जासूस एप- पेगासस.......

इन दिनों दुनिया भर में "पेगासस" (जासूसी ऐप) के चलते तहलका मचा हुआ है। साथ ही हमारे देश में भी "पेगासस" की काफी चर्चा है...। 

हममें से अधिकांश लोग नहीं जानते की "पेगासस" क्या है? इसे खाते हैं, पहनते हैं या चेहरे पर लगाते हैं....?
बहुत कम संख्यक लोग ही इसके बारे में जानते हैं, तथा कुछ आधी-अधूरी जानकारी लिए हुए है।

 इसलिए लेख के माध्यम से "पेगासस" के बारे में मूल जानकारी ले लेते है। 

हममें से अधिकतर लोगों के पास "स्मार्टफोन" या "एंड्रायड" फोन है। वर्तमान समय के मुताबिक हम ऐसा फोन इस्तेमाल करते हैं। जो हमारे लिए विभिन्न क्षेत्रों में मददगार है। इसके काफी फ़ायदे है। अतः इस तरह के फोन का इस्तेमाल करीब हर लोग करते हैं। 

 दरअसल, "पेगासस" एक तरह का "एप" है। जिसके माध्यम से दूसरों के फोन की समस्त जानकारी हासिल कर सकते हैं। सामने वाले को पता भी नहीं चल सकता। उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकती हैं।

बताया जाता है कि इस ऐप को इजरायल की सुरक्षा कंपनी ने तैयार किया था। जिसका उद्देश्य व दावा था कि समस्त देशों की सुरक्षा हेतु इसे बनाया गया है। दुनिया भर में सरकारों और कानून एजेंसियों को आपराधिक मामले से लड़ने में यह साईबर मददगार साबित होगा। अपराधियों, चरमपंथियों, आतंकवादियों जैसे भयंकर कार्यों से लड़ने और उन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।

"पेगासस" के बारे में पहली जानकारी 2016 को सामने आई। कहा जाता है कि पहली बार संयुक्त अरब के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता के फोन (स्मार्टफोन) पर कई SMS प्राप्त हुऐ। ये SMS उन्हें संदिग्ध लगे। उन्होंने लिंक पर क्लिक न कर, अपने फोन को वहां के विश्वविद्यालय के लैब के जानकारों को दिखाया।

उनका शक सही निकला। पता चला यह एक जटिल मामला है। 

इसके बाद 2017 में एक रिपोर्ट के मुताबिक इस ऐप को मोबाइल फोन का "जासूस (स्पाई) उपकरण" बताया गया। रिपोर्ट के मुताबिक इसका इस्तेमाल मेक्सिको में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, भ्रष्टाचारी कार्यकर्ताओं के खिलाफ किया जा रहा था। 

कहते है, मामला दर्ज होने पर कहा गया- सिर्फ आपराधिक मामले के खिलाफ लड़ने की शर्त पर इसे बेचा गया था। पर इसका इस्तेमाल शायद निजता और मौलिक अधिकारों को हनन करने में किया जा रहा है। 

जानकारों के अनुसार अब तक "पेगासस ऐप" ने अरब शाही परिवार वालों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, राजनेताओं, सरकारी अधिकारी आदि को अपना शिकार बनाया है।

पेगासस का इस्तेमाल कैसे किया जाता है और इससे सावधान कैसे रहें....? तो पता चला इसके इस्तेमाल के लिए फोन पर एक लिंक भेजा जाता है। फोन का मालिक अगर उस लिंक पर क्लिक करता है तो उसका फोन "हैक" हो जाता है। यानी फोन पर निगरानी, फोन की सारी जानकारी देने का "कोड इंस्टॉल" हो जाता है। जिससे उस फोन की सारी जानकारी मिल जाती हैं। अगर फोन बंद कर दिया जाता है फिर भी जानकारी प्राप्त कर ली जा सकती हैं।

फोन हैक होने पर उसका लोकेशन, मेसेज, ईमेल, ऑडियो, कैमरा आदि जानकारियां प्राप्त हो जाती हैं। हैक करने वाले व्यक्ति के फोन से जुड़ी समस्त जानकारियां मिल जाती हैं।

पेगासस का गलत इस्तेमाल सामने आने से उसे "वायरस"  कहा जा रहा है। जो काफी खतरनाक सिद्ध हो सकता है। खास लोगों के स्वतंत्रता पर हमला होने जैसा कार्य हो रहा हैं।
    एक्सपर्ट के मुताबिक अपने स्मार्टफोन को हैक होने से बचाने के लिए, किसी भी लिंग पर बिना सोचे-समझे क्लिक नहीं करना चाहिए, फर्जी फोन उठाना नहीं चाहिए आदि। ऐसी ही बातों से बचकर रहना है बस। फिलहाल और कोई उपाय नहीं है।

दुनिया भर के लोग अपने-अपने फोन हैक से चिंतित व परेशान हैं वहीं, इजराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी का दावे के साथ कहना है- "पेगासस" के चलते दुनिया के लाखों लोग रात को चैन की नींद लें रहे हैं तथा सुरक्षित हैं। विश्व को सुरक्षित रखने का ही कार्य यह साईबर करता है अतः पेगासस को धन्यवाद देना चाहिए..... ।

कितने अफ़सोस की बात है इंसान, सुविधा और सुरक्षा हेतु कुछ आविष्कार करता है। वहीं, दूसरी और वही इंसान, तुरंत उसके गलत इस्तेमाल का कुछ न कुछ रास्ता भी ढूंढ लेता है। 
सुनने में आया है हमारे देश में भी इसका गलत इस्तेमाल किया जा रहा है।

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