शहीद अग्निवीर-----

 🙏दोस्तों,

                         

According to report आज के लेख में हम "अग्निपथ योजना के "अग्निवीर शहीद सेना की संक्षिप्त चर्चा करेंगे। लेकिन पहले बताना चाहेंगे- इस लेख के अंत में एक छोटा सा सवाल रहेगा। जिसका जवाब आप हमारे Comments Box पर भेज सकते हैं.....।

साथियों, जैसा कि हमें मालूम है आज से करीब सालभर पहले 2022 के मध्य, भारत सरकार ने देश के युवाओं के रोजगार व भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक योजना शुरू की थी। नाम था-अग्निवीर योजना।

इस नई योजना के सौजन्य से पंजाब के एक युवक को पिछली साल दिसंबर में रोजगार  का मौका मिला था। परंतु 11 अक्टूबर 2023 को अपनी ड्यूटी निभाने के दौरान अचानक उसकी मौत हो गई। बताया जाता है कि उसने आत्महत्या की है।

युवा अग्निवीर की मौत एक गंभीर सवाल पैदा करता है.....।

        भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया अग्निवीर योजना से मिली सेना सेवा की यह पहली मौत है। जो काफी दुखद और देश भर के लोगों के लिए चौंकाने वाली बात हैं। इससे बड़ी दुःख की बात है उस युवा को न ही शहीद माना गया और न ही सम्मान दिया गया 

खबरों के अनुसार इस योजना में ट्रेनिंग के उपरांत युवाओं को सेना में सेवा (भर्ती) करने का मौका मिलेगा। हमारे देश की मुख्य तीन सेनाओं- जल, थल और वायु सेना में ट्रेनिंग के बाद जिन्हें (युवकों) यहां सेवा करने का मौका मिलेगा वे युवा अग्निवीर के नाम से जाने जाएंगे। इसलिए इस योजना का नाम "अग्निवीर" रखा गया।

सेना, जवान, वीर आदि हमारे लिए अत्यंत सम्मानित व्यक्तित्व होते हैं। जिन्हें सरकार और देशवासी दोनों सम्मान की दृष्टि से देखते हैं। इसलिए अग्निवीर योजना में शामिल हो जो भी युवा तीनों सेनाओं के विभिन्न पदों पर सेवा करेंगे वे हमारे सम्मान के पात्र होंगे। ऐसा हम सभी का अनुमान हैं।

इस योजना के अंतर्गत कुछ शर्तों व नियमों का पालन करते हुए सरकार ने युवाओं को चार साल कार्य करने का मौका दिया है।

सरकार जब यह योजना लाई थी तब अनेकों ने इसके  नियमों क विरोध किया था। जिनमें विपक्ष और साधारण नागरिक भी शामिल थे। मुख्य कारण एक ही था- युवाओं का रोजगार और उनका भविष्य....? चार साल बाद उनका क्या होगा या इन चार सालों में अगर किसी के साथ कोई हादसा या दुर्घटना हो जाए तो उनका क्या? क्या मायने रखता है ऐसी सेवा?

      जिस वजह से यह नई स्कीम लाई जा रही है उन युवाओं का समय बिताने अर्थात उम्र बढ़ जाने से भविष्य भी बर्बाद हो सकता है।

दोस्तों, खबरों के अनुसार आज जब पहले अग्निवीर युवा शहीद हुए तो एक बार फिर से पूरे देश में हलचल मच गई।

एक मौत ने इस योजना को कई सवालों से घेर लिया है.....।

माता-पिता का इकलौता, मात्र 19-20 साल का तरोताजा युवा अग्निवीर योजना के अंतर्गत ड्युटी करते हुए अपने ही गोली से मारा गया। सूत्रों के अनुसार कहा जा रहा है उसने आत्महत्या की है। इसलिए उसे शहिद का दर्जा नहीं दिया जाएगा।

            देश का पहला अग्निवीर के शहीद होने से कई सारे सवाल सामने आ रहे हैं। पूरे देश भर में तरह-तरह की चर्चा व सरकार पर इल्ज़ाम लगायें जा रहें हैं। ऐसे में हम फिर से एक बार अग्निवीर योजना के नियमों व शर्तों को याद कर लेते हैं। जो काफी जरूरी है....।

तो चलिए उन शर्तों और नियमों को याद कर लेते हैं - 

         खबरों के अनुसार इस योजना के अंतर्गत कुछ ऐसे नियम हैं जिन्हें जानना बहुत ही जरूरी है। जिससे स्पष्ट हो जाएगा सरकार को दोषी ठहराना कहां तक उचित है...

क्योंकि पहला अग्निवीर युवा को उसके मौत के उपरांत भारत सरकार ने शहीद व सम्मान का दर्जा नहीं दिया। परिवार व देशवासियों की यह सिकायत है।

      2022 में जब यह नई योजना लाई गई थी, तब भारत सरकार की ओर से पहले ही कुछ बातें स्पष्ट कर दी गई थी- **17 से 21 वर्ष के युवाओं के रोजगार की यह योजना है। **दसवीं पास होना अनिवार्य है।**चार साल के लिए उन्हें जल, थल और वायु सेना के विभिन्न पदों (छः) के लिए नियुक्त कर सेवा का मौका दिया जाएगा। ** छः महीने की निःशुल्क ट्रेनिंग दी जाएगी और साढ़े तीन साल के लिए सेवा का मौका मिलेगा। अर्थात सेना (तीनों ) में साढ़े तीन साल की नौकरी लगेगी। उसके बाद रिटायर कर दिया जाएगा। **उनकी पहले साल की तनख्वाह करीब 30हजार, दूसरे साल 33हजार, तीसरे साल 36.500 और अंत में 40हजार। तनख्वाह में से सरकार अपने पास कुछ प्रतिशत काटकर रख लेगी।** रिटायर मेंटल के समय करीब 11लाख दिया जाएगा। जिसमें उनके कटे राशि को  जोड़कर दिए जाएंगे। **इस योजना के तहत हर वर्ष 50हजार की नियुक्ति होगी। जिनमें रिटायर के बाद करीब 25% युवाओं को चुनकर दोवारा सेना में शामिल कर दिया जाएगा बाकी को विशेष  सर्टिफिकेट के साथ 11लाख देकर निकाल दिया जाएगा।** सर्टिफिकेट का प्रयोग कर वे कहीं ओर कमाई का सुअवसर प्राप्त कर सकते हैं अथवा रिटायरमेंट के दौरान मिली धन राशि का प्रयोग कर स्वयं अपने रोजगार की व्यवस्था कर सकते हैं।

साथियों एक बात ध्यान देने वाली है- अग्निवीरों की उम्र 17 से 21 है। उसमें चार वर्ष जोड़ने पर देखा जा रहा है रिटायरमेंट की उम्र 21 से 25 हो जाएगी।

    

 अब बात करते हैं शहीद की.... शहीद किसे कहते है? असल में जो व्यक्ति देश तथा धर्म के लिए अपने प्राणों का बलिदान करते हैं उसके सम्मान के लिए उन्हें शहीद कहा जाता है या उन्हें शहीद के नाम से पुकारा जाता है। जो उनके और उनके परिवार के लिए गर्व की बात होती है। यह कमाई पैसों से कहीं ज्यादा है....।

      साथियों, अग्निवीर योजना के नियमों तथा शहिद की परिभाषा से यह ज्ञात होता है कि देश के प्रथम अग्निवीर युवा को शहीद का दर्जा नहीं दिया जा सकता। क्योंकि सूत्रों के अनुसार उसने आत्महत्या की है। देश के लिए अपने प्राण नहीं त्यागें। इसीलिए भारत सरकार ने पंजाब के उस "अग्निवीर युवा" को उसके मौत के उपरांत शहीद का सम्मान न देते हुए एक आर्मी हवलदार और दो जवानों के साथ एक प्राइवेट एंबुलेंस के जरिए उसके पार्थिव शरीर को घर तक पहुंचा दिय।

          यहां तक सारी बातें, नियम व कायदे-कानून सही है लेकिन योजना के नाम में वीर (अग्निवीर) शब्द का उल्लेख है..... फिर उसका क्या?

अग्निवीर युवा के लिए लोगों का दावा है सरकार ने उन्हें शहीद का सम्मान नहीं दिया शायद आर्थिक राशि में भी कुछ गड़बड़ी आ सकती है। कारण उस युवा को उसकी जिंदगी ने अभी सिर्फ एक साल की सेवा करने का मौका ही दिया।

सम्मान व धन राशि को छोड़ दूसरी बात की चर्चा भी कर लेते हैं। अग्निवीर योजना को घेरे, खबरों से कई बातों का पता चल रहा है- ✓इन्हें सेना सेवा के अलावा उच्च स्तरीय अफसर अपने व्यक्तिगत व पारिवारिक कार्यों में जोड़ देते हैं। ✓इस योजना के शुरु होने से पहले जिन युवाओं ने सैन्य ट्रेनिंग पूरी कर ली है तथा दूसरे मेडिकल टेस्ट वगैरह में पास कर चुके हैं उन्हें अभी तक मौका नहीं मिला परंतु नई योजना के अंतर्गत युवाओं को कैसे नौकरी मिल रही हैं?✓अग्निवीर योजना में देश के पहले अग्निवीर के साथ सरकार तथा विभागीय के द्वारा हुए सलूकों को देखते हुए अनेक युवा अपनी अधुरी ट्रेनिंग छोड़ चले जा रहे हैं। ✓अब इस योजना का लाभ उठाने में हिचक रहे हैं।✓ इसके फलस्वरूप सुनने में आ रहा है यह योजना शायद बंद हो सकती है। कारण यह भी कहा जा रहा है इस योजना में अनेक खामियां हैं जो युवाओं के भविष्य के प्रतिकुल हैं।

अतः दोस्तों, किसी भी ओर हाथ या क़दम बढ़ाने से पहले सारी बातों का विश्लेषण कर लेना चाहिए।


(प्रश्न:- क्या "अग्निपथ योजना" सेना का हिस्सा है?)

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