बेवी वेट मशीन------

       हर माता-पिता चाहते हैं, उनका बच्चा स्वस्थ और निरोग रहे। इसके लिए शुरू से ही बच्चे के स्वास्थ्य पर ध्यान देना जरूरी है।
नींव अगर ठीक से बनाया जाए तो उसका ऊपरी ढांचा मजबूत होता है। वैसे ही, शुरू से शिशु के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें तो बच्चा स्वस्थ और निरोग रहेगा। 
स्वस्थ रखने के लिए बच्चे के वजन पर ध्यान देना अति आवश्यक है। यह ध्यान देना जरूरी है कि शिशु का वजन न कम हो और न अत्यधिक हो।   
जानकारी के मुताबिक अधिक तथा कम वजन का प्रभाव बच्चे के स्वास्थ्य और शारीरिक विकास पर पड़ता है।
यही कारण है कि समय-समय पर उनका वजन करवाते रहना चाहिए। इसके लिए बाजार में "वेबी वेट मशीन" उपलब्ध है। जो कई प्रकार के होते हैं।
            अस्पताल या नर्सिंग होम में उपयोग करने वाले तथा घरेलू उपयोग के लिए अलग-अलग मशीनें पाईं जाती हैं। अस्पताल व नर्सिंग होम में उपयोग करने वाली मशीन वेइंग मशीन कहलाती है तथा घरेलू मशीन डिजिटल प्रकार की होती है।
            जब एक नवजात शिशु का जन्म होता है तब अस्पताल या नर्सिंग होम में वेबी की लम्बाई और वेट मापा जाता हैं तथा हर माह विभिन्न जांच के दौरान भी नियमानुसार शिशु का वेट माप लिया जाता है। कारण, इससे बच्चे के शारीरिक विकास का पता लगाया जा सकता है।
चिकित्सक के अनुसार- कम वजन एक बच्चे के ठीक से विकास न होने को सुचित करता है। और जरूर से ज्यादा वजन चिंता का कारण बताया जाता है। ऐसे में वेबी के सही देखभाल और समय-समय पर पोषण तत्व वाले खाद्य पदार्थ की ओर ध्यान देने की सलाह दी जाती हैं।
     पोषण तत्व वाले खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषण, कम वेट वाले शिशुओं के  शारीरिक विकास व वजन को बढ़ाता है।
वेबी वेट मशीन से मापकर बच्चे के वजन को मेंटेन किया जाता है। ताकि उसका विकास सही ढंग से होता रहे। अतः बच्चे के बॉडी को मापना बहुत जरूरी है।
व्यस्त जिंदगी के कारण बच्चे को साथ लेकर अस्पताल या नर्सिंग होम ले जाना हमेशा नहीं हो पाता है। ऐसे में अगर घर में रखा वेबी वेट मशीन हो तो उससे मापकर चार्ट बना डाक्टर की सलाह ली जा सकती है। ताकि सही देखभाल के साथ उनके उम्र के अनुसार वजन पर ध्यान दिया जा सके।
              घरेलू वेबी वेट मशीन से, नवजात शिशु के जन्म से ढाई साल तक का वजन किया जा सकता है।
              जानकारों के मुताबिक "वेबी बॉय" और "वेबी गर्ल" की उम्र समान हो सकती हैं लेकिन उनके वजन और लम्बाई भिन्न होते हैं। लड़के और लड़की बच्चों के वजन को भिन्न-भिन्न आंका जाता हैं।
              एक नवजात शिशु लड़के का वजन 3.8 किग्रा होना चाहिए। जो धिरे-धिरे बढ़ते हुए ढ़ाई साल तक 24.5 किग्रा होना जरूरी होता है। वहीं दूसरी ओर एक नवजात शिशु लड़की का वजन 3.7 किग्रा होना चाहिए। जो बढ़ाते हुए ढ़ाई साल में 13.0किग्रा वजन का होना आवश्यक है। इस तरह का वेट बच्चों के सही स्वास्थ्य की दिशा को निर्धारित करता हैं।
यह जरुरी नहीं कि सभी बच्चों का वजन सही तरीके से बढ़े या घटे..... ऐसे में वेट मशीन के द्वारा वजन करते रहे और डाक्टर की सलाह मानते हुए समस्या को दूर करने की कोशिश करें।
इस लेख के माध्यम कुछ वेबी वेट मशीन के नाम बतलाने की कोशिश कर रहे हैं। जो आपको खरीदने में मदद कर सकता है.......Dr.Trust, M.C.P., BPL Degetal, Eagle, Kannya Degetal etc.
बाजार में घरेलू वेबी वेट मशीनें बेटरी, रीचार्जवल व इलैक्ट्रिकल के रूप में उपलब्ध हैं। हर प्रकार की वेट मशीनें बच्चों के लिए सुरक्षित हैं तथा सही वजन भी बतलाता है। लेकिन मशीन खरीदते वक्त कुछ विशेष जानकारी का होना आवश्यक है.....।
आइए विशेष मोटी-मोटी बातें जान लेते हैं.......
1) ध्यान रखें मशीन का ट्रे यानी वजन प्लेट बड़ा हो। कारण आपका बच्चा दिन प्रतिदिन बढ़ेगा। उसका शारीरिक विकास होगा। और ढाई साल तक उसी मशीन से उसका वजन करना होगा।
 2) मशीन में पावर बटन और प्रेश बटन है या नहीं चेक कर लें। 
 3) मशीन का डिस्प्ले स्क्रीन बड़ा हो ताकि वजन का रीडिंग साफ (clear) दिखाई दे।
 4) इन सबके अलावा गारंटी/वारंटी पर भी ध्यान दें। जिससे आगे कोई दिक्कत न हो। आदि।
         अलग-अलग ब्रांड के उपयोगी नियम भिन्न है अतः मशीन बॉक्स में दिए गए मेनुअल (कागज) को ध्यान पूर्वक पढ़ कर मशीन का उपयोग कर सकते है। ऐसा करने से मशीन ठीक से काम रहेगा और वजन भी सही दिखाएगा। तथा लेख के माध्यम उपयोग करने का तरीका भी बताया जा रहा है। इसे भी आप फोलो कर सकते हैं...... 
*सबसे पहले वेट मशीन में वेबी ट्रे को ठीक से सेट करना होता है। 
*फिर प्रेश बटन को ऑन करते है। 
*उसके बाद पावर बटन को दो-तीन बार पुस किया जाता है। क्योंकि मशीन के डिस्प्ले स्क्रीन पर जीरो (शुन्य/०००) अंकित हो जाए। 
*दोस्तों, ध्यान रखें जब भी आप अपने वेबी को वेट करें उससे पहले डिस्प्ले स्क्रीन में शुन्य करना न भूलें।
इसके बाद बच्चे को तौलिए, कपड़े, और डाइपर के साथ ट्रे पर लेटा दे। वैसे जितना हो सके कम से कम कपड़ों (सामग्रियों) में वेबी का वजन करें।
              मशीन की ट्रे में बच्चे को लेटाने के बाद ध्यान देना होगा कि वो ज्यादा हिले-डूले नहीं वरना वज़न सही आने में दिक्कत होगी या सही वजन नहीं आएगा। इसलिए बच्चे को शांत करवा कर ही मशीन से वेट करें जिससे सही वजन निर्धारित हो सके।
              आज के लेख में हमने शिशु बॉडी वेट मशीन की जरूरत, उनके नाम, खरीदने से पहले की सतर्कता, उपयोग आदि के बारे में जानकारी देने की कोशिश की हैं। उम्मीद है यह लेख आपकी मदद करेगा। फिर भी बताना उचित है डाक्टर व जानकारों का Opinion जरूरी हैं .........।
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