I.N.D.I.A.गठबंधन की एक पहल-----

   🙏 दोस्तों, 

                              

 According to report आज के लेख से हमें "गठबंधन कमेटी" के फैसले की एक महत्वपूर्ण जानकारी मिलनी है। लेकिन पहले एक नोटिस- इस आर्टिकल के अंत में आपको एक सवाल दिखाई देगा। हो सके तो जिसका जवाब हमें हमारे Comment Box पर लिख भेजें.....।

सूत्रों के अनुसार जैसा कि हम जानते हैं, I.N.D.I.A. ने (विरोधी गठबंधन) अपने तीसरी बैठक में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए थे। जिनमें "कोडिनेशन कमेटी" बनाने का फैसला भी लिया था। इसी कमेटी की पहली बैठक 13 सितम्बर (2023) को हुई थी। जिसमें भी कुछ फैसले लिए गए। उन फैसलों में एक अहम फैसला था- I.N.D.I.A. का कोई भी सदस्य विशेष 4चैनेलों और 14एंकरों की सभा या कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। अर्थात विरोधी गठबंधन ने इन चैनलों और एंकरों का वहिष्कार कर दिया।

दोस्तों, इससे देशवासियों के मन में दो सवाल पैदा हो सकते हैं..... 1) वहिष्कार क्यों किया और 2) और वहिष्कार शुरू में क्यों नहीं किया?

"पत्रकारिता क्षेत्र" जिसे हम लोकतंत्र का चौथा स्तंभ मान कर चलते हैं, आखिर उसे बहिष्कार करने की जरूरत क्यों आ पड़ी? ऐसा क्या हुआ कि विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की "कोडिनेशन कमेटी" की पहली बैठक में खास टी.वी. चैनलों (4) और एंकरों (14) को बैन कर दिया ? उनका बहिष्कार किया।

            कमेटी की ओर से इसका स्पष्टीकरण नहीं मिला.....किस कारण से उनके किसी भी सभा, कार्यक्रम, डिबेट या इंटरव्यू आदि में न जाने का उन्होंने फैसला लिया....?

         विशेष सूत्रों से जानकारी मिली है इन दिनों जो गोदी मिडिया, नफरती चैनल- एंकर के नाम से जानें और कहे जाते हैं उन्हें विपक्ष पार्टियों ने छोड़ा ।

           

खबरों के अनुसार ऐसा मानना है कि करीब पिछले दस सालों से इन चैनलों और एंकरों को नोटिस किया जा रहा था। ये अपने पेशे के प्रति वफादार नहीं दिख रहे थे बल्कि पत्रकारिता पेश को बदनाम करते जा रहे थे। ऐसा मानना है इस पेशे से जुड़े हुए लोग जब कुछ बोलते या लिखते हैं तो उसका गहरा असर जनता पर पड़ता हैं। इस बात का ध्यान भी इन मिडिया (बहिष्कृत) वालों ने नहीं रखा।

              अनुमान लगाया जा रहा है कि मुख्य रूप से कुछ मोटी-मोटी बातें हैं जिस पर विचार कर इन्हें बहिष्कार किया गया ....।

           ✓  I.N.D.I.A. द्वारा बहिष्कृत मिडिया से जुड़े लोगों ने अपने पेशे का इस्तेमाल ऐसा किया कि अपने ही पेशेवर क्षेत्र के लोगों पर मामला दर्ज करवाया, जेल भिजवाया, सज़ा दिलवाई, जनता से उन पर हमला करवाया, कईयों की नौकरियां भी छिन ली गई, मौतें भी दी गई........।

         वहीं दूसरी ओर बहिष्कृत मिडिया वालों ने किसी खास सरकार के लिए, तानाशाह मानसिकता के साथ निडर हो पिछले कुछ सालों से उनके  लिए काम करती रही और अपना पेशा चलाते रही। पत्रकारिता का धर्म पालन न कर देश की जनता के आगे झूठ परोसते रही। ग़लत तरीके से सत्ता पक्ष का साथ देती रही। साम्प्रदायिकता, जाति-धर्म, सनातन, मंदिर-मस्जिद करती रही। खबरों के अनुसार कईयों का यह भी मानना है कि बहिष्कृत मिडिया नफरत और झूठ फैलाती रही और धलल्डे से अपना व्यवसाय चलाती रही। ये सारी बातें देश व समाज के लिए चातक सिद्ध हुआ है।

इसके अलावा जानकारों के अनुसार I.N.D.I.A. गठबंधन द्वारा बहिष्कृत मिडिया ने देश के समस्त विपक्षियों व वर्तमान गैर केन्द्र शासित राज्यों के लिए  हमेशा से अपशब्दों का इस्तेमाल किया। देश की जनता के आगे विपक्ष के सम्मानित लोगों तथा राज्यों पर  झूठा और बुरा इल्जाम लगाते हुए उन्हें लगातार अपमानित करती रही। आरोप पर आरोप लगाकर जनता को उनके विरुद्ध उकसाने का काम करती रही। गैर केन्द्रीय शासित राज्यों में इतना नफ़रत फैलाने का काम किया कि आए दिन उन राज्यों में दंगे तथा मौतें होती रही। और दोषी उन्हीं राज्यों को करती रही........।

         बहिष्कृत मिडिया अपने चैनलों पर डिवेड के दौरान हमेशा विपक्ष को अपनी बात रखने का समय नहीं देती। या तो खुद बोलते रहते हैं या जिनसे कमाई हो रही है उन्हें बोलने का पूरा अवसर देते रहे। ये ही लोग अनर्गल बोलते रहते हैं। विरोधी पार्टियों को अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिल पाता था।

             सूत्रों से यह जानकारी मिली कि उनके पिछले चैनल प्रोग्रामों को खंगाला जाए अथवा चैक किया जाए तो यही बातें सामने निकल कर आएंगी।

          

खैर दोस्तों, खबरों से जानकारी मिल रही हैं बहिष्कृत मिडिया में बैन के बाद मिडिया क्षेत्र में खलबली सी मच गई है। सुनने में आ रहा है BEA पत्रकारिता कार्यालय में बैन संबंधित आपातकालीन बैठक बुलाईं गई। बैठक में उम्मीद से कम संपादक उपस्थित हुए लेकिन इस बैठक में गठबंधन पर ही उल्टे सवाल खड़ा कर दिया। बैठक के दौरान I.N.D.I.A. पर ही पलटवार किया है। और ऐसा कहा जा रहा है कि वे बैन पर आगे की कार्यवाही करेंगे।


(प्रश्न-: गोदी मिडिया का असली मतलब क्या है?)

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