सुप्रीम फैसले--------

🙏 दोस्तों
                     According to news सुप्रीम कोर्ट देशहित के लिए कुछ अहम फैसले लेने चली हैं। आज के आर्टिकल में उन्हीं फ़ैसलों की चर्चा करेंगे। लेकिन पहले एक सुचना- आर्टिकल के अंत में पाठकों के लिए एक प्रश्न, अगर आप चाहें तो हमारे comment box पर उसका उत्तर दे सकते हैं.....।
खैर दोस्तों, संविधान के तहत "सुप्रीम कोर्ट" को सर्वोच्च न्यायालय माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला अंतिम होता है और सभी को इसके फैसले  मानने पड़ते हैं। 
खबरों के मुताबिक हाल ही में देश की परिस्थितियों व दायर किये गये याचिकाओं को महत्व देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ अहम फैसले लेने का निर्माण लिया हैं। जो राजनैतिक क्षेत्र व आम लोगों को सचेत कर उनपर महत्वपूर्ण असर डाल सकता हैं।
       सुप्रीम कोर्ट के अनुसार देश का लोकतंत्र हिल गया है और ऐसा नहीं होना चाहिए। जनता द्वारा चुनी हुई देश की वर्तमान सरकार से उनका कहना है देश के जिन राज्यों में आपकी सरकार हैं, उन राज्यों में आप ध्यान क्यों नहीं देते? क्यों उन राज्यों के गलत कामों के खिलाफ ऐक्शन नहीं लेते? और जिन राज्यों में आपकी सरकार नहीं है वहां ऐक्शन लेते हैं। उन राज्यों पर ज्यादा ध्यान देते हुए ज्यादती की जा रही हैं। वहां तो वर्तमान भारत सरकार अति कर देती हैं। ऐसा क्यों और किस लिए?
शायद इन्हीं वजहों से सुप्रीम कोर्ट ने खुद कुछ मामलों में फैसले लेने का निर्णय लिया हैं......।
        आईए, जान लेते हैं वे फैसले कौन से हैं.....।
खबरों के अनुसार मणिपुर की साम्प्रदायिक हिंसा, राहुल गांधी जी की संसद सदस्यता, 
आर्टिकल 370,
 दिल्ली अध्यादेश, 
 महाराष्ट्र गैरकानूनी फैसला, 
 ED डायरेक्टर आदि।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा इन फैसलों में सुनवाई के कारण-

1) मणिपुर हिंसा- करीब पिछले तीन माह से चल रहीं हिंसा ने वहां भयंकर, अमानवीय रुप ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इसका संज्ञान लेते हुए सरकार से कहा है आपका प्रसाशन मणिपुर में सुरक्षा देने में फेल है। अतः आपको एक निश्चित समय दिया जाता है फिर हम उस ओर ध्यान देंगे। और सुप्रिम कोर्ट शायद 25जुलाई से वहां के मामले में फैसला लेगी।
2) राहुल गांधी जी की सदस्यता- बताया जाता है कि 2019 में एक भाषण के दौरान राहुल गांधी ने "मोदी" सरनेम पर कुछ टिप्पणी की थी। जिसके तहत गुजरात कोर्ट में भाजपा नेता द्वारा मानहानि का केश दायर किया गया था। जिसमें उन्हें सजा के तौर पर दो साल की सजा (जेल) की बात कही गई है। और इसके तुरंत बाद उनकी संसदीय सदस्यता और सरकारी मकान छीन ली गई। राहुल गांधी ने इस पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। शायद कोर्ट इसका फैसला 4अगस्त को ले सकती है।
3) आर्टिकल 370- इसकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा अगस्त के महीने में हों सकती है। कोर्ट का सरकार से इस विषय में सवाल है- राज्यों का भौतिक अधिकार होता है या नहीं?
असल में 2019 में भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। जिसका तब जमकर विरोध हुआ था तथा इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थी। जिन पर अब सुप्रीम कोर्ट के जजों की बेंच सुनवाई करेगी।
4) दिल्ली अध्यादेश- पहले जान लेते है इसके बारे में, कि यह है क्या? केन्द्र सरकार ने यहां (दिल्ली) राष्ट्रीय सिविल सर्विस का गठन किया है। जिसके तहत इस (2023) सत्र में कानून बनाकर उसे पास करना चाहती है। इस कानून के अनुसार यहां की प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति तथा तबादले का अधिकार राज्यपाल को सौंपा गया है। तथा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मुख्य सचिव, प्रधान सचिव को सदस्य बनाया गया है। 
इसी की  याचिका सुप्रीम कोर्ट ने दायर की गई। संवैधानिक पीठ के तहत पांच जजों द्वारा अगस्त माह में इसका फैसला हो सकता है।
5) महाराष्ट्र गैरकानूनी फैसला- यहां पिछले साल जिस गैरकानूनी तरीके से सरकार बदली गई, उस सत्ता परिवर्तन पर एक अतिगंभीर टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने की है। बागी विधायकों को दलबदल कर, गैरकानूनी तरीके से राजनैतिक उल्टफेर पर भी सुप्रीम कोर्ट का फैसला होगा।
6) ED चीफ- यह एक संस्था है। वर्तमान भारत सरकार ने इस संस्था के चीफ को गैरकानूनी तरीके से पद पर बैठाए रखा। इनका समय काल दो से तीन साल का होता हैं परन्तु अवैध तरीके से इन्हें अपनी सत्ता के लालच में रीभीयु करवा कर तीन साल से ज्यादा समय बैठा रखा है और उनके जरिए गैर बीजेपी राज्यों में जांच के नाम पर उन्हें परेशान करना, बेइज्जत करना, मुकदमें, छापेमारी, गिरफ्तारी आदि के जरिए डराएं रखना हैं। आजादी के बाद पहली बार किसी सरकार ने गैरकानूनी तरीके से इस संस्था के चीफ को पद पर बैठाए रखा है। अन्य फैसलों के साथ यह फैसला भी सुप्रीम कोर्ट में होगा।
खबरों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के इस तरह के फैसलों ने भारत सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट की वजह से सरकार असमंजस में है, घबराई हुई है। सरकार किन-किन का सही तरीके से जबाव दे पाऐगी? ये गंभीर मुद्दा हैं .....।
सुप्रीम कोर्ट अपने फैसलों से न सिर्फ वर्तमान सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है बल्कि हर सरकार के लिए लोकतंत्र को संभालें रखने की ओर भी सबक सीखा रही हैं। इसके अलावा आम जनता को भी सचेत करते हुए समझा देना चाहती है- अपने व देश हित के लिए सही चुनाव करना अनिवार्य है। जो आपका कर्तव्य है.......।

(प्रश्न- संविधान के तहत सुप्रीम कोर्ट का फैसला व्यक्ति, समुदाय, जाति, राजनेता व आम लोगों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता हैं?)
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