सुलगता राज्य ------

🙏 दोस्तों,
                   According to report हम आपको आज के इस लेख के जरिए उस राज्य की चर्चा करेंगे जो पिछले कुछ दिनों से हिंसा में सुलग रहा है। इसके पीछे के कारण तथा वहां के पीड़ितों की पीड़ा को भी सांझा करेंगे। साथ ही इस पर एक साधारण नेता के वक्तव्य की विशेष बातों को भी सांझा करेंगे। लेकिन पहले एक नोटिस- हमारी ओर से आप के समक्ष हम एक प्रश्न रखना चाहते है। संभव हो सके तो उसका सही जवाब हमारे comment box पर लिख भेजें.....।
          खैर, खबरों के अनुसार पिछले कुछ शतकों (1949) से उस राज्य में दो समुदाय के लोग इकट्ठे रहते आए हैं पर अचानक ऐसा क्या हुआ कि 3 मई से वहां उन्हीं दो समुदाय के बीच के संघर्ष से हिंसा पैदा हो गया। आग, संघर्ष, मृत्यु, पलायन, गिरफ्तारी, तोड़-फोड़, बंद होने लगे? हरियाली राज्य सुलगने लगी? आखिर इस हिंसा का मूल कारण क्या हो सकता है?
कहीं 2024 का चुनाव तो नहीं......?
कहीं राजनैतिक कारणों की फ़सल तो नहीं....?
कुछ सालों से भारत के विभिन्न क्षेत्रों में देखा जा रहा हैं दो समुदायों के बीच की लड़ाई ..... । 
            जो भी हो, वर्तमान सुलगता राज्य अपनी प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली खो रहा हैं। वहां के लोगों की सुध लेने वाला कोई नहीं। मणिपुर की प्रशासनिक कमान जिनके हाथों है, राज्य का अभिभावक जो है, उन्हें इनका संवाद लेना चाहिए। लेकिन खबरों के मुताबिक ऐसा नहीं हो रहा हैं। शायद इसीलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी जी अपने कुछ साथियों के साथ सुलगते राज्य में पहुंचे।
          शुरू में प्रशासनिक की ओर से उन्हें रोका गया। कारण राजनीति या उनकी सुरक्षा हो सकती है। 
वैसे उनके परिवार के सदस्यों की जान समय-समय पर इसी देश के कुछ लोगों द्वारा ली गई है। शायद उनकी सुरक्षा पर इस वज़ह से ध्यान दिया गया। लेकिन सारी बाधाओं को दूर कर आखिर वे मणिपुर के हिंसा वाले क्षेत्रों के लोगों के बीच पहुंच गये। थे
वहां का दौरा कर, उनके वयानों के अनुसार उनका कहना है -"यहां की पहली प्राथमिकता शांति है। मैं यहां मणिपुर के भाई-बहनों की मदद करने आया हूं और मुझसे जो भी कुछ बन पड़ेगा मैं करने के लिए तैयार हूं। इनके आंसुओं ने मेरा दिल छ्लनी कर दिया है। इन्हें इलाज की सख्त जरूरत हैं।"
कांग्रेस ने साधारण नेता राहुल गांधी जी के इन बयानों ने देश के लोगों का दिल जीत लिया है।         पिछले कुछ समय से उन्हें और उनके परिवार को इतनी बेइज्जती सहन करनी पड़ रही है जिसका कोई हिसाब नहीं।
        अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान वे मणिपुर के पीड़ितों से मिले उनकी समस्याओं को सुना और हर संभव मदद का वादा किया। उसके बाद वे वहां के कुछ सेनाओं से मिले, कुछ प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीतें की, फिर वहां की महिला राज्यपाल जी से भी मिले। बताया जाता है कि सुलगते मणिपुर संदर्भ में चर्चाएं की.....।
आज की तारीख में श्री राहुल गांधी जी किसी भी प्रकार के राजनैतिक तौर पर politic पद से जुड़े नहीं है। वे politically free है। लेकिन उन्हें वहां वो मान दिया गया है जो एक उच्च political person को मिलता है। यहां कहने का तात्पर्य यह है कि राज्यपाल से आम जनता, बच्चे से बुजुर्ग सबों ने उनसे, बाइज्जत सुलगते राज्य की चर्चा की और उन पर भरोसा भी किया..... शायद यह सब उनकी और उनके परिवार की कमाई का फल है। आश्चर्यजनक बात है लोग एक साधारण नेता का सस्मान स्वागत कर रहे हैं।
    सुनने में आया है, मणिपुर के बच्चों ने उन्हें 'राहुल अंकल' कह कर संबोधन किया। इस पर याद आता है पंडित जवाहरलाल नेहरू को देश के बच्चे "चाचा नेहरू" कहा करते थे। जो आज भी उसी नाम से जानें जातें हैं। शायद पिछला समय दोहराने का समय आ गया है .....।
उधर मणिपुर के पीड़ित नागरिकों का कहना है- अगर गुजरात में ऐसी घटना घटती तो क्या देश के आलाकमान यूं ही चुप रहते? 
अपनी शाखाएं विस्तार करने के लिए देश के दूसरे राज्यों में अपना अमूल्य समय दे रहे हैं। चुनाव में ध्यान लगा रखे हैं। अपने भाषणों के जरिए अपनी तारीफ और दूसरों की बुराई में लगे हैं। 
वहां के कुछ लोगों का यह भी कहना है- अन्य राज्यों के नागरिकों में सवाल पैदा हो सकता है जिस राज्य में इनकी सत्ता है वह राज्य सुलग रहा है। अगर हमारे राज्य में वे आए और हमें भी ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़े, तब?
आगे मणिपुर के पीड़ित नागरिकों का कहना है- जो हमारे अभिवावक है वे इस मामले में शांत है, जबकि उनका कर्तव्य बनता है यहां शांति का वातावरण बनाने की कोशिश करना। हमें सुरक्षा देने। लेकिन .....?
लोकतांत्रिक और संवैधानिक तौर पर प्रत्येक को जीने का अधिकार है। अतः हम जीना चाहते हैं।
           यहां के सत्ताधारी पार्टी के हम दायित्व है। यहां की इतनी हरियाली में हमें सांस लेने में दिक्कत हो रही हैं ..... कृपया, हमारी सुने......।

प्रश्न- मणिपुर की वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए, क्या वहां के मुख्यमंत्री जी को इस्तीफा देना उचित है?
                   _________________











#मणिपुर  राज्य,
#मणिपुर  राज्यपाल  2023,
#मणिपुर  राज्यपाल,
#मणिपुर  राज्य  कब  बना,
#मणिपुर  राज्य  सरकार,