शोल्डर स्लिंग----


        कंधे की पट्टी को "शोल्डर स्लिंग" कहते है। यह उपकरण कंधे तथा हाथ को स्पोर्ट देता है।
अगर किसी कारणवश व्यक्ति के हाथ या कंधे में गहरी चोट लगे तो इसका उपयोग किया जा सकता है।
आज के लेख में हम आपको "शोल्डर स्लिंग" उपकरण की जानकारी, उपयोग के निर्देश, पहनने का तरीका तथा उसे बनाने की विधि बताएंगे। जिससे आपको जरूर मदद मिलेगी......।
उपकरण की जानकारी-
                                 इस उपकरण का आकार कुछ थैलेनुमा होता है। इसके सामने की ओर एक हुक लगा होता है। जिसे अंगुठा स्टैंड कह सकते है। और हाथ को टांगने के लिए इसमें एक बेल्ट लगा होता है।
        स्लिंग- मेश, कॉटन आदि मेडिकल मटेरियल के बने होते हैं। विभिन्न कंपनियां मरीज की सुरक्षा तथा सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए अलग-अलग डिजाइनों के "आरामदायक" शोल्डर स्लिंग बनाते हैं। 
बाजार में "वाटरप्रुफ स्लिंग" भी उपलब्ध हैं। जिन्हें पहनकर नहाते वक्त पानी के लगने का डर नहीं रहता। ये हर हाथों में एडजस्टेबल होते हैं।
शोल्डर स्लिंग में एक बैल्ट (पट्टी) होता है। जिसमें पैड (गद्दा) लगा होता है। उससे कंधों को आराम मिलता हैं।
ये उपकरण हल्के वजन वाले होते है। परंतु पतले व भारी हाथों को स्पोर्ट दे सकते हैं। इन्हें लम्बे समय तक पहने रहने से भी कोई दिक्कत नहीं होती। क्योंकि ये हवा पार होने योग्य बनाएं जाते हैं। गर्मियों के मौसम में भी इन्हें पहने रहने से परेशानी नहीं होती है।
शोल्डर स्लिंग दोनों (दाएं-बाएं) हाथों के साइज़ के अलग-अलग पाए जाते हैं। इन्हें बच्चे, स्त्री, पुरुष हर कोई Use कर सकते हैं।
उपयोग के निर्देश-
                        किसी भी दुर्घटना से यदि कंधे या हाथ की हड्डियाओं में गहरी चोट आए अथवा हड्डी टूट जाएं तो डाक्टर, उन्हें "शोल्डर स्लिंग' पहनने की सलाह देते हैं। यही नहीं, किसी कारणवश मौच आने पर या हड्डी खिसकने पर भी इसी उपकरण का उपयोग करने का निर्देश दिया जाता है। 
कंधे में चोट लगने की ऐसी अवस्था में मरीज को डाक्टर या मेडिकल एक्सपर्ट, शोल्डर स्लिंग Use करने को कहते है।
पहनने की विधि-
                        थैलीनुमा इस उपकरण में पहले धिरे से हाथ को डाला जाता है। कोहनी से हाथ के सामने तक उसमें हाथ को फिट कर, फिर अंगुठे को सामने लगे हुक में डाला जाता है। अब उपकरण में लगे बैल्ट (पट्टी) को कंधे से घुमाकर सामने की ओर लाकर उसे बांध दिया जाता है।
ऐसे में हाथ क़रीब 90° मुडा रहता है। इस तरह स्लिंग, हाथ के वजन को उठाए रखते हुए उसे हिलने नहीं देता। कंधे को भी स्पोर्ट दिए रखता है। जिससे दर्द के साथ बाकी परेशानियों से मरीज को राहत मिलता हैं।
बनाने की विधि-
                       दोस्तों, Market में विभिन्न प्रकार के शोल्डर स्लिंग पाए जाते हैं पर आप चाहें तो इसे घर पर भी अपने हाथों से बना सकते हैं। जिसे प्राथमिक (टेम्प्रेरी) तौर पर Use करने के लिए बनाया जा सकता है। 
हल्के दर्द में इसे इस्तेमाल कर देखा जा सकता है। जो आपको आराम देगा।
घर पर "शोल्डर स्लिंग" बनाने के लिए एक साफ चोकोर कपड़े का टूकडा लेना होता है। जिस व्यक्ति के लिए यह बनाया जा रहा है उसके शारीरिक गठन के हिसाब से कपड़ा लेना है। यानी व्यक्ति की लम्बाई और हाथ की मोटाई को ध्यान में रखते हुए लेना है।
पहले चोकर कपड़े को फोल्ड (मोड़कर) कर त्रिकोण आकार देना है फिर उसके एक छोर को व्यक्ति (मरीज़) के कंधे पर रखना है। अब उस कपड़े को चोट लगे हाथ के निचे से निकाल कर, दूसरे छोर को दूसरे कंधे पर रखकर गर्दन के पिछे, दोनों छोर से गांठ बांध देना है।
मरीज का हाथ त्रिकोण कपड़े की चौड़ाई पर टीका रहेगा। जिससे उसके हाथ को स्पोर्ट मिलेगा। और हाथ के दर्द से राहत महसूस करेंगा।
इसके अलावा आप बैल्ट या टाई के जरिए भी शोल्डर स्लिंग बना सकते हैं। 
घर पर बने इन सभी विधियों से बने स्लिंगों से, 90° के करीब हाथ मुड़ा रहेगा जिससे दर्द कम होगा। 
घर पर बने इस तरह के "स्लिंग" हल्के दर्द तथा प्राथमिक उपचार में कुछ समय के लिए काम आ सकता हैं। लेकिन ज्यादा दर्द महसूस हो तो मरीज को पहले डॉक्टर के ले जाए और उनकी सलाह से बाजार में पाए जाने वाले शोल्डर स्लिंग का उपयोग करें। 
अधिक या अत्यंत दर्द में डाक्टर के बतलाएं गये बाजार के शोल्डर स्लिंग का ही उपयोग करना चाहिए। 
हाथ या कंधे की गहरी चोट, हड्डी खिसकने या टूटने को पुनः पहले जैसी अवस्था में लाने के लिए डॉक्टर के निर्देश अनुसार चलना है। 
किस तरह का शोल्डर स्लिंग, कितने दिनों तक पहने रहना होगा, इसकी जानकारी उनसे लेना अति आवश्यक है।
इंसान बिना हाथ के कोई भी काम नहीं कर सकता। अतः डाक्टर के बतलाएं अनुसार, उसका कहा मान, शोल्डर स्लिंग के इस्तेमाल से इस तरह की परेशानी से निजात पाएं........।
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