केन्द्रीय सरकार की नई योजना----

दोस्तों 🙏

                    According to News आज के आर्टिकल में हम जान लेंगे केन्द्रीय सरकार की बिल्कुल नई योजना क्या है? साथ ही जानेंगे उसके रुपरेखा के बारे में..... लेकिन आप सबों को एक सूचना- आर्टिकल के अंत में एक सवाल रहेगा जिसका जवाब हमारे Comment Box पर भेज सकते है।

खैर, दोस्तों बात करते हैं वर्तमान केन्द्र सरकार की नई स्कीम के बारे में....

खबरों के अनुसार भारत के 77वें स्वतंत्रता दिवस के दिन इस "नई योजना" की घोषणा हुई थी। जो हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण और लाभदायक योजना है। यह योजना "17 सितम्बर" (2023) से शुरू होगी।

          चूंकि साधारणतः हर वर्ष करीब 17 सितम्बर को ही "शिल्पदेव विश्वकर्मा देवता" की पूजा का दिन होता है और देश के अनेक क्षेत्रों में इस दिन इनकी पूजा की जाती है, इसलिए शायद इस दिन लॉन्च किया जाने वाला स्कीम का नाम-"विश्वकर्मा योजना" रखा गया है। दूसरी बात यह भी हो सकता है कि यह योजना "शिल्प कला" से जुड़ा होने के कारण नाम व दिन पर, केन्द्रीय सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया गया हैहो।

       "विश्वकर्मा योजना" को "कौशल सम्मान" के नाम से भी जाना जा सकता है। इसका लाभ पूरे देश को मिलेगा यानी देशभर के करीब 18 शिल्पकार तथा कारीगरों से जुड़े लोगों को मिलेगा। जैसे- कुम्हार, धोबी, नाई, सुनार, मोची, बुनकर, दर्जी, मिस्त्री आदि ऐसे करीब 18 प्रकार के व्यापार से जुड़े लोगों को इसका लाभ मिलेगा। इनमें अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्ग, महिलाएं भी शामिल हैं।

सूत्रों ने अनुसार असल में यह योजना कला और हैंडिक्राफ्ट वालों के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है। "विश्वकर्मा योजना" से करीबन 30 लाख परिवारों को लाभ मिलेगा।

यह योजना 2023 के 17 सितम्बर से लॉन्च कर दिया जाएगा। केन्द्रीय मंत्री मंडल से इस नई योजना को मंजूरी मिल गई है। अतः योजना का लाभ उठाने के लिए देश के तमाम हस्तशिल्प व कारीगर को तैयार रहना चाहिए। 

अब जान लेंगे "कौशल सम्मान योजना" अर्थात "विश्वकर्मा योजना" की रुपरेखा भारत सरकार की ओर से क्या होगा........ खबरों के अनुसार अब तक हमने जाना कब, किन्हें और किसलिए इस योजना की मदद मिलेगी? अब इस योजना की मदद के लिए लोगों को क्या कदम उठाने हैं ताकि उन्हें "विश्वकर्मा योजना" से सहायता मिल सके।

इस योजना में प्रवेश करने के लिए Online या Ofline दोनों के जरिए फार्म भरा जा सकता है। लेकिन जो लोग "शिल्प कला या कारीगरी" से जुड़े हैं सिर्फ वे ही "विश्वकर्मा योजना" के "फार्म" भर सकते हैं।

इस योजना के अंतर्गत लोगों को "फ्री ट्रेनिंग" दी जाएगी। ट्रेनिंग जितने दिन की होगी उतने दिनों तक प्रत्येक को 500/ रुपए दिए जाएंगे। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद "सर्टिफिकेट" और "एलास लोन" देने की व्यवस्था की जाएगी।

ट्रेनिंग प्राप्त शिल्पकर और कारीगरों को बिना गारंटी के लोन दिया जाएगा। पहले चरण में 1 लाख और उसके बाद 2 लाख लोन दिया जाएगा। जो 5% ब्याज की कम दर पर दी जाएगी। सस्ता लोन लोगों (शिल्पकार) को मिलेगा।

अगर ट्रेनिंग प्राप्त शिल्पकर अपने परम्परागत व्यवसाय को आगे और बढ़ाना चाहते हैं या कोई ट्रेनिंग के उपरांत नया काम (यही )शुरू करना चाहते हैं तो उन्हें सस्ता लोन दिया जाएगा।

विश्व में भारत, कला क्षेत्र में एक अहम स्थान रखता है अतः इसे और उन्नत करने तथा बढ़ावा देने के लिए इस योजना को शुरू किया जा रहा है।

खबरों के मुताबिक दुनिया में इसकी मार्केटिंग के लिए सहायता भी की जाएगी। विश्वकर्मा योजना से शिल्पकार और कारीगरों की अच्छी आय के साथ-साथ यह योजना देश की अर्थव्यवस्था में अच्छा रोल निभाएगा। जानकारों का ऐसा मानना हैं।

         दोस्तों, योजना और इसकी रुपरेखा बहुत ही अच्छी है लेकिन इससे पहले भी अनगिनत योजनाएं राजनीतिक स्तर से हमारे लिए बनें हैं पर उसका लाभ किंचित लोगों को शायद मिल पाया होगा। इस योजना का परिणाम हमारे सामने क्या आएगा यह तो वक्त ही बताएगा।


(प्रश्न:- क्या आप बतला सकते हैं, सरकारी योजनाओं का लाभ वास्तव में जनता को कितना मिलता हैं और  स्वयं सरकार के नेता-मंत्रियों को कितना मिलता हैं.....?)

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