🙏 दोस्तों,
आज का लेख विश्व विख्यात 'नोबेल पुरस्कार' पर आधारित है। नोबेल पुरस्कार का नाम बहुतों ने सुना जरुर होगा लेकिन इसकी बारीकी जानकारियों के बारे में हर कोई अवगत नहीं भी हो सकता। इसलिए आज के लेख में हम इस श्रेष्ठ पुरस्कार के कुछ तत्थों की चर्चा करेंगे।
"नोबेल पुरस्कार' दुनिया का "श्रेष्ठ पुरस्कार" माना जाता है। इस पुरस्कार से पुरस्कृत लोगों के सम्मान व मानव जाति के लिए उनके योगदान को सराहना के लिए हर वर्ष "10 दिसम्बर" को 'नोबेल पुरस्कार दिवस' मनाया जाता है।
*जान लेते है नोबेल क्या है...?
नोबेल एक प्रकार का 'सरनेम' होता है। भारत में जैसे अनेक पदवी या सरनेम होते है, वैसे ही नोबेल स्वीडन का एक सरनेम होता है। स्वीडन के एक प्रख्यात व्यक्ति का सरनेम नोबेल है। जिनके सरनेम के नाम पर इस पुरस्कार का नाम रखा गया।
लेकिन क्यों? चलिए आगे जान लेते है.....।
*प्रख्यात व्यक्ति का परिचय....
खबरों के अनुसार "आल्फ्रेद नोबेल" नामक स्वीडन के एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक व उद्योगपति थे। उनका जन्म स्वीडन में 1833 को हुआ था और उनकी मृत्यु 1896 में हुई थी। अपने जीवन काल में उन्होंने कई आविष्कार किये। जिसमें अत्यंत शक्तिशाली विस्फोटक "डायनामाइट" का अविष्कार विशेष है। जिसका आविष्कार उन्होंने किया था। परंतु बताया जाता है, इस भयंकर शक्तिशाली विस्फोटक के आविष्कार पर उन्हें अफ़सोस (नाश का) भी था।
*नोबेल पुरस्कार की शुरुआत कब और कैसे हुई...?
दोस्तों, कहा जाता है विश्व श्रेष्ठ नोबेल पुरस्कार के संस्थापक स्वीडन के वैज्ञानिक, 'आल्फ्रेद नोबेल' थे।
अपने मृत्यु से पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का एक वसीयतनामा तैयार किया था। जिसमें उल्लेख किया गया था मेरी संपत्ति के अधिकांश हिस्से का ब्याज पांच पुरस्कार के लिए दिया जाएगा। इसलिए विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य, शांति जैसे कई क्षेत्रों के लिए हर साल यह पुरस्कार दिया जाएगा।
उन्होंने कहा था - दुनिया में जो लोग मानव जाति के लिए सबसे बड़ा व उत्तम कार्य के माध्यम उनके हित या लाभ में स्थाई तौर पर काम करेगा, उन्हें पुरष्कृत किया जाएगा।
जैसा कि आल्फ्रेद नोबेल का जन्म 1833 में हुआ, उनकी मृत्यु 1896 में हुई और मृत्यु से पहले 1895 में उन्होंने वसीयतनामा तैयार किया था। जो बाद में नोबेल पुरस्कार बन गया।
इस प्रकार विश्व श्रेष्ठ नोबेल पुरस्कार बना। विश्व का पहला नोबल पुरस्कार 10 दिसम्बर 1901 में विल्हेम को "एक्स-रे" की खोज के लिए मिला। जो चिकित्सा जगत में मानव जीवन के लिए अत्यंत हितकारी साबित हुआ है। इसी कारण 10 दिसम्बर को नोबेल पुरस्कार दिवस मनाया जाता है।भारत की बात करें तो, पहले भारतीय नोबेल पुरस्कार विजेता विश्व गुरु कवि रविन्द्र नाथ टैगोर थे। जिन्हें साहित्य के लिए 1913 में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। वो दिन भारत के लिए एतिहासिक दिन था।दोस्तों, आजकल देश में इतिहास रचने का ट्रेंड चल रहा हैं। लेकिन इतिहास कैसे बनाएं यह जानने के लिए हमें पिछे मुड़कर देखना और सीखना होगा। यूं ही बोल देने से इतिहास रचा नहीं जाता। उसके लिए उत्तम निःस्वार्थ कार्य मानव जीवन के हित हेतु करना आवश्यकता होता हैं। जिन्होंने इतिहास रचा या जिनके चलते इतिहास बना उनकी उपलब्धियों से बहुत कुछ सीखना पड़ेगा तब कहीं मानव जाति के हित हेतु हम अच्छा कार्य कर सकते हैं। मानव जाति के लिए किये गये हमारे उत्तम योगदान की चर्चा हम नहीं दुनिया करेगी। हमारे मरणोपरांत भी करेगी, वहीं सही मायने में इतिहास बनेगा।
आल्फ्रेद नोबेल, एक्स-रे की खोज, साहित्यकार आदि जैसे महान व्यक्तियों ने बिना हो हल्ला के इतिहास रचा था।
खैर, दोस्तों अब आगे जान लेते हैं- *नोबेल पुरस्कार कैसे दिया जाता है तथा इसमें क्या पुरस्कृत किया जाता हैं .....?
खबरों के अनुसार-
1) नोबेल पुरस्कार के लिए पहले नामांकन पत्र भरा जाता है। इसका समय सितंबर से फरवरी तक का बताया जाता हैं।
2) नोबेल समिति नामांकित किए गए लोगों का नाम चयन करती हैं।
3) फरवरी से मार्च के बीच एक लिस्ट तैयार किया जाता है।
4) मार्च से अगस्त तक के बीच एडवाइजरी रिव्यू के लिए भेजा जाता है।
5) अक्टूबर माह में नोबेल समिति, नाम का चयन करती है।
6) दिसंबर में चयन किए गए व्यक्ति का नोबेल समिति सदस्यों के बीच वोटिंग होती हैं और इस तरह नोबेल पुरस्कार के लिए व्यक्ति को सिलेक्ट किया जाता है।
7) चयन किए गए नाम को दिसंबर में नोबेल पुरस्कार से नवाजा जाता है। लेकिन इसमें कहा गया है कि यह पुरस्कार सिर्फ "जीवित व्यक्ति" के लिए ही चयन किया जाता है। हां, अगर चयन के बाद व्यक्ति की किसी कारणवश मृत्यु हो जाती है तो पुरस्कार उनके परिवार को दे दिया जाता है। लेकिन मृत्य व्यक्ति का अर्थात समिति में मृत्यु के बाद व्यक्ति का चयन नहीं होता।
चलिए अब जान लेते हैं नोबेल पुरस्कार में क्या पुरस्कृत किया जाता हैं- *एक स्वर्ण पदक, *डिप्लोमा, *10मिलियम स्विडिश.....।
नोबेल पुरस्कार को दुनिया का एक अत्यंत सम्मानित व सर्वोच्च पुरस्कार माना जाता है। "नोबेल पुरस्कार दिवस" मनाने का कारण है - दुनिया के जिन लोगों ने अपनी उपलब्धियों से मानव जीवन में स्थाई रूप से हित कार्य का प्रभाव डाला हैं उनके सम्मान में, उनके कार्यों की सीख को समझने हेतु हम यह दिवस मनाते हैं।
आपका यह भी जानना जरूरी है कि इस साल अर्थात 2023 को नोबल पुरस्कार से किसे नवाजा गया....?
दोस्तों, 51 वर्षिय ईरानी महिला "नरगिस मोहम्मदी" जिन्हें अपने देश में महिलाओं के अधिकारों, लोकतंत्र के लिए अभियान चलाने तथा मृत्यु दंड के खिलाफ मुखर रहने के लिए इस साल (2023) के विश्वप्रसिद्ध श्रेष्ठ नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
______________