तापमापी उपकरण------

          शरीर के तापमान को मापने के लिए मेडिकल उपकरण का Use किया जाता है। जिसे "क्लिनिकल थर्मामीटर" कहते है।
"थर्मामीटर" यानी "तापमापी उपकरण" कई प्रकार के होते हैं। 
आज के लेख में मुख्य तीन तरह के तापमापी उपकरण की बात करेंगे। जिनसे मनुष्य के शरीर का तापमान मापा जाता है......
                 (1) मर्करी थर्मामीटर
                 (2) डिजिटल थर्मामीटर
                 (3) नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर

तीनों प्रकार के थर्मामीटर ही मनुष्य के शरीर के तापमान का सटीक परिणाम देते हैं ......। 
आइए इन थर्मामीटरों की कुछ जानकारियां ले लेते हैं ......
1) मर्करी थर्मामीटर- 
                            इस तरह का थर्मामीटर सबसे पहला व पुराना है। जो कांच का बना, पतली नली के रूप में होता है। जिसे "मर्करी थर्मामीटर" कहते है।
           कांच के इस पतली नली के निचले हिस्से में सफेद, चमकीला पदार्थ "पारा" (मर्करी) भरा रहता है। उसके ठीक ऊपर से पतली पाइप थर्मामीटर के ऊपर तक की ओर सेट किया रहता है। कांच की नली के बाहर की ओर तापमान "रीडिंग संख्या" अंकित किया रहता है। 
           ताप मिलने से पारा (मर्करी) फैलता है और फैलते हुए पाइप के सहारे ऊपर की ओर चढ़ता है। तथा किसी एक स्थान पर जाकर रुक जाता है।  निर्भर करता है पारे (मर्करी) को शारीरिक ताप (गर्मी) कितना मिला ...... ।
             मर्करी थर्मामीटर से जब किसी मनुष्य के शरीर का तापमान (बुखार) मापा जाता है तब इस मेडिकल उपकरण के पारे वाले हिस्से को मनुष्य के जीभ के नीचे या हाथ के नीचे बगल में थोड़ी देर दबाए रखते हैं। शरीर के तापमान से पारा फैलता हुआ नली में अंकित संख्याओं तक पहुंचते हुए एक संख्या पर जाकर रुक जाता है और शरीर का तापमान बतलाता है। 
इस प्रकार मर्करी थर्मामीटर से मनुष्य के शरीर का तापमान (बुखार) मापा जाता है। तापमान मापकर उसे रीकॉर्ड कर, नली के पारे को पुनः नीचे अपने स्थान पर लाया जाता है। इसके लिए थर्मामीटर का पारा वाला हिस्सा ठंडे पानी में कुछ देर के लिए रखते हैं। ठंडक पाकर पारा (मर्करी) पुनः सिकुड़ने लगता है और वापस थर्मामीटर के नीचे की ओर आकर जमा हो जाता है।
याद रखें, मर्करी अर्थात पारा- ताप पाकर फैलता है और ठंड पाकर सिकुड़ता है। जिस कारण थर्मामीटर के निचले हिस्से में पारा भरा रहता है। ताकि मनुष्य के शरीर के तापमान की जांच इससे हो सके।
Use करने के बाद "मर्करी थर्मामीटर" को सादे पानी से धोकर, सुखाकर "केस बॉक्स" में रख दिया जाता है। कांच का बना होने के कारण थर्मामीटर केस बाक्स में सुरक्षित रहता है। टूटने का डर नहीं रहता। इसे आसानी से अपने बैग में रख सकते है। कहीं ले जाने में भी किसी तरह की कोई असुविधा नहीं होती है।
2) डिजिटल थर्मामीटर- 
                                    मर्करी थर्मामीटर के बाद आधुनिक जमाने में "डिजिटल थर्मामीटर" का चलन हुआ। यह तापमापी उपकरण Use करने में बहुत ही आसान है।
कई लोग मर्करी थर्मामीटर से शरीर के तापमान (बुखार) की जांच नहीं कर पाते। क्योंकि पारे की रीडिंग समझने में बहुतों को दिक्कत होती है। परंतु डिजिटल थर्मामीटर में सीधे तापमान संख्या दिखाई देता हैं। इसलिए इसे Use करना आसान है।                         
प्लास्टिक बॉडी का बना सुन्दर डिजाइन और कई रंगों का डिजिटल थर्मामीटर बाजार में उपलब्ध हैं। ये अनेक ब्रांडों में पाए जाते हैं।  प्लास्टिक बॉडी का बना होने के कारण इसके टूटने का डर नहीं रहता। 
               इन थर्मामीटरों में सेंसर, एलसीडी स्क्रीन और ऑन-ऑफ बटन रहता हैं। 
डिजिटल थर्मामीटर को Use में लेने से पहले, बटन द्वारा ऑन करते है फिर Use करने के बाद ऑफ बटन से बंद कर देते है।  
इस प्रकार  के थर्मामीटर का उपयोग हर उम्र वाले मनुष्य के शरीर के तापमान (बुखार) को मापने के लिए किया जा सकता हैं।
                डिजिटल थर्मामीटर को Use में लेने से पहले उसके ऑन बटन को दबाते है फिर सामने वाले नोक के हिस्से को मुंह में या हाथ के नीचे बगल में दबाकर रखा जाता हैं। 
इसे थोड़ी देर दबाए रखने पर इसमें से एक हल्की सी आवाज (पीक) आती है। इसके तुरंत बाद थर्मामीटर के "स्क्रीन" पर तापमान रीडिंग दिखाई देता है। 
मुंह या बगल से निकालने के बाद तापमान रिकॉर्ड कर, ऑफ बटन को दबाकर डिजिटल थर्मामीटर को बंद कर देते है। इसके बाद थर्मामीटर को साफ पानी से धोकर रख देते है। यह बाटरप्रूफ होने के कारण पानी से खराब होने का डर नहीं रहता है।
         घरेलू Use के लिए इस प्रकार का थर्मामीटर काफी उपयोगी होता है। लोग आसानी से इसके द्वारा शरीर के तापमान (बुखार) की जांच खूद कर सकते है।
3) नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर-
                         मनुष्य के शरीर को "बिना स्पर्श" किए दूर से उसके शरीर के तापमान (बुखार) को इससे जांचा जा सकता है। इसलिए इसे "नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर" कहा जाता है।
हम साधारण, आम लोगों के बीच इस प्रकार का थर्मामीटर "कोरोना महामारी काल" के समय से सामने आया है। कोरोना "संक्रमित वायरस" वाली बीमारी होने के कारण इसमें "नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर" का प्रयोग किया गया। 
इस रोग के कारण मनुष्य के शरीर के ताप को मापने के लिए बिना स्पर्श किए इस प्रकार के थर्मामीटर का Use कर तापमान (बुखार) का पता लगाना बहुत ही आसान साबित हुआ।
नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर "गननुमा" आकार का होता है। किसी को बिना स्पर्श किए "चंद सैकेंड" में आसानी से मनुष्य के शरीर के तापमान का ताप लगाया जा सकता है।
इस प्रकार के थर्मामीटर बेटरी से संचालित होते हैं। इनमें ट्रीगर, डिजिटल स्क्रीन यानी रीडिंग स्क्रीन तथा पावर बटन रहता हैं।
शरीर को बिना स्पर्श किए माथे के बीच (कपाल) या मुट्ठी के बाहर की ओर ऊपरी हिस्से (हथेली के ऊपर) के थोड़ी दूरी से चंद सैकेंड में शरीर के तापमान का जांच किया जा सकता है।
नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर को Use करने से पहले इसे ऑन करते है फिर इसमें लगे ट्रीगर को पकड़ा जाता है। थोड़ी ही देर में उसमें से लेजर निकलने लगता है। तब माथे या मुट्ठी के ऊपर दूर से थोड़ी देर पकड़े। कुछ ही समय में थर्मामीटर के स्क्रीन में तापमान रिकॉर्ड होते हुए दिखाई देने लगेगा।  ताप रीकार्ड करने के बाद उसे पुनः ऑफ कर देते है। 
        "नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर" को Use में लेने से पहले दो बातों पर विषेश ध्यान देना जरूरी हैं.....
एक तो स्कीन (त्वचा) और थर्मामीटर के बीच किसी प्रकार की कोई चीज (ऑब्जेक्ट) नहीं आनी चाहिए। और दूसरी बात- 8 से 10 सेंटीमीटर की दूरी से तापमान जांचा जाना चाहिए। वरना तापमान के परिणाम का सटीक पता नहीं चल पाएगा।
दोस्तों, इस लेख में हमने पुराने से नये अर्थात कांच वाली "मर्करी थर्मामीटर", प्लास्टिक बॉडी की "डिजिटल थर्मामीटर" और गननुमा "नॉन कांटेक्ट थर्मामीटर" की जानकारी देने की कोशिश की हैं।
ये सभी थर्मामीटर मानव शरीर के तापमान (बुखार) की सही जानकारी देते हैं। 
अतः संभव हो तो किसी एक प्रकार का थर्मामीटर हमें अपने घरों में रखना चाहिए ताकि जरूरत पड़ने पर आसानी से इसे Use कर सके। तथा आगे की व्यवस्था ले सकें.....।
 उम्मीद है इस लेख में दी गई "तापमापी उपकरण" (थर्मामीटर) की जानकारी से पाठकों को अवश्य मदद मिलेगी .......।
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