भविष्यवाणी----

   🙏 दोस्तों,

                             अब तक हम सुनते आए हैं भविष्यवाणी कार्य ज्योतिषियों द्वारा होता आया हैं। ज्योतिषिगण लोगों की कुंडली, हस्तरेखा आदि देख, उस पर विचार कर लोगों के भविष्य की लेखा-जोखा बतलाते हैं। बतलाते हैं कि हमारे साथ भविष्य में क्या होने की संभावना है अथवा हमारे लिए क्या अच्छा है या गलत है। 

भविष्यवाणी पर कई लोग विश्वास करते हैं, कई नहीं करते और अनेक हैं जो विश्वास तथा अविश्वास के बिच पाए जाते हैं। लेकिन भविष्य जानने की इच्छा रखने वालें, ज्योतिषियों के पास जाकर जानना चाहते भविष्य में क्या हैं? क्योंकि भविष्य बताने का कार्य उनका होता हैं।

खैर, यह एक Interesting Subject है...।

ज्योतिषी भविष्य से परिचय कराते हैं।

परंतु इन दिनों आम लोग (जनता)भविष्यवाणी कार्य में लगे हैं। सब के सब अपने-अपने तरीके से भविष्यवाणी कर रहे हैं। जिनकी किस्में भिन्न हैं। 

यहां हम देश और राजनीति से जुड़े लोगों की भविष्यवाणी का जिक्र कर रहे हैं...। 

मानों देश की वर्तमान जनता ज्योतिष-शास्त्र अध्यक्ष कर देश, राजनेताओं व पार्टियों का भविष्य बताने में लगी हुई हैं। और क्यों न बताएं? देश की कुंडली तो जनता के ही हाथों में हैं। अतः ज्योतिष शास्त्र रुपी अपने हितों पर विचार-विमर्श कर भविष्यवाणी कर रहें हैं।

पूरे देश के अलग-अलग क्षेत्रों में भविष्यवाणी हो रही हैं। इनमें कई ज्योतिष (असल) भी शामिल हैं।  2024 में देश की बागडोर किसके हाथों होगी या होनी चाहिए...? 2024 में कौन बनेगा...? इसी पर कोई अपना मत दे रहा हैं तो कोई पक्की जानकारी दे रहा हैं।

कोई किसी को मूलांक नंबर भी दे रहे हैं।

अलग-अलग राज्यों के लोगों में अपने मत के अनुसार भविष्यवाणी की चर्चा सुनने में आ रहा हैं। 

विभिन्न सर्वे से पता चल रहा हैं कि- 2024का चुनाव लोगों के लिए खास माना जा रहा हैं। वे अपने तथा देश के भविष्य के प्रति सतर्क हैं इसलिए गणित का हिसाब कर गणना कर रहे हैं। किसी का गणित बता रहा है - 180, 272, तो कोई बता रहा है 400.

✓जनता के ज्योतिषी-शास्त्र पुस्तक में मंहगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, पढ़ाई, परिक्षाएं, किसान समस्या, टेक्स, जाति-धर्म, आस्था, भ्रष्टाचार, जुमला, सरकारी योजनाएं, आरक्षण, संविधान, बदलते कानून, न्याय-अन्याय, लद्दाख वादे आदि अध्यायों (पाठ) को पढ़ उसका विश्लेषण कर भविष्यवाणी की जा रही हैं। 

✓इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र पुस्तिका में चुनाव के समय कई चुनावी पार्टियों की ओर से चुनावी "वादे-पत्र" के वादों को भी देखा व समझा जा रहा हैं। वादे पत्र काफी लुभावने व हितकारी देखा जा रहा हैं। पर यह कारगर होंगे या नहीं इस पर भी विचार कर भविष्यवाणी की जा रही है।

✓और तो और अपने ज्योतिष शास्त्र अध्ययन में शामिल किया जा रहा हैं- भाषण, रैली, अमर्यादित टिप्पणी, फिजुल खर्चे, लोगों के घरों तक पहुंचना, विभिन्न योजनाओं के माध्यम लेन-देन, महिलाओं के सम्मान को दांव पर लगाना, डराना, धमकाना जैसे आदि घटनाओं का भी अध्ययन किया जा रहा हैं।


जनता जनार्दन, विश्लेषक, विषयों पर जानकारी रखने वाले तमाम लोग इस समय उपरोक्त बातों पर सर्वे कर भविष्यवाणी कर रही हैं। 

किसी को किसी दल के वादे पत्र पर भरोसा नहीं तो किसी को हैं। कोई भूतकाल को टटोल रहे हैं तो कोई टूटे वादों की दुहाई देते हुए भविष्यवाणी कर रहे हैं। और कितने तो ऐसे ज्योतिष (जनता) हैं जो आगे-पीछे बीना सोचे-समझे हां में हां मिलाने के चक्कर में गलत भविष्यवाणी कर बैठ रहें हैं। 

कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें अपने भविष्य की चिंता नहीं हैं, वे अपना या अपने परिवार का भविष्य नहीं देख रहे। बल्कि उन्हें पसंदीदा राजनीति दल और

उनके मन पसंद लोग नज़र आ रहे हैं। वे उसी हिसाब से भविष्यवाणी कर रहे हैं।  

खबरों के मुताबिक इसी बीच देश के वरिष्ठ व्यक्ति भी भविष्यवाणी के तौर पर अपनी राय दें रहें हैं। उनका कहना है- पिछले कुछ सालों से देश के कई अहम क्षेत्र प्रभावित हो रहें हैं। जो देश और देशवासियों के भविष्य के लिए खतरा है। अगर यह सिलसिला 2024 में नहीं रुका तो आगे चुनाव बंद हो जाएंगे, संविधान खत्म हो जाएगा, न्याय कानून समाप्त हो जाएंगे। देश फिर से गुलाम हो जाएगा...।

किसी दूसरे वरिष्ठ व्यक्ति के अनुसार 21वीं सदी में भी नारी को हीन दृष्टि से देखा जाता है। जो समय-समय पर हमारे सामने उदाहरण के तौर पर उभर कर आता है। महिलाओं के प्रति अभद्र भाषा, मानसिक प्रताड़ना, टीका टिप्पणी का माहौल बढ़ता जा रहा है। अब तो यह मामला राजनीतिक के मैदान में भी होने लगे हैं। महिलाओं के प्रति ऐसी मानसिकता रखने वाले देश व समाज का हीत कैसे कर पाएंगे। जबकि राजनेताओं का काम इसे सुधारना है। ये सोचने का विषय है।

और भी अनेक वरिष्ठ व्यक्तिगण अलग-अलग क्षेत्रों में दृष्टिगोचर कराते हुए देश की जनता से अनुरोध कर  रहें हैं- उनके पास ही देश की जन्मपत्री है, देश की कुंडली है अतः स्वच्छ और स्वास्थ्य देश का भविष्य वे ही बना सकते हैं।

खैर , लेख की ओर से जनता रुपी ज्योतिषों से  आग्रह है देश के लिए सही गणना कर भविष्यवाणी करें, जो करना उनका उत्तरदायित्व है। जिसे पूरी इमानदारी से निभाने की कोशिश करें।

अपने देश के पूर्वजों के कार्यों को हमें, हमारे लिए ही ध्यान में रखना होगा.....।

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