21वीं सदी का भयानक समय.. कोरोनावायरस महामारी..
दुनिया को हिलाकर रख दिया.... फिर दूसरी लहर.....
किसी राष्ट्र, देश, राज्य व क्षेत्र पर प्राकृतिक या राष्ट्रीय आपदा का आना और क्षति कर जाना, हमने समय-समय पर देखा, झेला तथा अनुभव भी किया है।
जिसे पड़ौसी, देश, राज्य व क्षेत्र ने एक-दूसरे को समय-समय पर सहारा दिया। लेकिन कोविड-19 ने एक साथ पूरी दुनिया को अपने लपेटे में ले लिया है। इससे विश्व का कोई भी कोना नहीं बचा। अतः कोई किसी को सहारा देने की परिस्थिति में न रहा।
इस आपदा से हर कोई प्रभावित हैं। कौन किसको संभालेगा, कौन किसके बारे में सोचेगा इसकी गुंजाइश नहीं रही। इस महामारी ने लोगों को एक दूसरे से अलग कर दिया है। लोगों के मन में डर डाल दिया है। सबों को एक साथ प्रभावित किया हैं।
पिछले साल के शुरू में कोरोना का प्रकोप पूरे विश्व में आ पड़ा था। जिसने दुनियां को हिलाकर रख दिया था।
2020 में इसके चलते अनेक जाने गई, काम-धंधे गये, हर स्तर के लोग परेशानी के शिकार हुए।
कोरोना संक्रमण से बचने हेतु हमने सावधानियां बरती, टोटके आजमाएं, अंधविश्वास के आगे घुटने टेक दिए, कई छोटी-बड़ी तरकिबों को अपनाया...।
कई महीनों के नुक्सान के बाद सोचा शायद कुछ राहत मिली है लेकिन हम गलत थे।
फिर से कोविड अपना रुद्र रूप लेकर दोबारा हमारे सामने आ गया। पहले से ज्यादा भयंकर रूप में....। अपना रुप और गुण बदलते हुए दिख रहा हैं...।
इस बार टोटकों और अंधविश्वासों का सहारा नहीं चलेगा।
अगर अपने को और अपनों को रक्षा करना है तो वैज्ञानिक पद्धति को अपनाना हैं। इसके बताए प्रथमिक उपचार को प्रयोग में लाना हैं।
ऐसे में कुछ लोगों का कहना है- यह कलयुग है। मनुष्य, प्रकृति व इंसान पर निर्मम अत्याचार कर रहा है। जिसे रोकने के लिए कोरोना अपना फन फैलाए आई है। अत्याचारों और अनाचारों को खत्म करने....
दूसरे कुछ लोगों का यह भी कहना है- जब-जब पृथ्वी पर पाप बढ़ा है, तब-तब भगवान अवतार के रूप में आएं है और हमें पापों से मुक्ति दिलाई हैं। इस बार भगवान, शायद कोरोना महामारी के रूप में आएं है। हमारे पापों का घड़ा फोड़ने....
खैर, लोगों की यह सब बातें अपनी-अपनी जगह है।
हमें तो अब प्रतिदिन इस संक्रमण से लड़ना और बचना है।
डरना नहीं सचेत रहना है....।
पिछली बार हमें उतनी जानकारी नहीं थी पर इस बार इस मामले में कुछ ज्ञान प्राप्त किए है। जिसके जरिए सावधान रहना है। उसके बाद डाक्टरस और प्रसाशन तो हमारे साथ है और रहेंगे। पर हमें अपनी जिम्मेदारी खुद उठानी पड़ेगी।
कोविड-19 की दूसरी लहर में, अलग-अलग माध्यमों से मेरे सामने प्राथमिक उपचार की जो बातें आई हैं उन्हें आप लोगों से साझा करना चाहूंगी।
कई बार ऐसा होता है, जानकारी के बावजूद बात दिमाग से निकल जाती है।
यही कारण है कि खुद प्राथमिक उपचारों को अपनाने के साथ ही मैं, आप लोगों से भी यह सांझ कर रही हूं...।
✓सबसे पहली और मुख्य बात "माक्स" की है। माक्स से हमें नाक व मुंह ढके रखना है। मुंह ढक लिया पर नाक खुला है उसे नहीं ढका या माक्स को दिखावे के लिए गले में लटका कर रख लिया। ऐसा कत्यी नहीं करना है।
गर्मियों का मौसम है अतः सूती कपड़े का माक्स प्रयोग में लेना सही रहेगा।
खादी भंडार से हम इसे संग्रह कर सकते है। जहां सूती व मुलायम माक्स मिल जाते हैं.....
✓ जहां तक हो सके अपने को घर पर ही रखने का प्रयास करें। घर के बाहर कम ही निकले और घर वाले भी एक दूसरे से दूरी बनाए रखने की कोशिश करें......
✓हाथोंकी अंगुलियों और हथेली को हमेशा साफ रखें। चाहे सैनेटाइजर से हो या साबुन से मगर साफ रखना है। अंगुलियों के बीच के स्थान को अच्छे से धो कर साफ़ रखने का प्रयास करें......
✓ भीड़ वाले जगहों से बचने की कोशिश करें.....
✓ साधारणतः एक परिवार में एक ही शौचालय की व्यवस्था होती है। जिसे परिवार के सभी सदस्य युज में लेते हैं। अतः शौचालय को भी सैनेटाइज करते रहना चाहिए....
✓ दिन में दो-तीन बार मुंह से भाप लेना चाहिए। चाहे कोई परेशानी हो या ना हो......
✓ शरीर में आक्सीजन की तकलीफ़ न हो इसलिए पेट के बल औंधे लेटना, दिन में दो-तीन बार ठीक रहेगा। अगर किसी को तौद (बड़ा हुआ पेट) की शिकायत है तो वह तकिया व्यवहार कर सकता है.....
✓ सर्दी-जुकाम, खांसी से निजात पाने के लिए कई लोग तरह-तरह का काढ़ा बनाकर पीते हैं। जो ठीक है लेकिन ज्यादा काढ़ा पीने से शरीर में गरमाहट की शिकायत हो सकती है। जिससे लेने के देने न पड़ जाए इस बात का भी हमें ध्यान रखना होगा....
✓ इन दिनों रोज विटामीन-सी लेना उचित है।जिन खाद्य में विटामिन- सी हो उसका सेवन करना ठीक रहेगा....
✓ इसके अलावा प्रचूर मात्रा में पानी और फल का सेवन करना चाहिए....।
मेरी समस्त पाठकों से अनुरोध है, चाहे हम स्वस्थ्य ही क्यों न हो पर सावधानी बरतनी चाहिए। ताकि आगे हमें परेशानी न हो।
कोविड-19 की दूसरी लहर से हमें डट कर मुकाबला करना होगा.....।
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