रोजगार के अवसर (२)-----

पिछले लेख, रोजगार के अवसर (१) में कहा गया था अगले लेख में, रोजगार के अवसर (२) में दूसरे आइटम की चर्चा करेंगे। दोस्तों, यह वही लेख है जिसमें दूसरे आइटम अर्थात "कपड़ा आइटम" की बात करेंगे।
       आप लोगों से, रोजगार अवसर (१) में छोटे व शुरुआती तौर पर करने वाले "खाद्य आइटम" के बारे में अपने ‌अनुभवों को साझा किया था। और अब, आज के इस लेख में "कपड़ा आइटम" के अनुभवों को साझा करना चाहूंगी। हो सकता है किसी को कुछ आइडिया मिल जाए.....। जो कमाई दे सकता है।

आइटम की चर्चा से पहले एक बात कहना चाहूंगी- किसी भी काम को करने के लिए लग्न का होना जरूरी है, जिससे आगे के हर गांठ धीरे धीरे खुलते चले जाते हैं-और हम अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर होने लगते हैं।

खैर, कपड़े आइटम में पहला है.....

साड़ी फॉल- 
                 इसकी डिमांड बराबर रहती है। महिलाएं बिना फॉल के साड़ी युज नहीं करतीं। 
मान लिजिए, अगर एक महिला के पास 20 साड़ी हैं तो 20 फॉल चाहिए। बहुत कम ही होता है कि पुरानी साड़ी का फॉल निकाल कर नई में लगाएं। 

अब जितनी साड़ी उतनी फॉल की जरूरत होती हैं। अर्थात अच्छी डिमांड रहती है। इसलिए इस काम के बारे में सोचा जा सकता है। 
पहले तीन रंगों के फॉल से काम शुरू किया जा सकता हैं। लाल, काला व सफेद....।
              
आजकल सूती और सिंथेटिक, दोनों प्रकार की क्वालिटी के फॉल डिमांड में रहते हैं। अपनी सुविधानुसार होलसेल मार्केट से सूती या सिंथेटिक कपड़े का प्लेन रोल खरीदें इसके अलावा पोलिपेक, फॉल लेबल,पिन। ये छोटी-मोटी चीजें बाजार में आराम से मिल जाती हैं।

रोल के कपड़े को फॉल के साइज़ का काटकर, सिर्फ एक या दोनों तरफ सीधी-सीधी सिलाई करना है। बस आसानी से फॉल तैयार.....अब उसे साइज़ के हिसाब से मोड़कर पोलिपेक में डालना है। साथ ही किसी भी नाम और फोटो समेत एक लेबल उसमें रखना और पिन करना है। इस तरह बेचने के लिए फॉल तैयार.....।
       
 छोटे-छोटे स्टोर्स, दर्ज़ियों की दुकानों से अपना सामान बेचा जा सकता हैं।

कपड़ों का दूसरा आइटम है.......

लेस-
       देखा जाए तो इसकी भी काफी डिमांड है। लोगों के कपड़ों में काम आने के साथ ही भगवान जी के कपड़ों में भी इसका युज है।लेंस, पोषक की सुंदरता को बढ़ाता है। उसे आकृषित करता है। अतः तरह-तरह के सस्ते और महंगे लेंस बनवाकर बेचा जा सकता हैं----।

बक्रम कपड़े पर रीबन से, सर्टीन के कपड़े पर कांच, मोती, रेशमी धागा आदि से, गोटे पर डिजाइन कर और आजकल बाजार में तरह-तरह की युनिक बुटीक के सामान मिलते हैं। इनसे सुन्दर डिजाइन वाले लेश तैयार किये जा सकते हैं। क्रूश और रंगीन धागों से विभिन्न आकार के लेश भी बना सकते हैं।
     थोड़ा समय व दिमाग लगाकर सोचें तो आपके अंदर की कलात्मक रचना बाहर आ सकती है। और खुद ही सुन्दर- सुन्दर डिजाइनों वाली लेश बना सकते हैं।

समय की कमी हो तो खुद डिजाइन सोचें और दूसरों से बनवाएं। ऐसा करने से आप दूसरों को भी रोजगार दे सकते हैं। 

लेश, मीटर के हिसाब से पैक करें। पैकिंग सुंदर होनी चाहिए। कुछ छोटे-छोटे आकर के लेश की पाउच पैकिंग करें। पैकिंग ऐसी करनी है ताकि सुन्दर लगे तथा ऊपर से दिखे।

शुरू में बेचने के लिए आप-पास के पड़ोस में, महिला संस्थानों में ट्राई कर सकते हैं। होलसेल मार्केट में तथा भगवान जी के पोषक बनाने वाले लोग से भी संपर्क कर सकते हैं।

सेंपल बनाकर आडर ले और बनाकर सप्लाई करें....।

एक बार काम चल गया तो ख़ाना खाने का वक्त भी मिलना मुश्किल हो जाएगा....।कारण लेश का मार्केट बहुत अच्छा हैं.....।

कपड़ों का तीसरा आइटम........

प्रिंट-
        जी हां, तीसरा आइटम प्रिंट का है। एक रंग के कपड़ों में प्रिंट का काम...। इंग्लिश कलर तथा वर्तमान डिमांड कलर (जो रंग फैशन में हो) को ध्यान में रखते हुए युनिक प्रिंट का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस काम में सिर्फ कपड़ों पर प्रिंट कर सेल करना है। प्रिंटेट सूती कपड़े के रोल बेचे जा सकते हैं। इसके अलावा ब्लाउज पीस के नाप से, सलवार-सूट के नाप से, रजाई की खोली के नाप से कपड़ा कट कर अलग-अलग प्रिंट तथा रंगों से रंग कर बेचा जा सकता हैं। सफेद सूती कपड़े (अलग-अलग क्वालिटी) को सिंगल रंग कर, कई अनकोमन रंगों से रंग कर ट्राई किया जा सकता हैं।

दोस्तों, प्रिंटवाला काम जरा भारी व मेहनती हैं लेकिन दो-तीन लोग (दोस्त) मिलकर किया जा सकता हैं....।

इस काम को पार्टनरसिप में करना सही होगा। मूलधन और मेहनत का बोझ एक पर नहीं पड़ेगा। मिल बांट कर करने से काम आसान व जल्द हो सकता है...। आपस में एक-दूसरे से सलाह भी दी जा सकती हैं। कोई बाजार संभालेगा, कोई काम करेगा तथा कोई सेल की ओर ध्यान देकर यह काम किया जा सकता है।

अब मैं अपनी बात बताती हूं.... मैं भी खुद एक छोटे से कुटीर उद्योग से जुड़ी हूं। साथ में दो-चार महिलाऐं भी हैं। 

हमने अपना काम शुरू करने से पहले काफी छानबीन की थी। अतः हमारे सामने रोजगार के अनेकों अवसर आए। हमने अपनी योग्यता, जरुरत और दम (पैसे) को ध्यान में रखते हुए एक प्रकार का कुटीर उद्योग शुरू किया। जो पिछले कुछ सालों से हम कर रहे हैं। कमाई भी होती हैं और प्रशंसा भी मिलती हैं।

इसलिए, रोजगार के अवसर को शेयर करने की बात दिमाग में आई...। अगर रोजगार संबंधी सुझाव सही लगे तो, ट्राई कर सकते हैं। उम्मीद है दोस्तों, फायदे में रहेंगे......।

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