According to report आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे UCC यानी "युनिफोर्म सिविल कोड" (समान नागरिक संहिता) का विरोध कौन और क्यों कर रहे हैं ? लेकिन पहले एक नोटिस - आर्टिकल के अंत में हम आपके समक्ष एक सवाल रखेंगे। जिसका सही जवाब हमारे comment box पर आप लिख भेज सकते हैं।
खैर, पिछले आर्टिकल में हमने आपको UCC की संक्षिप्त जानकारी, जानकारों के अनुसार देने की कोशिश की थी। और आज इस आर्टिकल में हम बतलाने की कोशिश करेंगे कि इसका (UCC) विरोध कौन और क्यों कर रहे हैं?
पहले जान लेते है अचानक UCC का उदय कहां से हुआ। आमलोगों ने इससे पहले इस बारे में कभी सुना नहीं था। देश की वर्तमान सरकार द्वारा किए गए कुछ वायदों में से "सिविल कोड" कानून भी एक है। सरकार अपने इस वादे को पूरा करने हेतु देश में अब UCC कानून को लागू करना चाहती है।
पिछले नौ साल के शासन काल में उन्होंने अपने कहे अनुसार कुछ वायदों को निभाया है, कुछ आधे-अधूरे है तो कुछ अभी तक नहीं हो पाये है। वैसे सरकार की कोशिश जारी है।
"नोट बंदी" की तरह अचानक सरकार की UCC लागू करने की घोषणा लोगों के सामने आई। तब आम लोगों को इसके बारे में पता चला।
पूरा देश खुश... "क्रमिनल कानून" सबों के लिए एक है तो UCC भी सबों के लिए एक होगा। बहुत अच्छी बात है। ऐसा होना भी चाहिए। परंतु अचानक से देश के विभिन्न लोगों के बीच इसका जमकर विरोध होने लगा। वे UCC कानून के खिलाफ हैं। लेकिन क्यों? अचानक ऐसा क्या हुआ? जो इस कानून का विरोध होने लगा?
दरअसल, इसके कुछ कारण बतलाए जा रहें हैं। जिस कारण लोग गुस्से में हैं और इस कानून का विरोध जताया जा रहा है। जैसे-......
1) सिविल कानून के अंतर्गत कई छोटे-बड़े विषय हैं। 2) ये विषय काफी नाजुक और भावनात्मक है। 3) इस कानून के अंतर्गत आने वाले कई विषय हैं जो धार्मिक, संस्कृति, सामाजिक रीति रिवाजों से जुड़ा हुआ हैं। 4) भारत अनेक धर्मों को अपने में समेटे रखा है। जिनके अपने अलग-अलग कानून हैं। 5) हमारे संविधान में सभी धर्मों को अपने धर्म को निभाने की पूर्ण आजादी है। 6) सरकार ने देश को UCC कानून के बारे में स्पष्टीकरण नहीं दी हैं। 7) सिविल कोड के दायरे में आने वाले सारे विषय एक साथ लागू किए जाएंगे या टूकडों में लागू होंगे? 8) इस कानून के लागू होने से किसको कितना फायदा होगा? इसकी कोई व्याख्या सरकार की ओर से नहीं दिया गया है। 9) इन दिनों देश कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है उस पर ध्यान न दें सरकार को अचानक एक कानून (UCC) बनाने की जल्दी क्यों पड़ी? 10)"समान नागरिक संहिता" कानून- सरकार देश के भले के लिए करना चाहती है या अपने राजनीतिक फायदे के लिए .....?
इस तरह के अनेक सवालों को ध्यान में रखते हुए, सरकार की इस मंशा पर शक जताया जा रहा है। खबरों के अनुसार जिसके लिए एक समान कानून लाया जा रहा है उन्हें इसके बारे में जानकारी देने की, लोगों को ठीक से समझाने की कोशिश किए बिना कानून लाने की कोशिश कर रही है।
विभिन्न क्षेत्रों के अनेक लोगों के मन में ऐसे सवाल आ रहें हैं जिस कारण से "युनिफोर्म सिविल कानून" (UCC) का विरोध किया जा रहा है। वे सरकार से इस कानून के 'ब्लू-प्रिंट' की मांग कर रहे हैं ...। इन्हीं वजहों से अनेक विरोधाभास हो रहें हैं।
अब तक हमने जाना विरोध के मुख्य कारणों को, चलिए अब जान लेते हैं विभिन्न क्षेत्रों के कौन लोग हैं जो समान नागरिक संहित कानून (UCC) का विरोध कर रहे हैं....?
विरोध अनेक लोग कर रहे हैं पर कोई दवी आवाज में कर रहे हैं तो कोई खुले आम ......।
यहां खबरों के अनुसार हम खुलेआम लोगों का जिक्र करते हैं -
*सबसे खुल कर भारी संख्या मे मुस्लिम संगठनों का विरोध हैं।
• आदिवासी संगठन
• अन्ना द्रमुक पार्टी
• मुनेत्र कषगंम
• राजनीतिक रणनीतिकार नेता P.K. आदि।
ऐसे और भी धर्म, समुदाय, पार्टी, नेता, कानून के जानकार UCC के विरोध में है। इनका कहना है कि संविधान में जो आजादी का हक लोगों को है उसका क्या? पर्सनल लॉ मामले का क्या? देश के धार्मिक रीति रिवाजों का क्या होगा? सरकार को UCC कानून लाने से पहले इस सवालों का जवाब देना हैं। इसके अलावा खबरों के मुताबिक उनका वर्तमान सरकार से स्पष्ट कहना है-
"समान नागरिक संहिता" की देश में कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि हमारा संविधान विविधता में एकता का अधिकार देता है। और अगर बलपूर्वक इस कानून को लागू किया गया तो संविधान तथा लोगों के अधिकारों का 'हनन' हो सकता हैं ......।
(प्रश्न- क्या "समान नागरिक संहिता कानून" सिर्फ विवाह विषय पर लागू होगा?)
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