कास्मेटिक------

आज की तारीख में शायद ही कोई ऐसा परिवार होगा जो कास्मेटिक अर्थात प्रसाधन सामग्रियों का इस्तेमाल न करता हो....।

पुरुष हो चाहे महिला, हर कोई अपने-अपने जरुरत के मुताबिक कास्मेटिक प्रयोग में लेता हैं। आजकल यह जरूरी सा भी हो गया है।

बाजार में स्कीन, घर, बाहर, फंगशन, मौसम, उम्र तथा रोजाना के हिसाब से कई प्रकार के और कई कंपनियों के प्रसाधन सामग्री उपलब्ध हैं।

साधारण से साधारण परिवार के लोग भी कास्मेटिक का व्यवहार करते हैं। लेकिन आर्टिस्ट और युवा वर्ग इसका इस्तेमाल अधिक करते हैं।

कास्मेटिक के फायदे और नुक्सान दोनों ही हैं। फिर भी बताते चलें कि हर चीज की अति हमेशा नुकसान दायक होती हैं।

खैर, तरह-तरह के प्रसाधन सामग्री में एक आइटम "पावडर" भी है। जो साधारण व कॉमन आइटम है।
आज इस लेख में इसी के बारे में बात करेंगे.....।
कारण गर्मियों के दिन जो आ गए हैं। और मेरा मानना है इन दिनों पावडर का इस्तेमाल करना चाहिए। कई लोग करते भी हैं.....।

साल भर दूसरे मौसमों में पावडर का इस्तेमाल करु या न करु पर गर्मी के मौसम में, मैं जरुर इस्तेमाल करती ही हूं। इस मौसम में रोज पावडर यूज में लेती हूं। इसलिए इस लेख में पावडर के प्रकार, प्रयोग, फायदे और उसके नुक्सान की चर्चा करेंगे......

पावडर के प्रकार-
~~~~~~~~~ बाजार में कई प्रकार के और कई 
कंपनियों के पावडर उपलब्ध हैं। साईज और रेंज भी अलग-अलग हैं। कुछ सुखे में तो कुछ मेट बेश में पाए जाते हैं। इनमें हमें बॉडी पावडर, फेस पावडर, बेबी पाउडर और नाईसील पावडर के रुप में मिलते हैं। इसके अलावा आजकल कई प्रकार के हार्बर पावडर भी पाए जाते हैं। वैसे स्टेंडर्ड कंपनी का लेना सही है।

पावडर का प्रयोग- 
~~~~~~~~~ अलग अलग पावडर का इस्तेमाल अलग-अलग तरीके से करना चाहिए।कई पावडर के पैकेट में इस्तेमाल बगैरे की विधि लिखी रहती हैं। कब, कैसे और कहां-कहां प्रयोग में ले सकते। उसे पढ़कर पता कर सकते हैं।
 वैसे साधारण तौर पर बाड़ी पावडर का इस्तेमाल शरीर में छिड़काव कर सूती रुमाल से हल्के हाथों मिला देना चाहिए ताकि पूरे स्कीन पर बराबर फैले। इतना लगाना चाहिए कि शरीर पर मोटी पावडर की परत न जमें। शरीर के ढके हिस्सों में तथा जिन हिस्सों में पसीना अधिक आता हैं वहां-वहां पावडर का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। 
फेश पावडर अपने स्कीन के अनुसार खरीदना चाहिए। जो स्कीन टोन के साथ मैच करे। फेश पर इसका प्रयोग पफ से करना चाहिए। तभी पूरे चेहरे पर एक-समान लगता है और प्राकृतिक लूक (रुप) देता है। यह काफी समय तक चेहरे पर टीका रहता है।
बेबी पाउडर को "पावडर कैश" में डालकर सूती व मुलायम पफ की सहायता से युज में लेना चाहिए। हल्के हाथों से बच्चों के बॉडी में लगाना चाहिए। धिरे-धिरे तथा थोड़ा-थोड़ा लेकर लगाना चाहिए ताकि पावडर उड़े नहीं। वरना बच्चों के आंख, नाक, मुंह में जाने की संभावना रहती हैं। 
नाईसील पावडर का इस्तेमाल शरीर में ठंडक पहुंचाने में तथा घमोरियों को खत्म करने में किया जाता हैं। इसे शरीर के विभिन्न अंगों में छिड़काव कर छोड़ देना चाहिए।

पावडर लगाने से फायदे-
~~~~~~~~~~~~ गर्मियों के दिनों में हम शरीर में नमी व चिपचिपापन महसूस करते हैं। इसे दूर करने के लिए पावडर का इस्तेमाल किया जाता है। पावडर पसीने के बैक्टीरिया, दूर्गंध और नमी को दूर करने में सहायक होता है। यह शरीर के नमी को शोख कर चिपचिपापन से निजात दिलाता है। 
शरीर के ढके व दबे अंगों के घर्षण को रोकता है।
गर्मियों के दिनों में होने वाले खुजली, एलर्जी, जलन, घमोरियों जैसे होने वाली समस्याओं से बचाता है। 
पावडरों की अच्छी और भीनी खुशबू से फ्रेशनेस फिल होता है। शरीर, दिमाग और मन तरोताजा लगता हैं। जो मानसिक रूप से सहायता करता है।
      फेश पावडर को चेहरे पर लगाने से निखार आता है। यह चेहरे को ग्लो लूक देता है। इसके प्रयोग से पसीना नहीं आता तथा लम्बे समय तक चेहरे पर चमक रहती है। 
किसी भी अच्छे किस्म का पावडर इस्तमाल करने से चेहरे पर चमक रहती है साथ ही मन प्रफुल्लित रहता हैं।

पावडर से नुकसान-
~~~~~~~~~~ कई लोगों का मानना हैं पावडर का इस्तेमाल नुकसानदेह है। इसके प्रयोग से कई तरह की बीमारी हो सकती हैं। यह भी कहते सुना है कि कैंसर जैसी बीमारी भी हो सकती है।बच्चों को हानी पहुंच सकता हैं।

कई बार हम हड़बड़ी में या ज्यादा मात्रा में बच्चों को पावडर लगाने लगते हैं। उससे होता है कि, बेबी पावडर डस्ट बेस में होने से उड़कर बच्चों के आंख, नाक, मुंह में जा सकता हैं और उन्हें तक़लिफ महसूस हो सकती है।
 
लेकिन मेरा मानना है सही चीज सही तरीके से इस्तेमाल करने से कोई नुक्सान नहीं होता।
हमारे शरीर में असंख्य रोपकूप हैं। पावडर लगाने से वे ढक जाते हैं। जिससे हमारे स्कीन को खुला-खुला सा (सांस लेने) महसूस नहीं होता। पर यह थोड़े समय की ही बात होती हैं। कारण हम रोज नियमित नहाते हैं बल्कि गर्मियों के दिनों में दो बार नहाते हैं। अतः अच्छे से शरीर को रगड़ कर नहाएं तो रोमकूप के छिद्र साफ हो खुल जाते हैं।तब कोई डर या समस्या नहीं रहती है।बस इतनी सी बात है। इसलिए बिना रोक-टोक के इन दिनों रोज, चेहरे और बॉडी पर पावडर लगाया जा सकता है।

गर्मियों के दिनों में रोज नहाने के बाद और रात को सोते समय पावडर का इस्तेमाल करना चाहिए। जिससे दिन तरोताजा लगता है और रात को खुशबू के साथ अच्छी नींद आती हैं।

मैं इस नियम को फोलो करती हूं, हो सके तो आप भी इस साल इस नियम को फोलो कर देख सकते हैं। इससे अगर गर्मी के मौसम में अपने को तरोताजा महसूस करते हैं तब पावडर को मेरी तरह युज में ला सकते हैं। और जो युज करते रहते हैं उन्हें Thanx.......

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