चक्रवाती तुफान------

प्राकृतिक व भौगोलिक कारणों से बंगाल की खाड़ी में अनेकों बार तुफान उठता हैं।जो इसके तटवतीय क्षेत्र या राज्यों को काफी नुकसान पहुँचाता हैं। उठते हुए तुफान कई कि.मी. की रफ्तार से चलता हुआ ,तवाह कर जाता हैं।
बंगाल की खाड़ी से उठने वाले तुफान अक्सर बैसाख माह के आस-पास आते हैं। इन तुफानों के अलग-अलग नाम रखे जाते हैं। इस बार के तुफान का नाम अम्फान रखा गया हैं।
चलते समय में कोरोना महामारी की चपेट में पूरा देश है वहीं दूसरी प्राकृतिक आपदा आ पड़ी है। हालांकि यह तुफान पूरे देश को प्रभावित नहीं करेगा। भरतीय मौसम विभाग के अनुसार खाड़ी क्षेत्र व खाड़ी दक्षिण-उत्तर पूर्व क्षेत्र को तबाह करता हुआ बंगला देश की ओर चला जायेगा।इस तुफान के 250 कि.मी. की रफ्तार से चलने की संभावना है। 
मौसम विभाग के अनुसार अम्फान तुफान खाड़ी के मध्य भाग से रविवार (17-5-2020) मध्य रात्री को करीब 2 बजकर 30 मीनट में उठा। 
प्रभावित क्षेत्र के हिसाब से यानि बंगाल व उड़िसा में तेज हवाऐं बहेगी जो तुफान का रुप ले लेगी। तेज हवा व तुफान के साथ ही भारी से अति भारी वर्षा होने की संभावना हैं।
निगम, प्रसाशन व सरकार की ओर से अलर्ट जारी किया गया हैं। अम्फान तुफान से निपटने के लिए सारी व्यवस्था की गई हैं। तुफान को मददेनजर रखते हुए चक्रवात से प्रभावित होने वाले क्षेत्र व राज्यों के लोगों की सुरक्षा के इंतजाम किये गऐ हैं। लोगों को सतर्क किया गया है कि चक्रवती तुफान के आने से पहले, तुफान के दौरान तथा उसके बाद क्या करें....
बंगाल व उड़िसा ये दो राज्य ऐसे हैं जो बंगाल की खाड़ी के उठे तुफानों से प्रभावित होते रहते हैं। ऐसे में गांव की और शहर की सतर्कता को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग सुझाव दिये गये हैं। लोगों को टोल फ्री नं. जारी किया
गया हैं। सरकार ने पहले से ही निकासी, पेयजल, बिजली और भी इस तरह की अनेकों आपदा से मुकावला करने के लिए टीमों को तैयार किया हैं।
फूटपाथ बासियों से लेकर जर्जर मकान तक के लोगों की व्यवस्था की गई हैं।
तुफान से प्रभावित होने की संभावना वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने राज्य के तटीय इलाके में रह रहे लोगों को अगले 3-4 दिनों तक सतर्क रहने को कहा हैं। उनके लिए पहले से ही राहत सामग्री भेजी गई हैं। जैसे-पैक-भोजन व अन्य जरुरी सामाननें-----
अल्फान तुफान से पहले फनी नामक तुफान आया था। तब भी सतर्कता के साथ पूरी तैयारी की गई थी परंतु फनी का प्रकोप ज्यादा नहीं था। उससे लोग ज्यादा प्रभावित नहीं हुए थे।
आपाद आने से पहले अगर सरकार सतर्क हो जाये तथा लोगों को भी सतर्क कर दे तो क्षति की संभावना कम रहती हैं।
देखते है, अम्फान अपना कौन सा रुप लेकर हमारे सामने इस कोरोना संकट में आता हैं...........।
 तुफान से बचने व बचाने के लिए जैसे, पहले से ही सरकार व प्रसाशन सचेत हो पूरी तैयारी कर ली तथा लोगों को भी सतर्क कर दिया वैसे ही अगर सरकार लॉकडाउन करने से पहले ऐसे ही कदम उठाती तो आज कम से 
कम मजबूर मजदूरों और अति गरीब लोगों की दयनीय अवस्था हमें देखनी नहीं पड़ती.....।टी.वी. खोलते ही, अखबार हाथ में लेते ही मजदूरों की लाचारी देख हृदय पीड़ा से भर उठता हैं। सरकार की जरा सी लापरवाही व 
असतर्कता के कारण,पिछले करीब एक-डेढ़ महिने से मजदूरों के साथ लगातार हो रहे अमानविय दशा को हम मूक-बधिर हो देख रहे हैं।
2020 के जनवरी माह के अंत में एक छात्रा (बहार से आई) के माध्य से पहली बार केरल में कोरोना वायरस आया। तब से मार्च तक हमारी भारत सरकार ने किसी तरह का कोई भी संदेश हम देशवासियों को नहीं दिया। सरकार ने अपनी ओर से भी कोई तैयारी कर नहीं रखी और एकाएक बिना जानकारी के अचानक भारत बंद कर लॉकडाउन जारी कर दिया।
परिवार के मुखिया को अपने परिवार की हर परिस्थिति व गतिविधियों का पता होना चाहिए। परिवार के सुख-शान्ति का हर संभव ध्यान् रखना चाहिए। मुखिया को अपने सुख-सुविधाओं को नजर अंदाज कर अपने परिवार के कल्याण का सोचना चाहिए। तभी परिवार वालें उनका मान करते हैं और उनका साथ देते हैं। भविष्य में अगर कोई विपदा आये तो परिवार का साथ मिलता हैं। इसी से परिवार के मुखिया को सफलता व सुख मिलता हैं.......।
लॉकडाउन के कम से कम 15-20 दिन पहले अगर हमारी भारत सरकार हमें यानि देशवासियों को आगा करती कि लॉकडाउन और उसके कारण से ऐसी परिस्थिति होने की संभावना है तो आज मजदूरों व अति गरीब वर्ग के लोग अपने को असहाय और छला महसूस न करे होते.......
तुफान आने से पहले जैसे, 2 दिनों में ही सुरक्षा से लेकर खान-पान आदि अनेकों आपात कालिन व्यवस्था कर ली गई हैं वौसे ही 2 महिनें के दीर्घ कालिन समय के भीतर भारत सरकार ऐसी ही तैयारी कर लोगों को सतर्क कर देती तो असहाय लोगों की हाय नहीं निकलती.............।