🙏 दोस्तों,
साल 2024 के फरवरी महीने का यह सप्ताह काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कारण इस सप्ताह राजनीति, ऋतु परिवर्तन, विद्या देवी, प्यार, हिंसा, मांग आदि मामलों में कुछ खास होने वाला है। परंतु लेख में हम चर्चा करें सिर्फ मांगों की... क्योंकि यह मांगे कृषि प्रधान देश भारत के किसानों की हैं।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार कल यानी 13 फरवरी (2024) को देश के कुछ राज्यों के कृषि संगठनों द्वारा दिल्ली में प्रदर्शन करने की खबर है। सरकार द्वारा वादा खिलाफी के विरोध और अपनी मांगे पूरी करवाने के उद्देश्य से ही संभवतः जंतर-मंतर पर किसानों द्वारा प्रदशर्न किये जाने की बात है।
दोस्तों, आपको याद दिला दे कि पहले भी किसानों द्वारा 2021 के शुरू में आंदोलन हुआ था। बात तीन कृषि कानून की थी। महिनों प्रदर्शन चला। जिस दौरान करीब 700 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुके थे। अब फिर से मंगलवार (13फरवरी) को प्रदर्शन किये जाएंगे। ऐसी खबर सामने आ रही है। किसानों की ओर से दिल्ली कूच की पूरी तैयारी है।
मिडिया खबरों से पता चलता है किसानों द्वारा प्रदशर्न और सरकार द्वारा रोक व सुरक्षा व्यवस्था दोनों अपनी-अपनी जगह काफी मजबूती लिए हुए हैं.....।
प्रदर्शन व्यवस्था:-
प्रदर्शनकारी किसान संगठनों का दावा है दिल्ली क्षेत्र में नोएडा शहर, जो की हमारे करीब 81 गांवो के जमीनों के अधिग्रहण से बना है। जिसके बदले हमें मुआवजा देने की बात थी। पर...
81 गांवों में करीब 16 गांव के किसानों को 5% प्लॉट और मुआवजा दिया गया है। लेकिन बाकी को न देने की बात कही गई है। इसी मांग के लिए किसान संगठनों का प्रदर्शन है। इसके अलावा और मांगों में- दोगुनी आमदनी, तीन किसान कानून, किसानों पर चल रहे मुकदमे वापस, पिछली बार प्रदर्शन के दौरान जान गवाने वाले किसानों के परिवार को पूर्नवास, लखीमपुर कांड (किसानों को कुचल कर मारने) में आरोपियों को सजा तथा किसानों को न्याय जैसी कई मांगें शामिल हैं।
किसानों का कहना है सरकार हमारे साथ बैठक करती हैं, बातचीत करती हैं, हमें आश्वासन देती हैं, हमसे वादा भी करती है। पर सब झूठ...।
हम उन्हीं के कहे को मान कर चलते हैं लेकिन हमें धोखे में रखा जाता हैं। हमसे वादा खिलाफी की जाती हैं।
महीनों बीत जाते हैं पर हमसे वादा करने और कहने के अनुसार सरकार कार्य नहीं करती। हम इंतजार करते रह जाते हैं। हमसे निभाएं वादे तोड़े जाते हैं। अतः हमारी मांगों के लिए प्रदर्शन के अलावा दूसरा विकल्प हमारे पास नहीं है।रिपोर्ट के अनुसार इस बार 20.000 किसान 2000 ट्रेक्टरों के साथ लम्बे समय के लिए राशन-पानी की व्यवस्था के साथ दिल्ली की ओर कूच करने की ठाने है। और उनका कहना है लंबे समय से इंतजार करने के बाद अब हम हमारी मांगे मनवाकर ही मानेंगे।
जब भी हम आन्दोलन या प्रदर्शन के जरिए अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखना चाहते हैं तभी सरकार की ओर से हमारे साथ बातचीत की जाती है, बैठकें की जाती हैं, वादे किए जाते हैं और हमें रोक दिया जाता हैं।
इसलिए किसान अब किसी भी तरह के बहकावे में नहीं आने वाली हैं। उनका कहना है हमारी मांगे मानें अन्यथा देश व्यापी वृहद रुप में संदेश जाएगा....।
13 फरवरी के प्रदर्शन के अलावा और भी दूसरे अनेक किसान संगठनों द्वारा 16 फरवरी को एक दिन के लिए ग्रामीण भारत बंद किया जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था:-
किसानों के दिल्ली प्रदर्शन को रोकने के लिए सरकार द्वारा व्यवस्था ली गई है।
सूत्रों के अनुसार तीन केन्द्रीय मंत्री किसान संगठनों से बातचीत के लिए उनके पास जा रहे हैं। बैठक के जरिए उन्हें समझने की कोशिश की जाएगी...।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार तीन-चार राज्यों की सीमाओं को सील कर दिया गया है...।
सीमाओं में बालू-सीमेंट की बोरियां, कंटेनर, पत्थर, बैरीकेड आदि से रास्ते रोक दिए गए हैं। ताकि किसान किसी भी सूरत में ट्रेक्टर के साथ दिल्ली प्रवेश न कर सके...।
करीब 7 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दिया गया है। बताया जा रहा है 11 फरवरी सुबह से 13 फरवरी रात तक इंटरनेट और मोबाइल बंद कर दिया गया है...।
जिन राज्यों से किसानों द्वारा प्रवेश कर दिल्ली प्रदर्शन किया जाएगा वहां के गांवों में पुलिस के माध्यम प्रचार (अनाउंस) करवाया जा रहा है- गांव का कोई भी दिल्ली न पहुंचे। अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी और पासपोर्ट भी रद्द कर दिया जाएंगे...।
ऐसे में विदेश में पढ़ाई, कमाई या अन्य कार्यों पर प्रभाव पड़ सकता है।
दिल्ली पहुंचने वाले हाईवे को बंद कर दिया गया हैं...।
सैकड़ों जगह नाकाबंदी, करीब 12 जिलों में 144 धारा लागू किया गया है। 5 से ज्यादा लोग इकट्ठे होते देख उन्हें तुरंत रोका जाएगा।
राजधानी दिल्ली सीमा, पंजाब, हरियाणा, उ. प्र., चंडीगढ़ वगैरह राज्यों की सीमाओं पर पुलिस तैनात कर दिए गए हैं।
इस तरह विभिन्न प्रकार से किसानों के दिल्ली कूच को सुरक्षा के साथ रोकने की पूरी व्यवस्था सरकार की ओर से कर ली गई हैं।
दोस्तों, किसी भी देश का खास कर हमारे देश का किसान और जवान हमारे गर्व है।इसलिए हमारा नारा है- जय जवान, जय किसान...
अतः सरकार को चाहिए किसानों की जरुरतों पर ध्यान दें, उनकी सूने। उन्हें बहकावे में न रखें क्योंकि कहीं न कहीं पूरा देश उनपर निर्भर है...।
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