चक्रवात मिचौंग -----

🙏 दोस्तों,

                         

News report's के अनुसार कल यानी 3-12-2023 को राजनीतिक तूफान की चपेट में देश के चार राज्य टकराएं थे। आंकड़ा 3/1 का सामने आया हैं। इस राजनीतिक तूफान की चपेट में कितने राज्य बर्बाद होंगे और कितने सुरक्षित रहेंगे, यह तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल बात करते है प्रकृति आपदा चक्रवात तूफान की.....

आज अर्थात 4-12-2023 को "चक्रवात मिचौंग" नामक तूफान की चपेट में करीब पांच राज्यों के आने की संभावना जताई जा रही हैं। इस चक्रवात से कौन-सा राज्य कितना बर्बाद होगा, यह तो आगे पता चलेगा......।

इन दिनों देखा गया है करीब हर साल ही चक्रवात तूफान की चपेट में हम आ रहे हैं। सागर में अत्यंत निम्न दबाव के कारण चक्रवात पैदा हो रहा है। जिसके फलस्वरूप तीव्र हवाओं के साथ तेज बारिश होती हैं। जिससे हमें जान-माल का नुक़सान झेलना पड़ता हैं।

इस साल के अंत माह के शुरू में ही बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में निम्न दबाव बनना शुरू हुआ जो आज यानी 4 दिसम्बर तक चक्रवात तूफान के रूप में परिवर्तित हो गया। मौसम विभाग के अनुसार यह चक्रवात तूफान दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश तथा तामिलनाडु के समुद्रीय तट से जा टकराएगा।

5 दिसम्बर दोपहर के लगभग इस तूफान के हवा की गति करीब 80 से 100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है।

इसके लिए कुछ सावधानियां बरती गई हैं :- 

             *सावधानी के तौर पर इनसे जुड़े विभागों की तरफ से मछुआरों को समुद्र क्षेत्र में जाने को मना किया गया है। 

*दक्षिण भारत में आने वाली विभिन्न ट्रेनों को रोक दिया गया है। इनमें एक्सप्रेस , सवारी, मेल जैसी ट्रेनें हैं। जिन्हें पहले ही रद्द कर दिया गया। 

*बच्चों के स्कूल-कालेज बंद कर दिए गए हैं। 

*लोगों को सुरक्षित और सावधान रहने की सतर्कता दी गई हैं। 

*इसके अलावा "ऑरेंज अलर्ट" जारी किया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऑरेंज अलर्ट का मतलब होता है - जहां 115.6 किमी से 204.4 किमी तक की रफ्तार से भारी बारिश की संभावना हो .... ऐसे क्षेत्र में ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाता हैं। ताकि लोग सावधान रहें।

मौसम विभाग के अनुसार इस चक्रवात के कारण सबसे ज्यादा बारिश तामिलनाडु में होने की संभावना है। यहां के तटवर्ती क्षेत्रों में तूफान के साथ भीषण बारिश होने की संभावना जताई जा रही है। जिससे यहां के कई जिले प्रभावित हो सकते हैं।

सागर से उठ रहे इस तरह के चक्रवात तूफान का नाम रखने के लिए अलग-अलग देश को  एक-एक बार दायित्व सौंपा जाता है। अपनी तरफ से वे अपनी ही भाषा में नाम रखते है। सूत्रों की जानकारी से पता चला है मौसम विभाग की ऐसी परम्परा बतलाई जाती है। अतः मौसम विभाग आईएमडी (IMD) की ओर से बताया गया है इस बार "म्यांमार" ने इस चक्रवात तूफान का नाम "मिचौंग" रखा है....। 

इस साल के दिसम्बर के चक्रवात तूफान का नाम म्यांमार ने मिचौंग रखा है, जो बंगाल की खाड़ी से उठ रहे इस साल का चौथा चक्रवात (साइक्लोन) तूफान बताया जा रहा हैं। 

चक्रवात मिचौंग दक्षिण भारत के पांच राज्यों के कई क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता हैं। लेकिन खबरों के अनुसार उड़ीसा राज्य तट बरतीय क्षेत्र होने के बावजूद यहां सिर्फ मध्यम बारिश की संभावना जताई जा रही है। उड़ीसा में तूफान की आशंका नहीं है। फिर भी सरकार की ओर से समस्त तटीय क्षेत्रों को इस आपदा से बचाने की पूरी व्यवस्था की गई हैं....।

            "विज्ञान युग" के कारण पहले से ही मौसम विभाग को चक्रवात तूफान के बारे में जानकारी मिल जाती हैं। इसकी तीव्रता, बारिश की रफ्तार प्रतिघंटा मिमी, तूफान किस ओर से गुजरेगा, कितना ख़तरनाक हो सकता है इत्यादि अनेक बातें स्पष्ट कर ली जाती हैं। अतः "मिचौंग" के बारे में भी जानकारी ले ली गई हैं। और इससे निपटने के लिए भी पहले से तैयारियां कर ली गई हैं।

दोस्तों, खबरों के अनुसार "राष्ट्रीय संकट समिति" ने पहल करते हुए इस क्षेत्र से जुड़े लोगों, राज्य सरकार व केन्द्र सरकार के साथ एक समीक्षा अर्थात बैठक की....। जिसमें बचाव कार्य की समस्त तैयारी कर ली गई। जो इस प्रकार हैं.....।

बचाव व्यवस्था:- 

             ✓बचाव दल ✓तट रक्षक, ✓थल व नौ सेनाएं, ✓आपदा सेवाओं में =✓बिजली, ✓पानी, ✓भोजन, ✓दवाईयां, ✓आश्रय स्थान आदि बचाव व्यवस्था की गई हैं।

           हर चक्रवात तूफान का नाम अलग अलग देश को रखने का जिम्मा सौंपा जाता है। हर नाम के भी अलग-अलग अर्थ होते हैं। जिन्हें ध्यान में रखते हुए ही चक्रवात का नाम रखा जाता हैं। 

आज के इस चक्रवात तूफान के नाम का अर्थ बताया जा रहा है- ताकत....। जैसा कि लेख में पहले बताया गया है, बंगाल की खाड़ी से उठ रहे चौथे तूफान का नाम म्यांमार ने "मिचौंग" रखा है तो उनके द्वारा रखें गए इस शब्द का हिंदी अर्थ "ताकत" होता है....।

           खबरों के अनुसार बताया जा रहा है सही में यह "साइक्लोन" अपने नाम के अनुसार बहुत शक्तिशाली है। जो भयंकर रूप ले तटीय इलाकों को नुक़सान पहुंचाने आ गया है ......। 

उन क्षेत्रीय लोगों को प्रशासन के कहे अनुसार कदम उठाना चाहिए...... सावधानी बरतनी चाहिए.... ताकि चक्रवात से निपटा जा सके....।

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