इनहेलर पोट------

दोस्तों! यह एक प्रकार का मेडिकल उपकरण है। जो अस्थमा, सर्दी-जुकाम जैसे बीमारियों से आराम दिलाता हैं।

कुछ ऐसे मेडिकल उपकरण, जिन्हें घर पर रखना चाहिए। जो अक्सर हमारे काम आते हैं।
 ठीक वैसे ही "इनहेलर पोट" एक साधारण उपकरण है जिसे हर घर में रखना चाहिए। खासतौर पर इस महामारी कोरोना काल में......।
 भाप लेने के लिए....।

कोरोना संक्रमण का संपर्क सीधे-सीधे सर्दी-जुकाम से हैं इसलिए इससे निजात पाने के लिए इस उपकरण की आवश्यकता है।

आज के इस लेख में मैं "इनहेलर पोट' पर प्रकाश डालने की कोशिश करुंगी। इस संबंध में कुछएक पाईंटस की बात करुंगी- 
       इसके आविष्कार, प्रकार, प्रयोग विधि, फायेद आदि के बारे में जानकारी लेंगे .......।
 डा.नेलसोन साहब "इनहेलर पोट" के आविष्कारक है। अस्थमा, सर्दी-जुकाम, खांसी, कफ तथा इन सबसे सीने और दिमाग में परेशान मरीजों के लिए घरेलू उपचार के तौर पर इसका आविष्कार किया था। जो काफी फायदेमंद साबित हुआ।

साधारणतः यह पोट सीरमीक (चीनी मिट्टी) या बोन चाइना का बना होता है। आजकल ये प्लास्टिक के भी पाए जाते हैं। परंतु प्लास्टिक पोट में स्मेल आने की संभावना रहती है। अतः सीरमीक इनहेलर पोट ही अच्छे क्वालिटी का माना जाता है।

यह चीनी मिट्टी का, कलशनुमा, सफेद रंग का उपकरण है। जिसके एक तरफ आउटलेट (निकास नली) बना होता है। इसे खरीदने पर इसके साथ दो चीजें और दी जाती हैं। चार इंच के करीब कांच की एक नली तथा दो इंच का एक रबर (cork) का टूकडा देते हैं। 
कांच के नली का एक हिस्सा थोड़ा चपटा रहता है और दूसरी ओर गोल। 
रबर का ऊपरी हिस्सा चौड़ा और निचला हिस्सा थोड़ा कम चौड़ा होता है। जो काले रंग का होता है। जिसके बीच में एक होल (छेद) रहता है।

इसे प्रयोग में लाने के लिए पहले, गर्म पानी को इनहेलर पोट में डाला जाता है। फिर पोट के ऊपर के होल को सील करना पड़ता है। इसके लिए कांच के नाली को एक इंच के करीब काले रबर के होल में धीरे-धीरे डालते है। रबर के चौड़े हिस्से की ओर नली को डालेंगे। कांच की नली का चपटा हिस्सा ऊपर की ओर रखा जाता है। फिर दो इंच चौड़े कपड़े या पट्टी (Bandage) की सहायता से पूरे रबर और कांच को लपेट लेंगे।पर ध्यान रखना है रबर का निचला हिस्सा तथा कांच के नली का ऊपरी चपटा हिस्सा बंद न हो। अब रबर को पोट के होल के ऊपर रखकर अच्छे से सील कर देंगे। कांच की नली पोट के ऊपरी ओर सीधा रहेगा।

"इनहेलर पोट" का होल (Hole) सील करने के बाद नली के ऊपरी चिपटे हिस्से से भाप (भेपर) निकलेगा और पोट के आउटलेट (निकास नली) से भी बाप (वाष्प) निकलेगा।अब उस उपकरण पूरी तरह से तैयार है मरीज़ के प्रयोग के लिए।
मरीज़ को नली से निकले भाप को अपने मुंह से बार -बार लेना होगा। इस तरह से लेते हुए वो आराम महसूस करेंगा।

जिन लोगों को सर्दी-खांसी, जुकाम, सांस लेने की समस्या जैसी परेशानी होती हैं, उन्हें डाक्टर साहब आराम के लिए गर्म भेपर (भाप) लेने को कहते हैं। भेपर से मरीज को सीने और दिमाग दोनों में आराम मिलता हैं।

अतः ऐसे घरेलू उपकरण घरों में रखना चाहिए। ताकि जरूरत पड़ने पर प्रयोग में लिया जा सके......।

"सीरमीक इनहेलर पोट" हमें ऑनलाइन घर बैठे मिल सकता है.......।
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