डीपफेक-----

🙏 दोस्तों, 

         

According to News इन दिनों डिजिटल मीडिया में एक तकनीकी की चर्चा काफी जोर शोरों से है। आज़ के  आर्टिकल में हम इसी तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर बात करने की कोशिश करेंगे। लेकिन पहले बताना चाहेंगे, लेख के अंत में एक सवाल रहेगा जिसका जवाब हमारे Comment Box पर लिख भेज सकते है......।

दोस्तों, मिडिया report के अनुसार दुनिया के सामने एक भयंकर खतरनाक तकनीक आई है। जो एक कृत्रिम (आर्टीफिशियल) ख़ोज है....। 

नाम है- डीपफेक.....।

डीप यानी "गहरा" और फेक यानी "कृत्रिम".....।

नई तकनीकी के नाम के अर्थ से हम समझ सकते हैं यह कितना ख़तरनाक हो सकता है। यह तकनीकी अति शक्तिशाली कंप्यूटर टेक्नोलॉजी है। इसके माध्यम कृतिम तरीके से किसी ऑडियो-वीडियो में बदलाव लाया जा सकता हैं। अर्थात किसी के शरीर में किसी और का चेहरा लगा दिया जा सकता है। इस प्रक्रिया के माध्यम चेहरा, आवाज बदला जा सकता हैं। तथा और भी अनेक हेराफेरी की जा सकती हैं।

             सूत्रों से पता चला है डीपफेक सुनने और देखने में आसान लग सकता हैं परन्तु यह काम वो ही कर सकता है जिसे कंप्यूटर की गहरी जानकारी हो। यह टेक्नोलॉजी उतनी आसान नहीं है। जैसा कि हम सोच रहे हैं। इसमें बहुत ज्ञान की जरूरत होती है। तभी "डीपफेक" तकनीकी बनाईं जा सकती है।

डीपफेक तकनीकी माध्यम की प्रक्रिया वास्तव और अवास्तव चित्र को बदला-बदली  कर देता है। 

जानकारों के मुताबिक ये तकनीक पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या का विषय है। इससे दुनिया खतरें में पड़ सकती है। 

यह नया तकनीकी वर्तमान में सबों के लिए बहुत ख़तरनाक साबित होने वाला हैं। इस नई तकनीकी ने विश्व को चिंता में डाल दिया है। इसके चलते महिलाएं खतरें में पड़ सकती हैं। तथा इससे किसी एक व्यक्ति विशेष को खतरा नहीं बल्कि विश्व स्तरीय खतरें की संभावना जताई जा रही हैं। 

खबरों के अनुसार "डीपफेक तकनीकी" से साम्प्रदायिक दंगे लग सकते हैं, विभिन्न देशों को आपस में लड़वाया या एक दूसरे देश के  खिलाफ भड़काया जा सकता हैं। इसके अलावा ब्लेकमैलिंग  की भी संभावना जताई जा रही है।

मिडिया के माध्यम कुछ दिन (नवम्बर 2023) पहले दो विडियो क्लिप देशवासियों के सामने आए थे। देश के कई लोग उससे अवगत भी होंगे। बात बॉलीवुड अभिनेत्रियों की हैं। 

सोशल मीडिया पर कम कपड़ों में उनका विडियो वायरल की गई थी। दाबा किया जा रहा है यह किसी लड़की का विडियो है। इस विडियो से छेड़खानी की गई और विडियो के चेहरे बदल दिये गये हैं। विडियो में डीपफेक तकनीकी प्रक्रिया के माध्यम बॉलीवुड कलाकारों के चेहरे लगा (फिट) दिए गए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले की शिकायत की गई है। इस तरह के कृत्रिम विडियो जालसाजी, प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाना, पैसे एठना, साइबर ठगी करना माने जा रहे हैं।  

डीपफेक तकनीकी से प्रतिष्ठित व्यक्तियों को नुक़सान पहुंचाने की साज़िश चल रही हैं। 

जानकारों का मानना हैं- सोशल मीडिया कंपनी को सतर्क रहना चाहिए, कड़े कदम उठाते हुए कानून बनना चाहिए, प्रतिष्ठित व्यक्ति को मानहानि केस से न रोका जाना चाहिए।

डीपफेक तकनीकी के माध्यम विडियो को सही पहचानना मुश्किल है लेकिन साधारण तौर पर इस प्रक्रिया के दौरान चेहरे और शरीर के रंग (त्वचा) में भिन्नता नजर आ सकती है। यह सबसे आसान प्रतिक है। इसके  अलावा और भी पहचान बताएं जा रहे हैं। लेकिन त्वचा के रंग की भिन्नता इस तकनीकी को पहचानने का सबसे आसान तरीका बताया जा रहा है। डीपफेक विडियो किल्प को समझने के लिए यह सबसे आसान तरीका। इस तकनीकी के माध्यम विडियो के चेहरे को आसानी से समझा नहीं जा सकता पर रंग पहचान दे सकता है।

डीपफेक तकनीकी की प्रक्रिया- कंप्यूटर लैंगुएज के इनकोडर और डिकोडर सिस्टम को प्रयोग में लिया जाता हैं। और उसके माध्यम डीपफेक तकनीकी से नक़ली विडियो बनाया जाता है।

दोस्तों, चूंकि इस तकनीकी के जरिए व्यक्ति के छवि  नष्ट किए जाने, प्रतिष्ठा पर आंच लगाने, ब्लैकमेल करने की चेष्टा की जा सकती हैं। अतः यह तकनीकी अपराध की श्रेणी में दर्ज किया जा सकता है।

कानून में अपराधी को सजा देने का प्रावधान है अतः इसमें भी सजा दी जा सकती है। परंतु अगर पीड़ित व्यक्ति कृतिम विडियो की कानूनी शिकायत करता हो तो कार्रवाई कर सजा दिलवाईं जा सकती है। इसमें गिरफ्तारी, कैद, जुर्माना आदि सजा दी जा सकती हैं।

       सूत्रों से जानकारी मिली है सरकार, डीपफेक बनाने तथा उसे दिखाने वाले दिनों पर नये नियम लागू करने के साथ जुर्माना लगाने का सोच रही है....।


(प्रश्न:- हमारे देश में इस तकनीकी से जुड़े लोगों के लिए कड़े कानून बनाए जाने चाहिए?)

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