्याय यात्रा" क़रीब 14 छोटे-बडे़ राज्यों और 85 जिलो से होता हुआ आगे बढ़ेगा। कम समय के कारण यात्रा बस और पैदल दोनों तरह से कवर किये जाऐगें.....।

14 राज्यों में- मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पं बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, उ.प्र., म.प्र., राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र।

कुछेक का मानना हैं- मकर संक्रांति के दिन यह यात्रा निकाली जाएगी अतः शुभ दिन में निकली यात्रा सफल रहने की उम्मीद है।

अनेकों की जिज्ञासा हैं "भारत न्याय यात्रा" मणिपुर से ही शुरू क्यों की जा रही है? इसके जवाब में यह बात सामने आई है कि- यह वो राज्य है जहां खास समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया, उनके साथ खुलेआम अश्लील हरकतें की गईं फिर बलात्कार भी किया गया.....इस जघन्य कृत्य से देश ही नहीं पूरा विश्व शर्म से शर्मशार हो गई थी। और आज भी वहां दंगे होते हुए सुनाई पड़ रहें है। शायद न्याय दिलाने की उम्मीद से यह सिद्धांत लिया गया है..।

भारत न्याय यात्रा के उद्देश्य की जानकारी के विषय में पता चला है सामाजिक, आर्थिक व राजनैतिक स्तर पर लोगों को जागरूक कर न्याय दिलाने की कोशिश है यह यात्रा....।

इस यात्रा का उद्देश्य है- अखबारों, पत्रकारों, मिडिया आदि के माध्यम से देश की जनता तक देश की जो सच्ची बातें नहीं पहुंचती, यह यात्रा वो काम करने की कोशिश करेगी, हमारे गलतियों का ईलाज (ट्रीटमेंट) करने की कोशिश रहेगी, संघर्ष के जरिए इतने सालों से हासिल किया हर चीज को गंवाने के खिलाफ यह यात्रा निकाली जा रही है। इसके अलावा मुख्यतः 3 विशेष कारण हैं - 1) सामाजिक सुधार

                2) आर्थिक सुधार और

                 3) राजनीति सुधार

सूत्रों की जानकारी के अनुसार राहुल गांधी जी की पहली "भारत जोड़ो यात्रा" ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दिलाई। अनेक लोगों के मुताबिक वर्तमान देश की परिस्थिति अभिव्यक्ति के खिलाफ हैं। लोगों ने कहने-बोलने की हिम्मत जुटाई हैं। अब है, उनकी दूसरी यात्रा....देश के असंख्य लोगों को इस यात्रा से बहुत बड़ी उम्मीद है। न्याय मिलने की आशा...।

दोस्तों, देखा जाए तो इन दो महत्वपूर्ण यात्राओं के बीच राहुल गांधी जी की अनेक छोटी-छोटी यात्राऐं नजर आईं हैं। वे अचानक से किसी भी छोटे से छोटे प्रोफेशन क्षेत्रों में जाकर उनके तथा वहां के हालचाल पूछते दिखे।

सब्जी विक्रेता, कुली, गैरेज, कारपेंटर, आटोरिक्शा, पहलवान आदि इस तरह के और भी अनेक क्षेत्रों में उन्हें देखा गया। उनके साथ बैठकर बातें करते हुए देखा गया। 

देश की जनता चाहती है- नेता-मंत्री सिर्फ चुनावी कैंपेन के समय हमारे पास न आए बल्कि वे हमारे बीच आएं। जनता उनसे मिलना चाहती है, उनसे अपनी परेशानी बताना चाहतीं हैं...। अतः इस तरह की यात्राओं के दौरान सीधे लोगों तक पहुंचना और उन्हें जानना, उनके साथ हो रहे अन्याय से राहत दिलाने की कोशिश करना एक अच्छा उपाय है। 

ऐसा सुनने में आया है, भारत न्याय यात्रा की खबर से देशभर में हलचल शुरू हो गया हैं। पक्ष, विपक्ष, जनता सबों में चर्चा का विषय बन गया है।

वैसे यह यात्रा अभियान सफल हो पायेगा या नहीं पता नहीं, समय इसके अनुकूल है या प्रतिकूल मालूम नहीं, पर "भारत न्याय यात्रा" समय कालीन मकर संक्रांति, गंगासागर स्नान, अयोध्या मंदिर उद्घाटन, लोकसभा चुनाव जैसे माहौल बने हुए हैं। 

लेकिन मिडिया रिपोर्ट के अनुसार विभिन्न स्तरों का माहौल रंगा-रचा नजर आएंगा.....।

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