फूड डिलीवरी-----------

कोरोना वायरस को रोकने या यूं कह ले जिंदगी बचाने के लिये पूरे भारत में लॉकडाउन की प्रक्रिया चल रही हैं। चारों ओर सब बंद है, वैसे कुछ मामलों में छूट दी गई हैं।
यहां खाना डिलीवरी की बात करते है।
बड़े शहरों में ऑनलाइन् खाना या घरेलू सामान मगवाया जा रहा हैं। खासतौर पर बना बनाया फूड.....
अभी हाल ही में किसी डिलीवरी वॉय के कोरोना पॉजिटिव होने की बात सामने आई हैं। उसमें 20 दिनों से कोरोना के लक्षण थे। इस दौरान उसने अपने दुसरे काम करने वाले साथियों के साथ काम किया और कई घरों में
फूड डिलीवरी की। इसके बाद सभी को क्वारंटाइन में रहने को कहा गया।
परन्तु, उस डिलीवरी वॉय का कहना है उसने सभी सुरक्षा के नियमों का पालन किया हैं। वह जहां भी गया मॉक्स लगाकर ही डिलीवरी देने गया तथा सभी सोसायटियों के गेट पर सेनिटाइजर से हाथ साफ किया था। फिर उसे
कैसे कोरोना हो सकता है?.......
 लेकिन उसके साथ-साथ सभी कर्मचारियों को क्वारंटाइन में रहने को कहा गया हैं.........।
जो इस संकट की घड़ी में कमाई के लिए घर न बैठ निकल पड़ा हो अर्थात्  वह जरूरतमंद है। उसे अपने व परिवार के लिए घुम-घुम कर इस लॉकडाउन में भी अपना काम चालू रखना पड़ा। अतः वह अपनी सुरक्षा की
बात अवश्य सोचा होगा। फिर कौन अपने को जोखिम में डालना चाहेगा......
हमारी अपनी सुरक्षा अपने ही हाथों हैं।ऑनलाइन मंगवाने वाले, डिलीवरी  देने वाले व फूड शॉप सबों के लिये यह बात हैं। अतः सबों को सावधानी वरतनी चाहिए और वरते भी होगें। फिर भी यह तेजी से फैलने वाला वायरस
है सो कुछ कहा नहीं जा सकता। कब, कौन और कैसे संक्रमित हो जाय........
कई लोगों का कहना हैं लॉकडाउन के दौरान घर पर ही खाना बनाये। बाहर का खाना परहेज करे। क्योंकि अभी तो डिलीवरी वॉय के संक्रमितहोने की बात सामने आई है, पर हो सकता है जो पका रहे हो वह भी शायद संक्रमित न हो........इसलिए बेहतर है इस दौरान ऑनलाइन ऑडर न कर अपने-अपने घरों में ही खाना बनाये। भले ही सरकार की ओर से इन्हें छूट मिली हो।
अब इन सब से ऊपर एक बात समझ से परे है कि देश भर में सरकार की ओर से, अनगिनत लोगों की ओर से, संस्थाओं ,लंगरों आदि की ओर से जगह-जगह मजबूर व मजदूर लोगों के लिये खाना पकाया जा रहा है।
 कहीं खिलाया जा रहा है, कहीं पार्सल दिया जा रहा हैं, तो कहीं एक जगह खाना बनाकर दूसरी जगह ले जाकर भूखों की भूख मिटाई जा रही हैं।
इस बारे में हमारी क्या राय हो सकती है.......
इन व्यवस्थाओं में जो पका रहे हो या बाट रहे हो, शयद उनमें संक्रमित न हो..
इन व्यवस्थाओं में कोरोना वायरस का डर नहीं हो सकता......या भूखों को भूख के आगे कुछ समझ नहीं आता........
यहां पर भी शायद सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा होगा फिर भी ऐसे मेंअगर उस डिलीवरी वॉय की तरह कोई संक्रमित निकल आये तो.....अगर ऐसा हुआ तो बड़ी गंभीर समस्य हो जायेगी। इतने लोगों में संर्पकित लोगों को ढूढंते रह जायेगें हम।
शायद भूखों को कोई वायरस-फायरस नहीं होता या जो निःस्वार्थ सेवाभाव से जुड़े रहते है उन्हें भी नहीं होता ।
खैर, सुना है ईश्वर इतने निर्दयी नहीं होते। सबों के सर पर उनका हाथ होता हैं। अतः घबराने की बात नहीं..... जरा सावधान होने की जरुरत है हमें इस समय।