बाल-बच्चे और वेव-2,3 --------

कोविड-19 की दूसरी और तीसरी वेव (लहर) की नजर हमारे बाल-बच्चों पर पड़ी है। 
दूसरा वेव आ चुका है और तीसरा आने वाला है......।

चूंकि दूसरा आ चूका है इसलिए पहले इसकी बात करेंगे। इस समस्या से बच्चों को कैसे सावधान करे व बचाएं।

एक बात ध्यान देने वाली है। वो यह कि जिन परिवारों में बच्चे हैं पर परिवार या कोई भी सदस्य कोरोना वाइरस की चपेट में अभी नहीं आया हैं और दूसरा बच्चों वाला वह परिवार जो कोरोना वाइरस की चपेट में आ गया है।

दोनों ही परिवार के बड़ों को या उनके माता-पिता को बच्चों पर विशेष ध्यान देना होगा।

बच्चों में बुखार, पेट की गड़बड़ी, पेट में ऐंठन, कमजोरी आदि सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं।

प्रथमिक उपचार के तौर पर कुछ कदम उठाना जरूरी हैं। हालांकि डाक्टर की सलाह से ही उचित होगा।

जिस परिवार में अभी कोरोना का प्रभाव न पड़ा हो, उस परिवार को साधारण माक्स की जगह सर्जीकल माक्स लगाना जरूरी है। खान-पान में विटामिन सी और प्रोटीन युक्त आहार देना उत्तम होगा। जैसे कि- दाल, सोयावीन, दूध, पनीर, ड्राई-फ्रूट्स, पीले-नारंगी रंग वाले फल, सब्जी आदि। इस प्रकार की चीजें खाने में दी जाए तो ठीक रहेगा।

बाल-बच्चों को घर से बाहर न जाने दिया जाए। वैसे पिछली साल से वे स्कूल तक जा नहीं पा रहे हैं। ऐसे में बोर होना स्वाभाविक है। बच्चों को बहलाए रखने के लिए घरेलू खेल, कहानियां, गाना, अंताक्षरी, अच्छी किताबें पढ़ना आदि को जरिया बनाना होगा।

साफ-सफाई पर ध्यान देते हुए हाथ, मुंह अच्छे से धोते रहना है। पूरे घर को सेनेटाइजर करते रहना है। शौचालय को भी सेनेटाइज करना होगा। घर पर ही एक-दूसरे से दूरी बनाए रखना है। बाहरी, पड़ोसी, रिश्तेदार जैसे लोगों से दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है। और चाहिए। 

इन सबके अलावा उन्हें कोरोना महामारी के बारे में समझाकर जानकारी देनी है। जानकारी से उनके मन में डर या किसी तरह का बोझ पड़ना नहीं चाहिए।

हल्के बुखार में डाक्टर साहब से पूछकर बच्चों को "पेरासिटमेल दवा" देना उचित होगा। खाने में ऐसी कोई भी चीज न दे कि पेट में गड़बड़ी हो जाए।

अब बात करते हैं बाल-बच्चों वाले जिन परिवारों में कोरोना संकक्रमण फैला है। ऐसे परिस्थिति में घर पर रहकर डाक्टर साहब को दिखा, दवाई शुरू कर देना चाहिए।

घर व शौचालय में कीटनाशक स्प्रे करना चाहिए। पूरे घर की साफ-सफाई का ध्यान विशेष रूप से देना होगा। घर और घर के समस्त सदस्यों सह बच्चों का भी सफाई पर ध्यान देना चाहिए।नाक व मुंह में बार-बार हाथ लगाना नहीं है।

घर से बाहर निकलना बंद करना है और न ही किसी को अपने घर में आने की अनुमति देना चाहिए।

बच्चों के बुखार चेक करते रहना चाहिए और आराम करने देना है। कारण शरीर में कमजोरी आ जाती है।

जब तक बच्चों के टीके की व्यवस्था न हो, तब तक खान-पान पर और सुरक्षा पर ध्यान देना जरूरी है। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बच्चों को तरल खाद्य पदार्थ लेना उचित होगा। विटामिन सी और प्रोटीन युक्त आहार बहुत जरूरी है। सबों के लिए.....।

कुलमिलाकर घर के बड़ों व माता-पिता को बच्चों पर विशेष ध्यान देना होगा।

अब जरा बात करते हैं- वेव-3 की......
कोविड-19 के पहले चरण में बच्चे प्रभावित नहीं हुए थे। दूसरे चरण में बच्चे, अधिक प्रभावित हो रहे हैं तथा जानकारों के मुताबिक कोविड-19 वेव-3(लहर) बच्चों के लिए घातक होंगा। बच्चे बहुत ज्यादा प्रभावित होंगे।

आश्चर्य की बात है- अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के शोध अनुसार, बड़ों के मुकाबले बच्चों से संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा हैं। यानी एक बच्चे के कोरोना वायरस होने पर उसके माध्यम से एक साथ और एक समय में अनेक लोग कोरोना से संक्रमित हो सकते हैं। क्योंकि शोध के अनुसार बच्चों में "वायरस लोड" करने की क्षमता अधिक होती हैं।
 बच्चों में वायरस को पकड़े  रखने की क्षमता अधिक होती हैं। अतः बाल-बच्चों को वेव-2,3 से रक्षा करना अत्यन्त आवश्यक है
 
कोविड-19 से ग्रसीत बाल-बच्चों के परिक्षण से पता चला है कि बड़ों की तुलना में उनके नाक व गले में वाइरस को अधिक मात्रा में कैरी करने की क्षमता होती हैं.....।
किन्तु आश्चर्य की बात है, बच्चों में कोरोना वायरस के खास लक्षण दिखाई नहीं देते। फलतः पता नहीं चल पाता कि उन्हें कोरोना हुआ हैं। यानी वो कोरोना की चपेट में आ गये है। 
अतः घर के बड़ों को ही बच्चों के प्रति सतर्क रहना होगा। खास कर जब तक बच्चों के वैक्सीन न निकले....। 

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