बीकर------

     इस आर्टिकल में हम आपको "बीकर" के बारे में बताएंगे कि यह क्या होता है? 
       रसायन-विज्ञान से जुड़े विद्यार्थियों के लिए यह लेख बहुत ही मददगार होगा क्योंकि इसमें बीकर की कई जानकारियां हम आप सबों को देंगे। 
 यह देखने में कैसा होता है.....? इसका इस्तेमाल कहां और कैसे करते है....? तथा इसके कुछ खास तथ्य पर प्रकाश डालेंगे .....।
 तो चलिए जान लेते है - बीकर क्या है ....?
               बीकर एक प्रकार का कंटेनर (पात्र) है। यह रसायन-विज्ञान प्रयोगशाला व अनुसंधान केन्द्रों का महत्वपूर्ण उपकरण है। रसायन विद्यार्थियों तथा रसायन वैज्ञानिकों के अध्ययन तथा परीक्षण के दौरान यह काम आता हैं।
मूलतः इसमें कम मात्रा में तरल व अन्य पदार्थों को मापने, दो अलग-अलग पदार्थों को घोलने (मिश्रण) तथा उन्हें गर्म या ठंडा करने में इस्तेमाल किया जाता हैं।

बीकर देखने में कैसा होता है ....?
           बीकर कई आकार और प्रकार के होते हैं। Market में ये ग्लास, कप तथा गननुमा प्रकार के पाए जाते हैं तथा इनका आकार जैसे- गोल, बेलनाकार, चोकोर आदि होते हैं।
साधारणतः अधिकतर बीकर कांच के बने होते हैं। इसके अलावा अन्य धातुओं, प्लास्टिक, पॉलिथीन आदि मटेरियल के भी बने मिलते हैं। सभी मटेरियल उच्च क्वालिटी के बने होते हैं।
हर प्रकार के बीकर का निचला हिस्सा अर्थात उसका तल सपाटा होता है। जिसे आसानी से समतल स्थान पर रखा जा सकता है। लूडकने का डर नहीं रहता।
इसके बॉडी में मात्रा की संख्या अंकित रहते हैं।
बीकर के ऊपरी हिस्से के एक ओर किनारे पर एक छोटी सी चोंच आकृति (शेप) की टोटी बनी रहती है। जिससे तरल पदार्थ डालने में सुविधा होती है।
       बाजार में ऐसे अनेक ब्रांड के बीकर पाए जाते हैं जिनके किसी-किसी में एक सेपरेट ढक्कन होता है।

बीकर का उपयोग.....
               रसायन विज्ञान प्रयोगशाला का कंटेनर उपकरण का इस्तेमाल वैज्ञानिक व विद्यार्थी करते हैं। प्रयोगशाला में अध्ययन के वक्त बीकर बहुत मददगार है। इसमें कम मात्रा के तरल द्रव्य, पावडर, गैस आदि को सुरक्षित रखा जाता हैं।
प्रयोगशाला में बीकर में अंकित संख्या मात्रा के अनुसार द्रव को स्टीक माप से लेते हैं। जिससे सही मात्रा में तरल द्रव्य का इस्तेमाल होता है।
इसमें थोड़ी मात्रा में पानी गर्म किया जाता है। अगर पानी ज्यादा गर्म हो गया हो तो दूसरे बीकर में डालकर भी ठंडा करते हैं।
दो बीकर के अंकित चिन्हों में अलग-अलग तरल डालकर एक में मिश्रण कर सकते हैं।
ट्रांसपेरेंट होने के कारण उसकी प्रक्रिया का अध्ययन भलीभांति कर पाते हैं।
इस प्रकार से रसायन विज्ञान के विद्यार्थी प्रयोगशाला में बीकर के माध्यम प्रेक्टिकल अध्ययन करते हैं।
प्रयोगशाला में अध्ययन के दौरान एक से अधिक बीकर की आवश्यकता हो तो बीकर सेट ख़रीदा जा सकता हैं। ये दो या चार की संख्या के सेट में पाया जाता हैं। अतः अपने अध्ययन की सुविधा हेतु Singal या "बीकर सेट" खरीद सकते हैं।
बीकर, मेडिकल उपकरणों की दुकानों में पाया जाता हैं। इन्हें ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

बीकर के विभिन्न जानकारियों के साथ लेख के जरिए हम उनके कुछ विशेष तथ्यों के बारे में भी जान लेते हैं ...... (1) आमतौर पर एक बीकर की ऊंचाई उसकी चौड़ाई पर निर्भर करती है।
(2) प्रयोगशाला में बीकर का उपयोग सबसे अधिक किया जाता हैं।
(3) तरल पदार्थ के फैलने या छींटों से बचने के लिए बीकर में टोंटी बनी रहती है।
(4) विद्यार्थियों को चाहिए, प्रयोगशाला में बीकर का उपयोग करने से पहले उसके बारे में ठीक से जानकारी ले लें।
(5) बीकर में तरल पदार्थ को गर्म कर उसे छूना नहीं चाहिए। उसे ठंडा कर ही हाथ लगाना उचित है।
(6) प्रयोगशाला में अध्ययन के दौरान अपने शिक्षक को बताकर ही उपकरण का उपयोग करना चाहिए।
(7) इस्तेमाल किये गये बीकर को छूने के बाद , अपने शरीर के किसी भी अंग या हिस्से को छूना नहीं चाहिए।
(8) उपयोग के अनुसार बीकर का चयन करना चाहिए। आदि .....।

     हमें आशा है लेख में दी गई "बीकर" की जानकारियां आप सबों के लिए  सुविधाजनक होगी .....।
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