मनी प्लांट एक तरह का लतादार पौधा है। यह "इनडोर" पौधे के रूप में जाना जाता है। इसे घर और दफ्तर दोनों जगह लगाया जा सकता है।
गोल व पान के आकार का पत्तेनुमा यह पौधा घर की सजावट तथा खुबसूरती को बढ़ाता हैं। लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार हमारे जीवन में इसके कई फायदे हैं। इसलिए वास्तुशास्त्र में इस पौधे को "लकी पौधा" कहते है।
घर व दफ्तर में रखे जाने वाला यह "लकी पौधा", अगर कोई लगाना चाहे तो पहले ठीक से उसकी जानकारी ले लेनी चाहिए।
अतः इस प्लांट के विषय में कुछ मोटी-मोटी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं......।
इस पौधे को "मनीप्लांट" क्यों कहा जाता है-
इस संदर्भ में एक रोचक कहानी है। जानकारी के अनुसार ताइवान में एक गरीब किसान रहता था। उसकी आर्थिक स्थिति अत्यंत ख़राब थी। एक बार अचानक उसे एक पौधा दिखाई पड़ा।
किसान को वह पौधा और पौधों से जरा अलग लगा। इसलिए उस पौधे को लाकर वो अपने घर के बाहर आंगन में लगा दिया।
लतादार पौधे की बेल कुछ दिनों में हरा-भरा हो बढ़ने लगा। पौधे को बढ़ता देख किसान खुश हुआ और उसे उसकी तरह आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।
किसान में सकारात्मक ऊर्जा पैदा हुईं। जिससे वो काफी मेहनत करने लगा। धीरे-धीरे उसकी आर्थिक स्थिति अच्छी होने लगी।
एक तरफ पौधा बढ़ रहा था वहीं दूसरी ओर किसान की आर्थिक उन्नति हो रही थी।
आस-पास के लोगों का ध्यान किसान और उसके पौधे पर गया। लोगों ने किसान के आर्थिक उन्नति का श्रेय उस लतादार पौधे को दिया। और तब से उस पौधे का नाम "मनी प्लांट" पड़ा।
किसान ने अज्ञातवस पौधे को घर के बाहर लगा दिया था लेकिन लोगों ने अपनी उन्नति को ध्यान में रखते हुए पौधे को घर के अंदर लगाना उचित समझा। ताकि पौधे पर हर किसी की नजर न पड़े और न ही उनकी सुख-समृद्धि पर.......।
क्योंकि कुछ चीजें गुप्त रखना उचित होता हैं....।
मनी प्लांट को घर और दफ्तर में कहां लगाएं-
वास्तुशास्त्र और फेंगशुई में दिशा का विशेष महत्व होता है। आध्यात्मिक दृष्टि कोण से भी दिशा का महत्व होता है। इसीलिए मनीप्लांट के पौधे को सही दिशा में रखा जाए तो इसके काफी फायदे हैं।
इस पौधे को अग्नये कोण (दक्षिण-पूर्व का मध्य स्थान) में लगाना चाहिए।
इस प्लांट को ईशान कोण (उत्तर-पूर्व का मध्य स्थान) में नहीं लगाना चाहिए।
घर व दफ्तर में मनी प्लांट का पौधा लगाते समय इस बात (दिशा) का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
इस पौधे की देखभाल-
मनी प्लांट के पौधे को लगाने के साथ ही उसके ग्रोथ और बचाव पर भी ध्यान देना अति आवश्यक है।
इस प्लांट को गमले की मिट्टी और कांच के पात्र (हरा/नीला रंग का) के पानी, दोनों तरह से लगाया जा सकता हैं।
पौधे को काफी दिनों तक बचाए रखने के लिए तथा हरा-भरा रखने के लिए खाद्य के रूप में मिट्टी में गोबर डाले और पानी वाले पौधे के पानी में दूध की कुछ बूंदें डालें। कांच के पात्र के पानी को पांच-सात दिन में बदले और हर बार कुछ बूंदें दूध की डालें। ऐसा करने से पौधे की ग्रोथ बढ़ेगी।
इसके अलावा समय-समय पर इनक पीली पत्तियों और कुछ डालो की छंटाई करते रहना चाहिए।
पतली रस्सी के सहारे पौधे के लता को ऊपर की ओर बांध देना चाहिए। ताकि इसकी बेल रस्सी के सहारे आसानी से ऊपर की ओर बढ़ सके।
मनी प्लांट के फायदे-
घर व दफ्तर में लगा मनीप्लांट का हरा रंग आंखों और मन को सुकून देता है।
यह प्लांट अपने आसपास के वातावरण को मंगलमय करता है।
घर और दफ्तर की शोभा बढ़ाता है।
मन में सकारात्मक ऊर्जा भर देता है।
धन-समृद्धि, मान-सम्मान की वृद्धि करता है।
परिवार की आर्थिक तंगी दूर करता है।
आर्थिक उन्नति होने से व्यक्ति सुख तथा शांति का अनुभव करता है।
मनी प्लांट सुखमय जीवन जीने में सहायता करता है।
यह प्लांट सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
वास्तुशास्त्र के अनुसार मनीप्लांट जीतना बढ़ता (पनपता) है उस परिवार की उतनी अधिक उन्नति होती है।
इसलिए सौभाग्य के प्रतिक "मनीप्लांट" को "शोभा और सौभाग्य" दोनों के लिए हर घर में लगाना चाहिए। "बरकत" बनी रहती है......।
______________