जन्म-दिवस--------

जिस दिन इंसान पृथ्वी पर जन्म लेता है उस दिन को, उसके घर-परिवार वाले खुशी-खुशी हर साल याद करते हैं। जन्म दिन के रुप में.....। अपने हिसाब और ढ़ंग से जन्म दिन मनाते हैं। किसी-किसी के पड़ोसी, रिश्तेदार, यार-दोस्त, परिचित आदि लोग भी शामिल हो जाते हैं। हमारे जन्म की खुशी यहीं तक सीमित रहती हैं। लेकिन हमारी ही तरह दुनिया में जन्म लेने वाले साधारण व्यक्ति अपने जीवन काल में कुछ ऐसा असाधारण कार्य कर जाते हैं जिनका जन्मदिन उनके घर-परिवार वालों के अलावा देश-दुनिया के लोग हर वर्ष बड़े हर्षोल्लास के साथ मिलकर मनाते हैं। उन्हें याद करते हैं तथा उनके कार्यों से कुछ सिखने की कोशिश करते हैं।

पृथ्वी से उसके जाने (मौत) के बाद, जो आते हैं अर्थात जिनका बाद में जन्म होता हैं वे भी इसमें शामिल होते हैं। उनके कार्य को याद कर, उनके जन्मदिन को मनाते हैं और प्रेरणा लेने की कोशिश करते हैं। ऐसी ही कुछ असाधारण व्यक्तित्व के प्रसिद्धि और उनके जन्मदिन की बात करेंगे। 

हर वर्ष जनवरी से दिसंबर तक के महिनों में हम जिन-जिन व्यक्ति विशेष के जन्मदिन को हर्षोल्लास के साथ प्रति वर्ष मनाते आने हैं औरआने वाली अगली पीढ़ी से परिचित करवाते आए हैं उनमें -1) नरेन्द्र नाथ दत्त, 2) सुभाष चन्द्र बोस, 3) रविन्द्र नाथ टैगोर, 4)डॉ. राधाकृष्णन, 5) महात्मा गांधी, 
6)जवाहरलाल नेहरू...... 

इन व्यक्तित्व के योगदान और प्रसिद्धि के कुछ कारणों के बारे में जानेंगे...... क्यों इनके जन्म दिवस का पालन करते हैं.....?
    
 A) नरेंद्र नाथ दत्त-  इनके पिता का नाम विश्व नाथ दत्त और माता का नाम भुवनेश्वरी देवी था। इनका जन्म 12जनवरी 1863 और मृत्यु 4जुलाई 1902 को हुआ था।
नरेंद्र नाथ दत्त को हम "स्वामी विवेकानन्द जी" के नाम से जानते है। राजस्थान के खेतड़ी के राजा अजीत सिंह ने यह नाम दिया था। और पगड़ी भी।जो उनके व्यक्तित्व को निखारता है।
इनके प्रसिद्धि का कारण है, आज से करीब 150  साल पहले शिकागो(अमेरिका के) में विश्व धर्म महासभा का आयोजन हुआ था। जिसमें स्वामी जी ने भारत की ओर से प्रतिनिधित्व किया था। पूरे विश्व के सामने उन्होंने भारत के धर्म, पवित्र स्थल और संस्कृति को ऐसे पेश किया था कि इनको सब सुनते ही रह गए। उनके और उनके देश के आगे विश्व का सर श्रद्धा से झूक गया।जो आज भी बरकरार है।
उन्हें देशभक्त संन्यासी के रूप में माना जाता है तथा उनका जन्म दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
स्वामी जी के अनमोल वचन- १)समस्त जीवों में परमात्मा का वास होता हैं। अतः आप उन्हें प्यार कर उनकी मदद और सेवा करें तो आप परमात्मा को प्यार करते हैं।२) पहले अच्छी बात का मजाक बनता है फिर विरोध होता है उसके बाद स्वीकार किया जाता है।

B) सुभाष चन्द्र बोस- इनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस और माता का नाम प्रभावती देवी था। 23जनवरी 1897 में इनका जन्म हुआ और मृत्यु 18अगस्त 1945 (अनुमान) को हुआ था।
         इनके प्रसिद्धि का कारण, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी सेनानी और बड़े नेता थे। इनमें अच्छे नेतृत्व करने की क्षमता थी इसलिए 1942में जर्मन में इन्हें "नेताजी" के नाम से बुलाया गया।जो एक सम्मान का शब्द था। भारतीय अधिकारियों ने भी उन्हें "नेताजी शब्द" से संबोधित किया। और तब से उन्हें "नेताजी सुभाष चन्द्र बोस" के नाम से सब जानते हैं।
जवाहरलाल नेहरू के साथ मिलकर इन्होंने कांग्रेस के अंतर्गत युवाओं की "इंडिपेंडेंस लीग" शुरू की थी। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए "आजाद हिंद फौज" का गठन किया था।
गांधी जी के साथ उनके विचार नहीं मिलते थे।
नेताजी द्वारा लगाया गया, "जयहिंद" का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बना। 
नेताजी के अनमोल वचन-१) आजादी बलिदान मांगती हैं। अतः तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा। २) अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना सबसे बड़ा अपराध है। 

C)रविन्द्र नाथ टैगोर- इनके पिता का नाम देवेन्द्र नाथ टैगोर और माता का नाम शारदा देवी था। रविन्द्र नाथ टैगोर का जन्म 7अगस्त 1861को हुआ था और मृत्यु 7अगस्त 1941को हुआ। 

इनके प्रसिद्धि का कारण, ये कवि, साहित्यकार और दार्शनिक थे। इनके कविता संग्रह गीतांजलि के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 
एशिया के प्रथम नोबेल पुरस्कार से इन्हें सम्मानित किया गया था।
इनके एक गीत की रचना तीन देशों में राष्ट्रीय गान के रूप में गाया जाता हैं। भारत, बंगला-देश और श्री लंका (गीत के कुछ लाइन) ये वे देश हैं।
अंग्रेजों ने इन्हें "सर" की उपाधि भी दी थी। तथा इनके नाम के आगे "कवि गुरु' लगाया जाता है। दुनिया इन्हें "कवि गुरु रविन्द्र नाथ टैगोर' के नाम से जानते हैं।
इनके अनमोल वचनों -१) सच्चा प्रेम स्वतंत्रता देता है, अधिकार का दावा नहीं करता। २) जब हम विनम्रता में महान होते है, तब हम महानता के सबसे करीब होते है।

D)  डॉ.राधा कृष्णन- इनके पिता का नाम सर्वपल्ली वीरास्वामी और माता का नाम सीताम्मा था। 7 सितम्बर1888 को इनका जन्म हुआ था और मृत्यु 17अप्रैल 1975में हुआ था। 
ये शिक्षा शास्त्री, दार्शनिक और कुशल राजनीतिज्ञ थे।उनका मानना था शिक्षा के द्वारा और इसके सदुपयोग से ही समाज तथा मानव का कल्याण हो सकता हैं। शिक्षा ही आदर्श समाज का निर्माण कर सकता हैं। 
इन्हें "सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन" के नाम से जाना जाता है। "सर्वपल्ली" का संबोधन विरासत में मिला। 
यह एक गांव का नाम है। जहां इनके पूर्वज रहते थे। पूर्वजों के अनुसार, जन्मस्थल का बोध सदैव रहना चाहिए। इसलिए ये सभी नाम के आगे गांव
(सर्वपल्ली) का नाम जोड़ते हैं।
इनके प्रसिद्धि का कारण है, इनके जन्म दिवस पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है। दरअसल, शिक्षक व शिक्षाविद् होने के कारण इनके करीबी दोस्तों ने यह प्रस्ताव इनके समक्ष रखा और कहा- समस्त शिक्षकों को याद करते हुए उनके सम्मान में यह दिन ( उसके जन्मदिन पर) मनाया जाएगा। 
      यह प्रस्ताव सर्वपल्ली डॉ राधाकृष्णन को पसंद आया और उन्होंने अपने मित्रों के प्रस्ताव को खुशी-खुशी स्वीकार किया।
उनके अनमोल वचन-१) ज्ञान हमें शक्ति प्रदान करता हैं और प्रेम पूर्णता। २) पुस्तकें वे साधन हैं जिनके द्वारा हम संस्कृतियों के बीच पुलों का निर्माण करते हैं।

E) मोहनदास करमचंद गांधी- इनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था। इनका जन्म 2अक्टूबर 1869 को हुआ और मृत्यु (हत्या) 30जनवरी 1948को हुआ था।
गांधी जी के प्रसिद्धि का कारण था कि वे सत्य और अहिंसा के पुजारी थे। ये सादा जीवन और उच्च विचार के अधिकारी थे।
सादा जीवन उच्च विचार के कारण नेताजी ने इन्हें "राष्ट्रपिता" कह कर संबोधित किया था। तभी से ये राष्ट्रपिता के नाम से जाने, जाने लगे। इसके अलावा बाबू तथा महात्मा भी इनके उपनाम हैं। 
उनका मानना था सभी धर्म एक ही शिक्षा देते हैं। भले ही दृष्टिकोण सबके अलग क्यों न हो.......।
उनके अनमोल वचनों में- १)एक भूखे के लिए भोजन ही उसका भगवान् होता हैं। २) एक अच्छा इंसान सब जीवों का मित्र होता हैं।

F) जवाहरलाल नेहरू- इनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूप रानी था। इनका जन्म 14नवम्बर1889को हुआ था और मृत्यु 27 मई 1964 को हुआ था।
ये महान स्वतंत्रता सेनानी थे। गांधी जी को इनमें भारत का महान नेता नजर आता था। 
नेहरू जी को गुलाब का फूल बहुत पसंद था। वे हमेशा अपने शेरवानी में गुलाब का फूल लगाया करते थे। बच्चों से उन्हें बेहद लगाव था तथा बच्चे उन्हें प्रेम से "चाचा नेहरू" कह कर पुकारते थे। 
इनके प्रसिद्धि का कारण था, चूंकि जवाहरलाल नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे इसलिए उनके जन्म दिवस के अवसर पर हम "बालदिवस" मनाते है। 14नवम्बर को पूरा देश (भारत) बालदिवस के रूप में मनाता है।
लम्बी (200वर्ष) गुलामी के बाद आजाद भारत के "प्रथम प्रधानमंत्री" पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।
उनके अनमोल वचन-१) विज्ञान, उन्नति की रीढ़ की हड्डी है। २) यदि विश्व के महान राष्ट्र "पंचशील" के मार्ग पर चलते तो चारों ओर शांति का माहौल बना
रहता।

हर साल, बारहों महीने, इन किसी न किसी महान हस्तियों को याद कर, देश उनका जन्म दिवस पालन करती हैं और आने वाली पीढ़ियों को इनके प्रसिद्धि की जानकारी देती हैं........।
देश हमेशा इन महान व्यक्तित्वों का आभार रहेगा।
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