व्हाइट फंगस इंफेक्शन-------

फफूंदी (फंगस) की जानकारी करीब-करीब हम सबों को हैं। जो हमारे आसपास की वस्तुओं में तथा मानव शरीर में भी दिखाई देता हैं। 

आज के लेख में मानव शरीर में होने वाले सफेद फंगस की चर्चा करेंगे। हमारे बहुतों के सिर के बाल से, पैर के नाखूनों तक अर्थात शरीर में कई हिस्सों में यह रोग होता हैं। चिकित्सकों व हमारे लिए यह सामान्य रोगों में से हैं। शुरुआती तौर पर ध्यान दिया जाए तो इस संक्रमण को आसानी से खत्म किया जा सकता है।

फफूंदी कई रंगों व प्रकार के होते हैं- काला, सफेद, लाल, क्रिम आदि।

फंगल इंफ्केशन सामान्य है पर वर्तमान भारत के कोरोना काल में यह संक्रमण काफी चिंता का विषय हो गया है। इसे लेकर चिकित्स काफि चिंतित हैं।

पिछले साल के अंत में कोरोना महामारी काल में हमने "ब्लेक फंगस" को पाया था। जिसकी चपेट में अनेक लोग आए और उन्होंने अपनी आंखों की रोशनी खोई....। जो डाक्टरों के लिए काफी चिंता का विषय बन गया था। 

इस साल 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर में डाक्टरों ने लोगों के शरीर पर "व्हाइट फंगस" पाया।

वैसे फंगस नमी के कारण होते हैं। एंटी फंगस दवाओं तथा कुछ घरेलू उपचार के जरिए इनसे निजात पाया जा सकता है। लेकिन कोविड-19 काल में फंगस घातक सिद्ध हो रहा है। 

ब्लेक फंगस हो या व्हाइट फंगस, कोई भी फंगस मनुष्य के लिए खास कर भारतीयों के लिए अभी खतरनाक साबित हो रहा है। एक तो कोरोनावायरस का खतरा उस पर ब्लेक और व्हाइट फंगस इन्फेक्शन.....।

कोरोना काल में पिछले साल के अंत में ब्लेक फंगस का खतरा शुरू हुआ था और इस साल व्हाइट फंगस इंफेक्शन-------।

त्वचा के डाक्टर, ENT डाक्टरस तथा अन्य सभी प्रकार के डाक्टस इससे बहुत चिंतित हैं। 
ब्लेक फंगस से ज्यादा घातक, व्हाइट फंगस है तथा इसके कुछ कारण भी है.....
 *मुख्य कारण कमजोरी है।
 *दूसरा कारण नमी।
 *तीसरा इस समय, ऑक्सीजन व अन्य चिकित्सा उपकरणों के टयूबों में जीवाणु के होने की संभावना को माना जा रहा है।
यह रोग विशेषकर उन्हें हो रहा है जिन्हें कोरोनावायरस ने अपने चपेट में लिया है।

व्हाइट फंगस हमारे शरीर के अंदरूनी और बाहरी दोनों हिस्सों को संक्रमित कर रहा हैं। जिनके शरीर में इम्यूनिटी पावर कम है या नहीं के बराबर है ऐसे व्यक्तियों को यह संक्रमण हो रहा हैं। 

इसके लक्षण कोरोना जैसे ही हैं पर ऐसे अनेक लोगों को कोविड-19 नहीं बल्कि फंगस इंफेक्शन है। इनमें कोरोनावायरस के तीनों टेस्ट- रेपिड एंटीजन, रैपिड एंटीबॉडी और आर. टी. पी. सी.आर.(RT-PCR) नेगेटिव पाए गए। लेकिन डाक्टर के कहे अनुसार- जब ऐसे मरीजों को "एंटी फंगस दवाएं" देने लगे तब वे ठीक होने लगे। 

व्हाइट फंगस कोरोनावायरस की तरह फेफड़ों को मुख्य रूप से संक्रमण कर रहा हैं। इसके अलावा किडनी, आंत, आमाशय तथा ब्रेन को भी संक्रमित कर रहा हैं। 

व्यक्ति के शरीर के बाहरी हिस्सों की बात करें तो त्वचा, नाखून, जननांगों व मुंह के भीतर व्हाइट फंगस हो रहे हैं।

डाक्टर के अनुसार कैसे लोगों को सावधानी बरतनी होगी.....
             डायबिटीज, टीवी, कैंसर, एडस मरिजों के अलावा उन महिलाओं को भी सचेत रहने की जरूरत है जो लियूकोरिया (स्वेत प्रदर) से ग्रसीत हैं। जिन बच्चों के लिए डाइपर स्तेमाल किया जाता हैं ऐसे छोटे बच्चों को भी सावधान रहने की जरूरत है। 

व्हाइट फंगस इंफेक्शन से बचने हेतु कुछ उपाय किए जा सकते हैं.......
                    चूंकि महामारी के समय कोविड-19 जैसे इसके लक्षण दिख रहे हैं अतः डाक्टर की सलाह से सबसे पहले कोरोना वाले सारे टेस्ट करवाने है।
  
 चिकित्सा उपकरण टियूब को जीवाणु मुक्त कराना होगा।

हेल्थ फूड खाना हैं ताकि कमजोरी दूर हो।

शरीर के समस्त अंगों को साफ रखना है तथा नमी वाले हिस्सों को सुखा रखना बेहद जरूरी हैं। आदि....।

व्हाइट फंगस इंफेक्शन क्यों हो रहे हैं, किन्हें हो रहे हैं, किन्हें होने की संभावना अधिक है, शरीर के कौन-कौन से हिस्से प्रभावित हो रहे हैं, तथा इससे बचने के उपायों की चर्चा की है। लेकिन चिकित्सा सेवा हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। कोरोना महामारी काल में फंगस इंफेक्शन को हल्के से लेने की कत्तई जरुरत नहीं है.....।

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