सफेद छड़ी-------

                             आज का आर्टिकल "सफेद छड़ी" पर आधारित है।
दोस्तों, क्या आप इसके बारे में जानते है ....?
शायद हममें से अधिकांश लोग इसके बारे में नहीं जानते होंगे।
खैर, यह आर्टिकल आपको इस विषय पर शिक्षित करने का प्रयास करेगा। यानी हम आपको "सफेद छड़ी" की जानकारी देने की कोशिश करेंगे.....।
दोस्तों, कुछ घंटों के लिए अपने-अपने आंखों पर पट्टी बांध कर अपने दैनिक कार्य करने की कोशिश करें.... कुछ समय पश्चात आप महसूस करेंगे आपका आत्मविश्वास और परेशानी आप पर भारी पड़ रहा हैं...... अर्थात बिना आंखों के इंसान को कितनी दिक्कतें झेलनी पड़ती हैं, इसका अंदाजा लगा जाएगा।.... थोड़ी सी देर में ही हम घबरा गये और वे लोग,जो बाकइ में दृष्टिहीन (ब्लाइंड) समुदाय के हैं..... जिन्हें आंखों से दिखाई नहीं देता..... उनका क्या? 
सही में उनका जीवन अंधकारमय हैं। 
इनके बारे में जरा सोचा जाए तो मन संकुचित हो जाता है। 
✓दृष्टिहीनों के प्रति हमें (आम लोगों को)जागरूक करने के लिए प्रति वर्ष दुनिया भर में 15 अक्टूबर को "सफेद छड़ी दिवस" (ब्लाइंड स्टीक) मनाया जाता है।
सफेद छड़ी एक ऐसा उपकरण है जो नेत्रहीन लोगों के आत्मविश्वास का प्रतीक है......।
✓इस गतिशील उपकरण का आविष्कार "डॉ रिचर्ड हूवर" ने सन् 1928 में किया था। इसका डिजाइन और रंग बड़े सोच समझ कर निर्धारित किया गया था।
आप में से कई लोग यह सोच रहे होंगे- इतने रंग होने के बावजूद "सफेद रंग" ही क्यों निर्धारित किया गया? दरअसल, आमतौर पर सड़कें काले रंग की होती हैं। अतः जब एक नेत्रहीन व्यक्ति सफेद छड़ी लेकर रास्ते पर चलेगा तो सफेद रंग चमकेगा यानी साफ दिखाई देगा। जबकि काली सड़क पर दूसरा रंग स्पष्ट रूप से नज़र आने में कुछ दिक्कत हो सकती है। इसी कारण नेत्रहीन लोगों को रास्ते में चलने की सहारे वाली छड़ी (ब्लाइंड स्टीक) का रंग सफेद ही निर्धारित किया गया।
दोस्तों,शायद अब स्पष्ट हो गया होगा "सफेद छड़ी" अर्थात "ब्लाइंड स्टीक" क्या है....?
सफेद छड़ी, दृष्टीहीन व्यक्ति की पहचान है। उनके स्वतंत्रता और सहारे की निशानी हैं। सफेद छड़ी नेत्रहीन लोगों को साहस देने में मददगार है।
         जब एक व्यक्ति रास्ते में "सफ़ेद छड़ी" के साथ नज़र आए तो हमें समझना होगा वह दृष्टिहीन (ब्लाइंड) है। अतः बिना परेशानी के वो रास्ते में आसानी से चल सके इस बारे में हमें सतर्क हो जाना चाहिए। सफेद छड़ी देख उसके मदद के लिए आसपास के लोगों को सचेत रहना उचित हैं।
            "सफेद छड़ी" उपकरण के जरिए नेत्रहीन व्यक्ति अपने "आउटडोर व इनडोर" काम को सुचारू रूप से कर लेते है। उनके जीवन में सफ़ेद छड़ी का विशेष  महत्व है। इस समुदाय के लोग अकेले पैदल चलकर सफेद छड़ी (ब्लाइंड स्टीक) द्वारा अपने दैनिक कार्यों को कर सकते हैं।
आजकल Market में कई प्रकार के "सफेद छड़ी" उपलब्ध हैं। परंतु आमतौर पर यह एल्युमीनियम व फाइबर का बना होता हैं। जिसमें रबर तथा प्लास्टिक भी Use किया जाता हैं।
सफेद छड़ी एक लम्बी, पतली छड़ी है। इसे Use करने वाले व्यक्ति के कद की लम्बाई पर यह निर्भर करता है। जानकारों के अनुसार "सफेद छड़ी" की लम्बाई व्यक्ति के छाती के बराबर होनी चाहिए।
      दृष्टिहीनों की छड़ी (ब्लाइंड स्टीक) में तीन हिस्से होते हैं। यह फोल्डेबल छड़ी होती है। ये ऊपरी, मध्य तथा निचली हिस्से में बटा रहता है। सबसे ऊपरी हिस्से में रबर लगा रहता है। ताकि इसे उपयोग करने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह से करेंट न लगे। अर्थात यह करेंट लगने से बचाता है। क्योंकि इसी हिस्से को एक ब्लाइंड व्यक्ति हाथों से पकड़ कर चलता है। मध्य हिस्सा एल्युमीनियम का बना होता है। जो स्पोर्ट्स के लिए होता है तथा निचले हिस्से में प्लास्टिक लगा होता है। छड़ी का यह हिस्सा, रास्ते के वस्तुओं से टकराने पर नेत्रहीन व्यक्ति को आसानी से उसका अहसास हो जाता है। और वो सचेत हो जाता है।
             कई सफेद छड़ी ऐसे भी होते हैं, जिनमें सेंसर लगा होता हैं। सेंसर से उन्हें अवरोधक का पता चलता हैं। इनकी बैटरी करीब आठ घंटे तक चलती हैं।
नेत्रहीन व्यक्तियों को सफेद छड़ी का प्रशिक्षण उनके ही स्कूलों या अन्य कई संस्थाओं में दिया जाता हैं। जिससे वे आसानी से छड़ी का Use कर सकते हैं।
 प्रशिक्षण में सिखाया जाता हैं छड़ी के ऊपरी, रबर वाले हिस्से को अपने दाहिने हाथ से पकड़ कर छड़ी को दाएं-बाएं घुमाते हुए आगे बढ़ते हैं। दोनों पैरों के आगे की ओर घुमाकर एक-एक कदम आगे बढ़ाते है।
दाहिना पैर आगे कर बाई ओर छड़ी को घुमाते हुए बायां पैर को आगे करते हैं। फिर दाहिनी ओर छड़ी को घुमाते हुए दाहिने पैर को आगे कर रास्ते में अकेले चलते है।
दोस्तों, आम लोगों से कहना चाहेंगे, जिस तरह नेत्रहीन लोगों को प्रशिक्षण दिया जाता हैं, उसी तरह हमें भी "सफेद छड़ी दिवस" पालन कर दृष्टिहीनों के प्रति जागरूक होने का आह्वान किया जाता हैं। ताकि दृष्टिहीनों के मार्गदर्शक "सफेद छड़ी" के साथ हम भी उनके प्रति अपना दायित्व निभाये.... उनके प्रति उदार रहे....।
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