ग्लब्स......

          ग्लब्स एक Handwear उपकरण है। जो हाथों की सुरक्षा प्रदान करता हैं। इसके पहनने से हाथों की अंगुलियां, हथेली (ऊपर/नीचे) का हिस्सा व कलाई पूरी तरह से कवर हो जाता है। और सुरक्षित रहता हैं......।
हमें अपने जीवन में हाथों से कई काम ऐसे करने पड़ते हैं, जिन्हें करने से पहले सुरक्षा और सफाई का ध्यान रखना जरूरी होता हैं। इसीलिए ग्लब्स की आवश्यकता होती है। 
ग्लब्स का Use हम विभिन्न perpes में करते हैं। सुरक्षा और सफाई दोनों का ध्यान रखते हुए ग्लब्स का इस्तेमाल किया जाता है। चिकित्सा विभाग, घरेलू कार्य, औधोगिक क्षेत्र, कला क्षेत्र, प्रकृति के धूप-छाव से बचाव आदि। इस तरह के और भी अनेक मामलों में ग्लब्स का उपयोग किया जाता हैं।
        ग्लब्स, मूलतः कॉटन (सूती), रबर, नाइट्राइल, लेटेक्स आदि मटेरियल से बनाए जाते हैं। जो विभिन्न रंगों और साइज के पाए जाते हैं।
दोस्तों, आज के इस लेख में हम सिर्फ मेडिकल ग्लब्स की बात करेंगे.....।
चिकित्सा क्षेत्र में मेडिकल ग्लब्स स्वास्थ्य-सेवा का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। जिसका उपयोग डाक्टर व निचले स्तर के स्वास्थ्य कर्मियों तक को करना जरूर होता हैं। बस क्वालिटी भिन्न होते हैं।
             मरीज और उन्हें देखरेख करने वालों की सुरक्षा हेतु मेडिकल ग्लब्स Use करने की सलाह दी जाती हैं। ताकि किसी को संक्रमण का खतरा न हो। असुरक्षा की बजह कोई संक्रमित न हो।
चिकित्सा विभाग में ग्लब्स का उपयोग साधारण तौर पर अस्पतालों, चिकित्सा केन्द्रों, प्रयोगशालाओं, डेंटल क्लिनिक आदि जगहों पर किया जाता हैं। क्योंकि ऐसे जगहों पर सुरक्षा का विशेष ध्यान दिया जाता है।
चिकित्सा क्षेत्र में Use करने वाले ग्लब्स डिस्पोजेबल होते हैं। इनका Use एक बार, एक प्रक्रिया में किया जाता है फिर उसे फेंक दिया जाता है। दूसरी प्रक्रिया के लिए दूसरा ग्लब्स Use में लिया जाता हैं।
इस क्षेत्र में अच्छे क्वालिटी के मटेरियल सामग्री से बने होते हैं। साधारणतया लेटेक्स और कॉटन (सूती) के बने ग्लब्स Use में लिया जाता हैं। जो कई आकार-प्रकार के हो सकते हैं। इन्हें हाथों में पहनने से किसी प्रकार की खुजली या एलर्जी नहीं होती। इस तरह के ग्लब्स  softness  की अनुभूति देता है। इससे स्पर्श से संवेदनशील महसूस होता है। 
यहां हम बात करें "लेटेक्स" की तो यह- प्राकृतिक की अच्छी "इलास्टिक सिटी"  मटेरियल है। जो हल्के व मुलायम होते हैं पर साथ ही मजबूत होते है।इस मटेरियल से बनाए ग्लब्स किसी भी साइज़ के हाथों में अच्छे से फिट हो जाता है। हाथों को सुरक्षा प्रदान भी करते हैं।
सर्जिकल इलास्टिक ग्लब्स Use में ज्यादा आते हैं।कारण, कई विशेषताओं के साथ इसका मूल्य कम होता ह। ये ग्लब्स कम महंगे होते हैं।
ऐसा माना जाता है मेडिकल ग्लब्स की मोटाई mm पर मापी जाती हैं। ग्लब्स जितने अधिक mm के होंगे ग्लब्स की मोटाई उतनी अधिक होगी। जो अधिक उपयोगी और सुरक्षित होंगे। परंतु अधिक मोटाई वाले ग्लब्स स्पर्श को कम करता है।
जानकारों के अनुसार ग्लब्स हमेशा लचीला और मजबूत होना चाहिए। ताकि उसे पहनने वालों को त्वचा के स्पर्श जैसा महसूस होवें।
सर्जिकल ग्लब्स काफी उपयोगी और महत्वपूर्ण प्रोडक्ट है- यह शरीर के विभिन्न तरल पदार्थों के संपर्क में आता हैं। इसलिए इसे खरीदते वक्त या इस्तेमाल करते वक्त कुछ विशेष बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती हैं। 
जानकारों के अनुसार वे इस प्रकार हैं.....(1) हमेशा हाथों के ठीक (फीट)साइज वाला ग्लब्स ही Use करना चाहिए। क्योंकि सर्जिकल की प्रक्रिया इसे पहनकर ही करनी पड़ती हैं। अतः दोनों हाथों में इसका फीट रहना अति आवश्यक हैं।
(2) सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान ग्लब्स अचानक फट न जाए इस कारण हमेशा ग्लब्स मुलायम और मजबूत उपयोग करना चाहिए। वरना, ऐसे मौके पर चूक हो सकती है।
(3) Use करने से पहले ग्लब्स की ठीक से जांच कर लेनी चाहिए। कहीं उपयोग में ली हुई, साफ कर पुनः Use करने के लिए, लाई तो नहीं गई? कहीं ये इस्तेमाल की हुई तो नहीं है? 
इससे संक्रमण होने का खतरा रहता हैं तथा कानून इस तरह के कार्य की इजाजत नहीं देता। कई व्यापारी इस तरह के गैर कानूनी कैशों में सामने आए हैं।
(4) सर्जिकल ग्लब्स डिस्पोजेबल आईटम होते हैं। किसी प्रकार का संक्रमण न फैले इसलिए इसका उपयोग एक बार ही कर फेंक देना चाहिए।
(5) चिकित्सा विभाग से जुड़े सभी व्यक्तियों को ग्लब्स का Use करना बहुत ही आवश्यक है। खास कर अपने लिए.....अपनी सुरक्षा के लिए .....।
       दोस्तों, मेडिकल ग्लब्स की जानकारी, इस लेख में जानकारों के मुताबिक दी गई है। उम्मीद है लेख अच्छा लगा होगा.....।
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