शीतलहर......

🙏 दोस्तों,

                    भारत में सर्दी वाले मौसमी शीत और उसकी लहर शुरू हो चुकी है। कुछ दिनों में ही मकर संक्रांति और गंगासागर स्नान यात्रा प्रारम्भ होने वाली हैं। अतः कड़ाके की ठंड पड़ना स्वाभाविक है। लेकिन किसी साल सर्दी थोड़ी कम पढ़ती है तो किसी साल ज्यादा.... ऐसा भी सुनने में आता है पिछले कई सालों के रेकॉर्ड इस साल टूट गए हैं....।

खैर, भारतीय मौसम विभाग के अनुसार इस साल अर्थात 2024 के जनवरी माह में पिछले दो दिनों से देश के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ गई है। 

        भारत के 4 राज्यों में शीतलहर का अनुमान जताया जा रहा हैं वहीं दूसरी ओर देश के अन्य क़रीब 14 राज्यों में घना कोहरा बताया जा रहा हैं। साथ ही हल्की तथा भारी (मूसलाधार ) बारिश और ओले (बर्फ़) गिरने की संभावना भी है। मौसम विभाग के अनुसार भी इस तरह की ठंड की चपेट से अभी राहत नहीं मिलेगी।

        भारतीय मौसम विभाग का कहना है देश की राजधानी दिल्ली के अलावा राजस्थान, पंजाब तथा हरियाणा इन चार राज्यों में शीतलहर का प्रकोप जारी हो चुका हैं।

         शीतलहर की बात करें तो इसका मतलब यह है कि- ठंड के दिनों में तापमान करीब 5 से 7 डिग्री के नीचे चला जाए और तेज ठंड हवा बहे तो वो शीतलहर कहलाता है। ऐसी ही परिस्थिति देश के इन चार राज्यों की बताईं जा रही हैं। यहां का तापमान 7 डिग्री के नीचे आ गया है साथ ही ठंडी हवा चल रही है।

भारत के उत्तर, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, दक्षिण भारत क्षेत्रों में घना कोहरा व बारिश जारी हो चुका हैं। लगभग 14 राज्यों में घना कोहरा छाया हुआ है।

आसान शब्दों में जमीनी बादलों को कोहरा कहते है। ठंड की वजह से हमारे आसपास या थोड़े ऊपर की ओर नन्हें- नन्हें पानी की बूंदें जमा हो जाते हैं वहीं कोहरा होता हैं। उससे आस-पास की या दूर की कुछ दिखाई नहीं देती।

भारत के जिन राज्यों में शीतलहर और कोहरा के कारण कड़ाके की ठंड पड़ गई है सरकार की ओर से वहां कुछ दिनों के लिए बच्चों के स्कूलों (Schools) की छुट्टी करवा दी गई हैं। जानकारी के अनुसार प्री-प्रायमरी से करीब आठवीं कक्षा तक वाले बच्चों को घर पर रहने की सलाह दी गई हैं।

दरअसल, ठंड के कारण खासकर बच्चों और बुजुर्गो को काफी शारीरिक परेशानी होती हैं। सर्दी-जुकाम-खांसी, निमोनिया तथा हृदय पर भी इसका प्रभाव पड़ता हैं। इसलिए सरकार की ओर से कुछ ठोस कदम उठाए गए हैं और कुछ सलाह भी दी जा रही हैं। 

सलाह के तौर पर कहा जा रहा हैं- जहां तक हो सके घरों से कम निकले, गर्म व मोटे कपड़े पहने। कान, पैर व नाक जरुर ढक कर रखा जाए।

सूत्रों से जानकारी मिली है सड़क किनारे, फूटपाथ पर जो लोग ठंड गुजारने के लिए मजबूर हैं उनके लिए सरकार की ओर से नैन बसेरा की व्यवस्था राजधानी दिल्ली में कई गईं हैं। ऐसे लोग वहां ठंड से बचते हुए रात गुजार सकते हैं।

कोहरे के कारण बताया जा रहा है यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो रही हैं। कई ट्रेनें, बस व हवाई जहाज के आने-जाने में देरी हो रही हैं। समय परिवर्तन करवाया जा रहा हैं या कई कैंशल करवाएं जा रहें हैं।

खबरों के अनुसार ठंड के कारण कृषि क्षेत्र में भी समस्या आ रही हैं।

कश्मीर में हिमपात के साथ तापमान 5 डिग्री से अधिक निचे गिर गया है। पिछले शनिवार की रात से यहां भयंकर ठंड पड़ी है। 

खबरों के अनुसार यहां के जलाशयों के पानी के ऊपरी सतह पर बर्फ की परत जम गई है। नलों के पाइपों में भी बर्फ जम गए हैं। हांलांकि जम्मू-कश्मीर में हमेशा कड़ाके की ठंड पड़ती है। ख़ास कर यहां के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी के कारण अत्यधिक ठंड पड़ती है।

मौसम विभाग के अनुसार देश भर में पड़ी कड़ाके की ठंड और शीतलहर अभी कम नहीं होगी। बल्कि ठंड और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

दोस्तों, प्राकृतिक नियमानुसार मौसम के हिसाब से उसका (ऋतु) प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है और पड़ना भी चाहिए। वरना बीमारी का डर रहता है। दूसरी ओर हमें हर मौसम के प्रभाव से अपने को बचाए रखना भी है वरना तब भी दिक्कत झेलनी पड़ती है। अतः कड़ाके की ठंड से फिलहाल हम सभी को बचना व सावधान रहना है।

साथ ही हो सके तो हमें असहाय जीव-जंतु, जो हमारे इर्द-गिर्द हो तथा मजबूर इंसान, जो हमारे नजरों में पढ़ें उनकी ओर भी ऐसे में मदद का हाथ बढ़ाना चाहिए ....

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