शरीर के तापमान को मापने के लिए "तापमापी उपकरण" का Use किया जाता है। जिसे हम "थर्मामीटर" के नाम से जानते है। बुखार आने पर इसी से शरीर के ताप का पता चलता है।
मेडिकल उपकरण- थर्मामीटर कई प्रकार के होते हैं। इस लेख के जरिए हम आपको मुख्य तीन तरह के थर्मामीटर की जानकारी देंगे। जिनके जरिए मनुष्य के शरीर के तापमान का पता लगाया जाता है। इससे आपको मदद मिल सकती है।
तीन प्रकार के थर्मामीटरों में -1) मर्करी थर्मामीटर- 2) डिजिटल थर्मामीटर- 3) नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर हैं।
मर्करी थर्मामीटर का प्रयोग सदियों से किया जाता रहा है। उसके बाद डिजिटल थर्मामीटर का उपयोग हम करने लगे। परंतु नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर का चलन "कोरोना महामारी" के समय से खूब होने लगा। अब इसकी जानकारी करीब-करीब सबों को हो गई है। तीनों प्रकार के थर्मामीटर ही मनुष्य के शरीर के तापमान की सठिक जानकारी देते हैं।
आईए आपको इनकी अलग अलग जानकारी देने की कोशिश करते हैं ........
(1) मर्करी थर्मामीटर- इस तरह का थर्मामीटर सबसे पुराना थर्मामीटर है। कांच की बनी पतली नली के रूप में यह बना होता है। नली के अंदर निचले हिस्से में मर्करी अर्थात पारा (सफेद, चमकिला पदार्थ) भरा रहता है। भीतरी ओर पारे के ठीक ऊपर से एक पतला पाइप पूरे थर्मामीटर में सेट किया हुआ रहता है।
कांच की नली के बॉडी में नम्बर अंकित किया रहता हैं। जो शरीर के तापमान के परिणाम को दर्शाता है।
जब आप बुखार यानी शरीर के तापमान की जांच करना चाहे- तब कांच की पतली नलीनुमा मर्करी थर्मामीटर का निचला हिस्सा, जहां पारा भरा रहता है उस हिस्से को (मनुष्य के) हाथ के निचे यानी बगल (Underarm) में या मुंह के अंदर जीभ के नीचे, मुंह बंद कर थोड़ी देर दबाकर रखते है। इससे पारे को शरीर की गर्मी मिलेगी और वो फैलने लगेगा। थर्मामीटर के भीतर सेट की हुई पतली पाइप के जरिए पारा फैलता हुआ ऊपर की ओर चढ़ता रहेगा। शरीर के गर्मी के अनुसार ऊपर चढ़ेगा फिर रुक जाएगा। पारा पाइप के जहां तक जाकर रुकेगा, वहां लिखे (अंकित) नम्बर को पढ़कर हमें समझना होगा शरीर का तापमान कितना है।
इस तरह से तापमान की जांच की जाती है।
जांच के बाद थर्मामीटर को थोड़ी देर ठंडे पानी में रखना चाहिए। जिससे पार ठंडे के स्पर्श से पुनः सिकुड़ कर अपने स्थान आ जाएगा। अब थर्मामीटर हो पानी से धोकर, उसके साथ दिए गए "केस बॉक्स" पर संम्भाल कर रख देना चाहिए। ताकि वह टूटे नहीं। क्योंकि कांच का बना होने के कारण टूटने का डर रहता है।
कांच का बना होने के बावजूद हम इसे आसानी से कैरी कर सकते है। हल्का और केस बॉक्स के साथ इस तरह का थर्मामीटर आता है। अतः कहीं लाने और ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होती है।
(2) डिजिटल थर्मामीटर- मर्करी थर्मामीटर के बाद आधुनिक काल में डिजिटल थर्मामीटर बाजार में उपलब्ध होने लगे।
प्लास्टिक बॉडी का बना सुन्दर डिजाइन का यह उपकरण Use करने में बहुत ही आसान साबित हुआ। प्लास्टिक बॉडी का बना होने के कारण गिरकर टूटने का जरा भी डर नहीं।
यह बैटरी से चलने वाला थर्मामीटर है। इसमें सेंसर और एलसीडी स्क्रीन होते हैं। इसके अलावा डिजिटल थर्मामीटर में ऑन/ऑफ करने के बटन भी होते हैं। इस तरह के थर्मामीटर का उपयोग हर उम्र के लोगों के शरीर के तापमान को मापने के लिए किया जाता हैं।
इस थर्मामीटर का उपयोग भी मुंह के अंदर और हाथ के नीचे बगल में दबाए रखकर किया जाता हैं। लेकिन इसके सामने वाले नोक के हिस्से को थोड़ी देर दबाए रखते हैं। थोड़ी देर पश्चात एक हल्की आवाज़ (पीक) आती है। इसके तुरंत बाद थर्मामीटर के स्क्रीन में तापमान रिकॉर्ड दिखाई देता है।
बैटरी चालित डिजिटल थर्मामीटर को Use करने से पहले बटन ऑन किया जाता है तथा Use करने के बाद ऑफ का बटन दबा उसे बंद कर दिया जाता है। इसके बाद सादे या गुनगुने पानी से धो कर रखा जाता है। बाटरप्रूफ होने के कारण पानी से खराब होने का डर नहीं रहता।
आम लोगों के घरेलू Use के लिए डिजिटल थर्मामीटर आसान उपकरण है।
(3) नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर- मनुष्य के शरीर को बिना स्पर्श किए, दूर से उनके शरीर का तापमान इस तरह के थर्मामीटर से जांचा जा सकता है।
"कोरोना महामारी" काल से इस तरह के थर्मामीटर का चलन साधारण लोगों के बीच हुआ। कोरोना वायरस छूआछूत वाली बीमारी होने के कारण नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर का प्रयोग किया गया। इस बीमारी के समय हर जगह मनुष्य के शरीर का तापमान बढ़ी आसानी से, इसी से मापा गया। जो काफी सरल और सुरक्षित साबित हुआ।
इस तरह के थर्मामीटर गननुमा आकार के होते है।ये भी बैटरी से चलने वाला थर्मामीटर है। इसमें ट्रीगर, रीडिंग स्क्रीन तथा पावर बटन रहते हैं।
ट्रीगर को पकड़ कर पावर बटन ऑन कर मनुष्य के माथे के सामने या बंद मुट्ठी के ऊपरी हिस्से में बिना स्पर्श, थोड़ी देर पकड़े रखा जाता है। ऐसे में उसमें से लेजर निकलने लगता है और चंद सैकेंड में रीडिंग स्क्रीन पर तापमान रिकॉर्ड दिखाई देता है। तापमान रिकॉर्ड देखने के बाद उसके बटन को ऑफ़ कर दिया जाता है।
बैटरी चालित डिजिटल थर्मामीटर को Use करने से पहले और Use करने के बाद पावर बटन को ऑन/ऑफ करते रहना चाहिए। ऐसा करने से बैटरी ज्यादा दिनों तक चलेगी तथा पहला तापमान रिकॉर्ड दूसरे तापमान रिकॉर्ड के साथ कनेक्ट नहीं होगा।
नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर को प्रयोग में लेने से पहले दो विशेष बातों का ध्यान रखना जरूरी है .......
एक- स्कीन (मानव त्वचा) और थर्मामीटर के बीच, किसी तरह की कोई भी चीज (ऑब्जेक्ट) नहीं आनी चाहिए। दूसरा- स्कीन और थर्मामीटर के बीच की दूरी 8-10 सेंटीमीटर होना चाहिए। वरना सही तापमान का पता नहीं चल पाएगा।
इस प्रकार के थर्मामीटर को धोकर रखने की जरूरत नहीं होती है। क्योंकि इसका Use दूर से किया जाता है।
दोस्तों, इस लेख के जरिए हमने पुराने से, नये अर्थात कांच वाली मर्करी थर्मामीटर, डिजिटल थर्मामीटर और गननुमा नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर की जानकारी देने की कोशिश की हैं। आशा है यह लेख आपकी मदद करेगा।
इस लेख में बतलाए गए किसी भी एक प्रकार का थर्मामीटर, घरेलू उपयोग के लिए अवश्य घर पर रखना चाहिए। ताकि जरूरत पड़ने पर Use किया जा सके ......।
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