आवश्यक उपकरण---------

मानव शरीर के भीतरी व बाहरी बिमारियों तथा शारीरिक समस्याओं की जानकारी के लिए कई बार जांच की आवश्यकता पड़ती हैं। जांच के बाद ही डाक्टर इलाज शुरू करते हैं।
कुछ जांच अस्पतालों में किया जाता हैं और कुछ घर पर ही किया जा सकता हैं.......।

आधुनिक काल में तरह-तरह के अत्याधुनिक चिकित्सा उपकरण, दिन-प्रतिदिन हमारे सामने आ रहे हैं। जिनमें से कुछ उपकरण हम जानते हैं, पर अधिकांश नहीं जानते।

ऐसे ही चिकित्सा उपकरणों में "प्लस ऑक्सीमीटर" भी एक उपकरण है। इसका प्रयोग "खून में ऑक्सीजन रेट" (spo2), "हार्ट रेट" व "प्लस रेट" की जांच के लिए किया जाता हैं। जो बहुत ही आवश्यक उपकरणों में एक है। खासतौर पर कोरोना काल के दौरान......

इसके बारे में पहले कुछेक लोग ही जानते थे लेकिन अब इस कोविड-19 महामारी में करीब-करीब सभी जान गए हैं। फिर भी इस लेख में इसके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं......।

"प्लस ऑक्सीमीटर" उपकरण दो प्रकार के हैं। एक तो अस्पताल में युज किया जाता है तथा दूसरा घर पर.....।
घरेलू तौर पर यूज़ करने वाला उपकरण, "फिगंरटिप प्लस ऑक्सीमीटर" कहलाता है। जिसका युज हम साधारण लोग घर पर कर सकते हैं। 

यह उपकरण छोटा व हल्का सा होता है। जिसे हम कहीं भी कैरी कर सकते हैं। घरेलू ऑक्सीमीटर कई कंपनियों के अलग-अलग फेसिलिटी के साथ बाजार में पाएं जाते हैं। जिनके मूल्य भी अलग-अलग होते हैं। अनुमानिक 500 से 3000तक में मिलते हैं।

कुछ कंपनियों के "फिगंरटिप प्लस ऑक्सीमीटर "मिलीकौन का बना पाया जाता हैं, किसी में सिंगल बटन होते हैं, कोई ऑक्सीमीटर दो रंगों के बने होते हैं, कोई एल.ए.डी. वाली होती है, अलार्म वाली भी मिलती है, कोई-कोई फास्ट रीडिंग वाले पाए जाते हैं। इसके अलावा और भी कई फेसीलिटीस के साथ "ऑक्सीमीटर" बाजार में उपलब्ध हैं। कोई महंगा होता है तो कोई थोड़ा सस्ता.....। सबों की यूज करने की पद्धति भी भिन्न है। 
लेकिन हर उपकरण के पैकेट के अंदर मैनवल (विधि कागज) मिलेगा या पैकेट के ऊपर उसकी बॉडी में प्रयोग विधि लिखा मिल जाएगी। अतः उसे पढ़कर हम समझ जाएंगे कि हमारी खरीदी "पल्स ऑक्सीमीटर उपकरण" को कैसे प्रयोग में लाएंगे। इसलिए विभिन्न प्रकार के होने के बावजूद परेशान होने की जरूरत नहीं है।

सर्जीकल की दूकानों में या ऑनलाइन इसे ख़रीदा जा सकता है। 

फिगंरटीप पल्स ऑक्सीमीटर खरीदने पर उसके साथ दो बैटरी भी देते हैं।

अब बात करते है इस उपकरण को यूज में कब ले.....।
कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए हर सदस्य को दिन में छः - छः घंटे बाद 2-3 बार इस उपकरण से खून के ऑक्सीजन रेट, हार्ट, पल्स का जांच कर लेना चाहिए। कारण इस विचित्र बिमारी के लक्षण और चाल विचित्र है। 

डाक्टरों के मुताबिक साधारणतः एक स्वस्थ मनुष्य में खून के ऑक्सीजन का लेवल (रेट) 95 से 100 के बीच होता है। यह रेट जब 94 से 90 के बीच आ जाता है तब डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए और यही लेवल (spo2 का) जब 80 तक पहुंच जाए तब मरीज को अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में उसे सांस लेने में दिक्कत होती हैं और मरीज़ को आक्सीजन की आवश्यकता होती है।

कोरोना वायरस हमारे फेफड़ों में जाकर सांस लेने की प्रक्रिया में बांधा पहुंचाता है जिससे हमें सांस लेने में दिक्कत होती हैं।

"फिगंरटिपस पल्स ऑक्सीमीटर" को प्रयोग में लेने से पहले हमें कुछ बातों का ध्यान रखना होगा....

इस उपकरण को अंगुली में सेट कर (डाला कर) जांच किया जाता है।अब सवाल उठता है दस अंगुलियों में से कौन-सी में सेट करें....?
डाक्टरों के मुताबिक किसी भी हाथ के बीच वाली उंगली में ऑक्सीमीटर को सेट करना सबसे अच्छा होता है। लेकिन बीच की उंगली और अंगूठे के बीच की उंगली में भी सेट कर जांच किया जा सकता है। छोटे बच्चों को उनके पैर के अंगूठे में सेट कर ऑक्सीजन (spo2) लेवल को जांचा जा सकता है।

ऑक्सीमीटर द्वारा खून के ऑक्सीजन रेट के जांच के लिए  व्यक्ति को पहले 10-15 मिनट अपने शरीर को आराम देना चाहिए। फिर अंगुली को उपकरण में डालना होगा। उंगली के दूसरी गांठ के आगे तक उपकरण के अन्दर डालना है। उसके बाद दो-तीन मिनट के लिए चुपचाप शांत हो बैठना है। इस क्रिया को दो-तीन बार दोहरा कर रीडिंग नोट करना है।
जिस उंगली के जरिए जांच करेंगे वह उंगली ठीक, साबुत और साफ होना जरूरी है। उंगली के साथ ही साथ नाखून का भी ध्यान रखें कि वो भी सही और ठीक हो.... अर्थात उंगली और उसके नाखून कटे, फटे, टूटे ना हो साथ ही उसमें किसी तरह का तेल, क्रिम, मेहंदी व नेलपॉलिश जैसा लेयर (आवरण) न हो..... इससे सही  रेट आने में बांधा आती है।

ऑक्सीमीटर को जब खोलते हैं तब उसके अंदर निचली सतह पर  लाल लाइट जलता नजर आएगा। हमें उंगली को उसके अंदर ऐसे डालना है ताकि उंगली उस लाइट के ऊपर  पड़े। लाइट का "रे" (प्रकाश) उंगली के संपर्क में आने से शरीर के खून का ऑक्सीजन लेवल, ग्राफ तथा नम्बर के माध्यम से ऑक्सीमीटर उपकरण के ऊपर दिखाई देगा। 

उपकरण में उंगली डाल, जांच करने से पहले उसे चालू कैसे
करते है....
मेनवल मिलने के बावजूद, जान लेने में कोई बुराई नहीं है....।

अलग-अलग ऑक्सीमीटर उपकरण चालू करने की पद्धति अलग होती हैं। लेकिन साधारण तौर पर पहले उसमें दो बेटरी लगाया जाता है। जैसे "दिवार घड़ी" में बेटरी लगाया जाता है। वैसे ही इसमें भी लगाया जाता है। इसके बाद ऑक्सीमीटर के सामने या साईड में एक ओपन बटन होता है। उसे दबाते हैं। जिससे उपकरण चालू हो जाता है। 
अब उसके जुड़े यानी जोएंट वाले हिस्से को दबाये रखने से उसका सामने वाला हिस्सा खुल जाता है। उसी के अंदर उंगली डालकर ऑक्सीजन लेवल जांचा किया जाता है।

जान लेते हैं डूप्लीकेट या खराब ऑक्सीमीटर उपकरण के सच्चाई के बारे में.....।

यह उपकरण खरीदते समय एक छोटा सा उपाय कर देखा जा सकता है। जिससे कुछ अनुमान लगाया जा सकता है कि वह सही चीज है या नहीं.....। 
हमारे शरीर में खून का  प्रवाह निरंतर जारी रहता है। अगर उंगली में खून के प्रवाह को रोक कर जांच करें तो पाएंगे एक ही लेवल रीडींग आएगा। तब जानेंगे उपकरण सही (ओरीजीनल) है। और अगर खून के प्रवाह को रोकने के बावजूद अलग-अलग लेवल बता रहा है तो उपकरण में गड़बड़ी है।
उंगली में खून के प्रवाह को रोकने के लिए उंगली के पिछे दूसरी गांठ की ओर या रिस्ट (कलाई) में कसकर रस्सी बांध देंगे जीससे उसके आगे के हिस्से में खून का प्रवाह बंद हो जाएगा। उसी बीच थोड़े समय के लिए जांचकर देख सकते हैं खून के ऑक्सीजन लेवल को........।
यह एक बहुत ही साधारण सा उपाय है। वैसे सर्जीकल की दूकानों से बिल सहित कोई भी, किसी भी तरह का उपकरण खरीदा जा सकता हैं। उपकरण में गड़बड़ी होने से उसे बदला जा सकता है।

अंत में एक महत्वपूर्ण बात जान लेना बहुत ही जरूरी है...।
जब भी हम "फिगंरटिप प्लस ऑक्सीमीटर" उपकरण का प्रयोग खून के spo2 के जांच के लिए करें तब ध्यान रखना होगा कि शरीर का तापमान न ज्यादा ठंड हो और न ही ज्यादा गर्म.... अर्थात ए.सी. में बैठ कर या धूप से आते ही जांच करने लग जाए ऐसा नहीं करना......। कमरे के साधारण तापमान में आराम व शांत शरीर के साथ इस उपकरण को प्रयोग में लेना चाहिए। जो हमें सही जांच की सूचना देगा।
खून के ऑक्सीजन लेवल का सही इंफोर्मेशन डाक्टर साहब और मरीज, दोनों के लिए ठीक रहता हैं.......।

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